चंडीगढ़ : पंजाब में किसानों के मुद्दे पर अपनी ही पार्टी के खिलाफ बोलने वाले पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक अनिल जोशी (anil joshi) को बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया है. शनिवार को बीजेपी ने अनिल को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. बीजेपी की राज्य इकाई ने जोशी को उनकी ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इस नोटिस का जवाब देने के बाद जोशी के खिलाफ यह कार्रवाई की गई है.
वहीं आज अनिल जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा मैं आज किसानों के साथ खड़ा हूं, इसलिए बीजेपी ने मुझे पार्टी से निकाल दिया है. मैंने पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर काम किया है. पार्टी को मजबूत किया है, उन्होंने कहा पंजाब के कुछ नेताओं ने मुझे पार्टी से निकाल दिया है, लेकिन मुझे लगता है कि किसानों के लिए खड़े होने के लिए मुझे पुरस्कृत किया गया है. मुझे पार्टी से निकाल सकते हैं लोगों के दिलों से नहीं निकाल सकते.
पढ़ें : पंजाब भाजपा ने राज्य के पूर्व मंत्री जोशी को छह साल के लिए किया निष्कासित
दरअसल कुछ दिन पहले अनिल जोशी ने पार्टी की सीनियर लीडरशिप पर सवाल खड़े करते हुए ये बयान दिया था कि केंद्र सरकार को किसानों के मुद्दे पर किसान संगठनों से बातचीत करके हल निकालना चाहिए नहीं तो पंजाब में पार्टी को नुकसान उठाना होगा. जोशी ने पंजाब भाजपा अध्यक्ष शर्मा से पूछा कि क्या किसानों के बारे में बात करना अनुशासनहीनता है. उन्होंने पूछा, क्या आढ़तियों, उद्योगपतियों, छोटे व्यापारियों और मजदूरों के बारे में बात करना अनुशासनहीनता है.
उन्होंने दावा किया कि कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहे हैं. उन्होंने पंजाब भाजपा प्रमुख से पूछा कि क्या पार्टी को बचाने के लिए सुझाव देना अनुशासनहीनता है. जोशी ने यह भी कहा कि शुरू में राज्य में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों की कुछ मांगें थीं और अगर भाजपा की पंजाब इकाई ने कुछ प्रयास किए होते तो इन मांगों से निपटा जा सकता था.
जोशी कृषि कानूनों पर केंद्र को सही फीडबैक नहीं देने के लिए पार्टी के राज्य नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं. उन्होंने कहा था कि पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए अपने घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है.