मुंबई : न्यायमूर्ति नितिन जमादार और न्यायमूर्ति एसवी कोतवाल की पीठ ने देशमुख की याचिका पर दोनों पक्षों को विस्तार से सुनने के बाद कहा कि इस पर आदेश बाद में सुनाया जाएगा. देशमुख ने इस याचिका में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उन्हें जारी किए गए समन और मामले में पूरी कार्यवाही रद्द करने का अनुरोध किया है.
प्रवर्तन निदेशाल के समक्ष पेश होने में नाकाम रहे देशमुख ने अपने वकील के माध्यम से कहा कि वह कल जांच एजेंसी के सामने पेश होना चाहते हैं लेकिन एजेंसी उनके खिलाफ असहयोग भरा रवैया अपनाने की छवि बना रही है. ईडी की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने अदालत से कहा कि यदि देशमुख द्वेष का आरोप लगा रहे हैं तो उन्हें ऐसे लोगों को अपनी याचिका में पक्षकार बनाना चाहिए, जिन पर वह हत्यारे और जबरन वसूली करने वाला होने का आरोप लगा रहे हैं.
देशमुख की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने पीठ से कहा कि उनके खिलाफ दलीलें मनगढ़ंत हैं. चौधरी ने पीठ से अन्य राहतों के अलावा ईडी द्वारा राकांपा नेता को जारी किए गए समन रद्द करने का अनुरोध किया. लेखी ने हालांकि इस बात से इंकार किया कि केंद्रीय एजेंसी की जांच दुर्भावनापूर्ण या निर्धारित प्रक्रिया का उल्लंघन थी. लेखी ने कहा कि देशमुख कानून से ऊपर नहीं हैं और ईडी के सामने पेश होने और उसके समन का जवाब देने के लिए उत्तरदायी हैं.
देशमुख ने ईडी के समक्ष व्यक्तिगत पेशी से छूट का अनुरोध अदालत से किया. देशमुख ने मामले में उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने के लिए ईडी और सीबीआई को अंतरिम निर्देश देने का भी अनुरोध किया. सीबीआई द्वारा इस साल 21 अप्रैल को राकांपा नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार और आधिकारिक पद के दुरुपयोग के आरोप में प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद ईडी ने देशमुख और अन्य के खिलाफ जांच शुरू की है.
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सीबीआई ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार और कदाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच (पीई) के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी. परमबीर सिंह जबरन वसूली के आरोपों का सामना कर रहे हैं जिसकी जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा की जा रही है.
(पीटीआई-भाषा)