कल्लूर: देश में टमाटर की आसमान छूती कीमतों के चलते एक ओर जहां आम लोगों की जेब पर कीमतों का बोझ पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ किसानों की जेबें अप्रत्याशित मुनाफे से भर रही हैं. आंध्र प्रदेश का चित्तूर जिला, जहां टमाटर बहुतायत में उगाए जाते हैं. यहां एक किसान परिवार ने केवल एक महीने में 3 करोड़ रुपये की आय अर्जित की.
इस बात का अनुमान लगाते हुए कि गर्मी के बाद आने वाली फसल की अच्छी कीमत मिलेगी, इस किसान परिवार ने जून और जुलाई में फसल प्राप्त करने के लिए दो साल तक टमाटर की खेती की. जिले के सोमला मंडल के करकमंदा गांव के पी चंद्रमौली, उनके छोटे भाई मुरली और उनकी मां राजम्मा मिलकर खेती करते हैं.
उनके पास अपने गृहनगर कराकमंदा में 12 एकड़ का खेत और पुलिचेरला मंडल के सुव्वारापुवारीपल्ले में 20 एकड़ का खेत है. यहां पर टमाटर की खेती वर्षों से की जा रही है. चंद्रमौली लगातार आधुनिक खेती के तरीकों, नई तकनीकों और विपणन रणनीतियों के बारे में अपनी जागरूकता बढ़ाते रहे हैं. किसान परिवार ने यह माना कि गर्मियों के बाद आने वाली टमाटर की पैदावार अच्छी कीमत दिलाएगी और इस प्रकार, अप्रैल में पौधे लगाए जाने पर जून तक उपज शुरू करने का अनुमान लगाया.
परिवार ने 7 अप्रैल को 22 एकड़ में साहू किस्म के टमाटर के पौधे लगाए. वन खेती प्रणाली में मल्चिंग और सूक्ष्म सिंचाई विधियों का पालन किया. जून के अंत में उपज शुरू हो गई. यह उपज कर्नाटक के कोलार बाजार में बेची गई, जो जिले के करीब है. जानकारी के अनुसार कोलार बाजार में टमाटर के 15 किलो के डिब्बे की कीमत 1000 से 1500 रुपये के बीच है.
किसान ने कहा कि अब तक 40 हजार बक्से बेचे जा चुके हैं और 4 करोड़ रुपये की आय हुई है. उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि 22 एकड़ में 3 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से निवेश 70 लाख रुपये का निवेश किया. बाजार में कमीशन 20 लाख रुपये, परिवहन व्यय 10 लाख रुपये खर्च किया, जिसके बाद किसान की आय 3 करोड़ रुपये हुई.