श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के अनंतनाग मुठभेड़ में शहादत को प्राप्त डीएसपी हुमायूं मुजामिल भट ने दम तोड़ने से पहले अपने परिवार से बात की थी. वह इस मुठभेड़ में शहीद हुए तीन अधिकारियों में से एक थे. बताया जाता है कि डीएसपी हुमायूं ने अपने पिता को कॉल पर बताया था कि जंगल में आतंकवादी हैं और किसी भी वक्त उनकी गोली हुमायूं के सीने को छलनी कर सकती हैं. यहां तक कि जवान भी उन्हें बचा नहीं पाएंगे.
डीएसपी हुमायूं भट के साथ हुई आखिरी बार बातचीत को खुद उनके पिता गुलाम हसन भट्ट ने अपनी नम आंखों से साझा किया. उन्होंने बताया, "बुधवार को, हुमायूं ने घायल होने के बाद करीब दोपहर 2:30 बजे वहाट्सएप्प पर वीडियो कॉल कर अपने परिवार और सहकर्मियों से बात की. शहीद डीएसपी के पिता, जो खुद भी एक पूर्व पुलिस अधिकारी थे, ने हूमायूं को पहाड़ी से नीचे उतरकर सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा, लेकिन उनके हाथों और पैरों में जान नहीं बची थी, कि वो अपनी जगह से कहीं हिल पाते. डीएसपी ने अपने पिता से कहा, "मैं अपने पैर नहीं हिला पा रहा हूं. मुझे बचाना जवानों के लिए भी मुश्किल हो रहा है." और ये जानने के बाद पिता पर क्या बीती होगी, ये आप भी जानते हैं.
गौरतलब है कि अनंतनाग के कोकेरनाग में तीन दिन से सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है. इस बीच आतंकवादियों की गोली से तीन अधिकारी शहीद हो चुके हैं, जिनमें से एक डीएसपी हुमायूं मुजामिल भट शामिल हैं. 34 वर्षीय हुमायूं की पिछले साल ही शादी हूई थी. वो अपने पीछे मात-पिता, पत्नी फातिमा, नवजात बेटी और एक बहन छोड़ गए हैं. डीएसपी हुमायूं के पिता गुलाम हसन भट्ट पुलिस महानिरीक्षक पर पर सेवानिवृत्त हुए थे.