चंडीगढ़: हरियाणा में शानदार सफलता के साथ दूसरा चरण पूरा कर राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही भारत जोड़ो यात्रा (rahul gandhi bharat jodo yatra in haryana) अब अंबाला से पंजाब की तरफ आगे बढ़ गई है. हरियाणा में 8 दिनों में 7 जिलों को कवर करते हुए 255 किलोमीटर यात्रा हुई. गुरुद्वारा फतेहगढ़ साहिब में मत्था टेकने के बाद बुधवार सुबह पंजाब के सरहिंद में ध्वज हस्तांतरण समारोह होगा. राहुल गांधी ने पहले चरण के आखिर में फरीदाबाद की रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि 'हरियाणे का तो कोई जवाब ही नहीं. अब दूसरे चरण की समाप्ति पर अंबाला के मोहड़ा में उन्होंने कहा कि 'हरियाणा ने दिखा दिया कि वो क्या है और क्या कर सकता है'. उनकी बात से स्पष्ट है कि राहुल गांधी यहां मिले जनसमर्थन से कितने प्रभावित हुए हैं.
हरियाणा में दो चरणों में भारत जोड़ो यात्रा: हरियाणा में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा दो चरणों में हुई पहले चरण में यात्रा 3 जिलों में चली जिसमें नूंह गुरुग्राम और फरीदाबाद शामिल था. अपने दूसरे चरण में यह यात्रा जीटी रोड बेल्ट से होकर गुजरी, जिसमें पानीपत करनाल कुरुक्षेत्र और अंबाला जिला शामिल रहा. हालांकि इस बेल्ट में 2014 के मुकाबले 2019 में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया था. इन दोनों चरणों में यात्रा के राजनीतिक मायने क्या है? उस पर चर्चा हो सकती है, लेकिन कुल मिलाकर इस यात्रा से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हरियाणा में फिर से कांग्रेस के एक मजबूत नेता के तौर पर उभरे हैं.
इस पूरी यात्रा में जिस तरीके से भीड़ जुटाने में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके गुट के माने जाने वाले नेताओं ने भीड़ जुटाई है वह निश्चित तौर पर ही उनकी मजबूती को दर्शाती है. वहीं, यह भी सब जानते हैं कि हरियाणा में कांग्रेस गुटों में बंटी है, लेकिन राहुल गांधी की इस यात्रा में सभी गुट एक साथ दिखाई दिए. जिसके सहारे हरियाणा कांग्रेस ने एकजुट होने का संदेश भी दिया. हालांकि कुछ नेताओं का दर्द गाहे-बगाहे बाहर निकल आता है.
हरियाणा में भारत जोड़ो यात्रा के मायने: दो चरणों में हुई राहुल गांधी की हरियाणा में भारत जोड़ो यात्रा का क्या रहेगा प्रदेश में असर? क्या राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से हरियाणा में 2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिल पाएगा इसका लाभ? क्या कांग्रेस खुद को इस यात्रा के सहारे कर पाएगी हरियाणा में मजबूत? क्या सत्ता में वापसी का रास्ता बनेगी राहुल गांधी की भारत छोड़ो यात्रा? ये ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब जानना भी जरूरी है.
इन सभी सवालों को लेकर हमने राजनीतिक मामलों के जानकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह से बात की. जब उनसे सवाल किया कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का हरियाणा में क्या असर रहेगा ? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह एक बहुत बड़ी राजनीतिक यात्रा है. जहां तक देश में यात्राओं का सवाल है तो हर राजनीतिक यात्रा का निश्चित तौर पर ही अलग-अलग दलों को अलग-अलग समय में फायदा मिला है. वे कहते हैं कि राहुल गांधी का यह प्रयास निश्चित तौर पर हरियाणा में कांग्रेस को लाभ तो देगा. हालांकि 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव होने हैं तब तक इस यात्रा का जनता के मस्तिष्क पर कितना प्रभाव रहता है यह उस वक्त की स्थितियों पर निर्भर करेगा.
क्या हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिलेगा भारत जोड़ो यात्रा का लाभ?: हरियाणा में 2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिल पाएगा इसका लाभ? इस सवाल के जवाब में प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि वर्तमान परिस्थितियों को अगर देखा जाए तो निश्चित तौर पर ही इसका लाभ कांग्रेस को 2024 में मिलेगा, लेकिन वे कहते हैं कि राजनीति में समय और परिस्थितियां बड़ी तेजी से बदलती हैं, ऐसे में अभी भी करीब डेढ़ साल का वक्त लोकसभा चुनाव और करीब 2 साल का वक्त विधानसभा चुनावों के लिए प्रदेश में है. इतनी लंबी अवधि को लेकर वे कहते हैं कि हो सकता है कि तब तक हालात कुछ अलग हो जाएं. लेकिन वह कहते हैं राहुल गांधी की यात्रा का यह प्रयास निश्चित तौर पर ही आज के दौर में राजनेताओं के लिए एक बड़ा संदेश तो है ही.
क्या कांग्रेस खुद को इस यात्रा के सहारे कर पाएगी हरियाणा में मजबूत?: इस सवाल के जवाब में प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि कांग्रेस हरियाणा में एक मजबूत विपक्ष के तौर पर वर्तमान में भी है. वहीं, इस यात्रा के सहारे कांग्रेस पार्टी से दूर हो रहे कार्यकर्ताओं को जरूर इकट्ठा करने में कामयाब होगी. वहीं वे कहते हैं कि हरियाणा में कांग्रेस अंदरूनी लड़ाई से ज्यादा परेशान है ना कि पार्टी के हिसाब से. इसलिए वे मानते हैं कि हरियाणा में अगर कांग्रेस को आने वाले समय में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करना है, तो पहले उन्हें आपसी मनमुटाव को कम करना होगा, तभी राहुल गांधी की इस यात्रा का भी पार्टी को सीधा लाभ 2024 में मिल पाएगा.
क्या सत्ता में वापसी का रास्ता बनेगी राहुल गांधी की भारत छोड़ो यात्रा?: इस सवाल के जवाब में गुरमीत सिंह कहते हैं कि सत्ता में कांग्रेस की वापसी पार्टी से ज्यादा लोगों पर निर्भर करती है. लोकतंत्र में जनता सबसे बड़ा निर्णय लेती है. ऐसे में राहुल गांधी की यात्रा निश्चित तौर पर ही कांग्रेस को मजबूती तो देती हुई दिखाई दे ही रही है, लेकिन सत्ता में कांग्रेस को लाना है या नहीं यह जनता पर भी निर्भर करता है. ऐसे में राहुल गांधी का यह प्रयास निश्चित तौर पर ही जनता को पार्टी के साथ जोड़ने के तौर पर देखा जा सकता है. हालांकि उनकी इस यात्रा के बाद कांग्रेस के वोट बैंक को कितना फायदा मिलता है वो तो समय के गर्भ में ही छुपा है.
वही वे यह भी मानते हैं कि राहुल गांधी का इतनी लंबा यात्रा करने का यह प्रयास राजनीतिक दृष्टि से बहुत बड़ा कदम है. जिसका कांग्रेस निश्चित तौर पर ही आने वाले 2024 के चुनाव में फायदा उठाना चाहेगी. वे यह भी कहते हैं कि इस यात्रा से राहुल गांधी ने अपनी छवि को जनता के बीच बदलने में कहीं ना कहीं कामयाबी तो हासिल जरूर की है. लेकिन वे मानते हैं कि राजनीति में कुछ भी स्थाई नहीं है ऐसे में जनता किस चीज को लेकर किसी दल के साथ खड़ी हो जाए कहा नहीं जा सकता.
'हर वर्ग को लोगों ने भारत जोड़ो यात्रा का किया समर्थन': वहीं, हरियाणा में भारत जोड़ो यात्रा खत्म होने पर पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष भूपेन्द्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) ने कहा कि पानीपत की ऐतिहासिक भारत जोड़ो रैली और भारत जोड़ो यात्रा (rahul gandhi bharat jodo yatra) ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भर दिया है. भीषण ठंड और कोहरे के बावजूद जिस तरह भारी तादाद में किसान, मजदूर, युवा, महिलाएं, बुजुर्ग, बच्चे, व्यापारी तथा कर्मचारी ही नहीं हर वर्ग के लोग अपने घरों से निकल कर महंगाई, बेरोजगारी और समाज में फैलाए जा रहे डर और नफरत के माहौल को खत्म करने के लिए समर्थन देने आए.
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उससे स्पष्ट है कि यह यात्रा अब जन-आंदोलन बन चुकी है. भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा में यात्रा की सफलता का पूरा श्रेय हरियाणा की जनता के स्नेह व समर्थन को दिया. उन्होंने प्रदेश कांग्रेस के नेताओं व कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया, जो रात-दिन एक करके तैयारियों में लगे रहे. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की यह यात्रा देश को मजबूत बनाने के लिये इतिहास में लिखी जायेगी. (rahul gandhi on bharat jodo yatra in haryana)
हरियाणा की सड़कों की हालत दयनीय: हरियाणा में सड़कों की बेहद दयनीय हालत की चर्चा करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में सड़कों की हालत खस्ता है. यात्रा के दौरान सड़कों में गड्डे नहीं गड्डों में सड़क मिली. 8 साल से मौजूदा सरकार ने सड़कों की मरम्मत तक नहीं की. उन्होंने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस सरकार आने पर इस समस्या पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. हरियाणा आज बेरोजगारी, महंगाई, नशाखोरी में नंबर 1 है. अंबाला में राहुल गांधी ने बेरोजगार युवाओं और पंचायतीराज संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. इससे पहले अंबाला के वैज्ञानिक उपकरणों से जुड़े एमएसएमई के प्रतिनिधियों ने भी राहुल गांधी से मुलाकात की.
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जवान, किसान और खिलाड़ियों से मिले राहुल: प्रदेश कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि महिला दिवस के दिन भारी तादाद में महिलाएं पूरे दिन यात्रा में मौजूद रहीं और राहुल गांधी से चर्चा की. राहुल गांधी ने भी उनके मन की बात सुनी. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान ने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी, BJP-JJP सरकार के भ्रष्टाचार और कुशासन से छुटकारा पाने के लिए हरियाणा की जनता भीषण ठंड और कोहरे की परवाह किए बिना भारी तादाद में यात्रा में शामिल हुई. उन्होंने बताया कि राहुल गांधी ने किसानों, जवानों और पहलवान यानी खिलाड़ियों से अलग-अलग मुलाकात की हैं और उनकी समस्याओं को सुना है.
किसान संगठनों ने बताई अपनी मांगें: हरियाणा समेत देश के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने राहुल से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने उनके सामने अपनी मांगें रखी हैं. किसान प्रतिनिधियों ने MSP गांरटी कानून लागू करने, भूमि अधिग्रहण कानून में संशोधन करने की प्रमुख मांग से राहुल गांधी को अवगत कराया. पत्रकार वार्ता में AICC संचार प्रभारी जयराम रमेश, नेता प्रतिपक्ष चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा, हरियाणा कांग्रेस प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष चौ. उदयभान, भारत जोड़ो यात्रा के संयोजक राव दान सिंह समेत कांग्रेस विधायक व पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे.