गुवाहाटी : असम सरकार के साथ-साथ प्रतिबंधित संगठन के स्वर में भी बदलाव आया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या उल्फा के प्रमुख (स्वतंत्र) परेश बरुआ उर्फ परेश असोम वार्ता की मेज पर आएंगे? हालांकि सरकार और उल्फा गुट के बीच बातचीत के बारे में कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला है.
वहीं, असम में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व में नव निर्वाचित सरकार ने उल्फा गुट से बातचीत के लिए आगे आने की अपील की थी.
उल्लेखनीय है कि उल्फा (आई) ने भी हाल ही में सरकार के साथ तीन महीने के लंबे युद्धविराम की घोषणा की थी.
बता दें कि हाल ही में मुख्यमंत्री की अपील पर प्रतिबंधित संगठन उल्फा (आई) ने ओएनजीसी के अपहृत अधिकारी रितुल सैकिया को भी बिना शर्त रिहा कर दिया था.
इस मुद्दे से जुड़े कई कारकों पर ईटीवी भारत ने गुवाहाटी स्थित व्यवसायी हिरनया सैकिया के साथ बातचीत की.
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सैकिया 11 सदस्यीय पीपुल्स कंसल्टेटिव ग्रुप (पीसीजी) का सदस्य था, जिसे उल्फा ने 2006 में समूह और सरकार के बीच बातचीत शुरू करने के लिए बनाया था.
उल्फा (आई) के प्रमुख परेश बरुआ के करीबी माने जाने वाले सैकिया ने प्रस्तावित वार्ता प्रक्रिया के बारे में कुछ चौंकाने वाले तथ्यों और संभावनाओं का खुलासा किया है.