रायपुर: पिछले कुछ दिनों से छत्तीसगढ़ में अमित शाह का दौरा बढ़ गया है. छत्तीसगढ़ में भाजपा की हालत डांवाडोल है. स्थानीय नेतृत्व की धार भूपेश सरकार के खिलाफ कुंद पड़ गई है. इसे ठीक करने के लिए 15 दिन में अमित शाह दूसरी बार छत्तीसगढ़ पहुंचे. बुधवार देर रात तक अमित शाह ने रायपुर में भाजापा नेताओं के साथ बैठक की और उन्हें चुनाव जीतने मंत्र दिया. शाह के लगातार छत्तीसगढ़ दौरे के बाद भी भूपेश सरकार निश्चिंत नजर आ रही हैं. सीएम भूपेश बघेल का कहना है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा संगठन की उलटी गिनती शुरू हो गई है. इधर जानकार भी मानते हैं कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की वापसी आसान नहीं है.
अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में चुनावी कमान संभाली: साल 2023 में भाजपा के केंद्रीय नेता छत्तीसगढ़ में खास फोकस रखे हुए हैं. जनवरी से ही केंद्र के दिग्गज नेताओं का बार बार प्रदेश दौरा हो रहा है. जनवरी से जुलाई के शुरुआती हफ्ते तक शाह चौथी बार छत्तीसगढ़ का दौरा कर चुके हैं. कहा जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की डांवाडोल स्थिति को देखते हुए अमित शाह ने चुनाव की कमान अपने हाथों में ले ली है. लगातार वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करने के साथ ही कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर मजबूत बनाने में शाह जुटे हुए हैं. पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने शाह के दौरे को लेकर साफ कहा कि अमित शाह चुनावी तैयारियों को लेकर छत्तीसगढ़ का दौरा कर रहे हैं.
प्रदेश प्रभारी पहले ही कह चुके हैं कि गृहमंत्री नहीं बल्कि पार्टी के कार्यकर्ता के तौर पर छत्तीसगढ़ आ रहे हैं. चुनाव की तैयारी वे करेंगे और कर भी रहे हैं. इसे छिपाने की या गोलमोल बात करने की जरूरत नहीं है. - अजय चंद्राकर, पूर्व मंत्री
केंद्रीय नेतृत्व ने क्यों संभाली छत्तीसगढ़ भाजपा की कमान : जानकार बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में भाजपा को अपनी सरकार आते नहीं दिख रही है. मध्यप्रदेश और राजस्थान में एक बार भाजपा की जीत की गुंजाइश भी है, लेकिन छत्तीसगढ़ में भाजपा कमजोर दिख रही है. इस वजह से पिछले साल भर में लगभग 29 केंद्रीय मंत्री छत्तीसगढ़ का दौरा कर चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ पर खास फोकस कर रही है. पिछले हफ्तेभर में ही राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, अमित शाह छ्त्तीसगढ़ का दौरा कर चुके हैं. अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद आ रहे हैं. छत्तीसगढ़ में भाजपा की गिरती स्थिति को देखते हुए अमित शाह ने सीधे अपने हाथों में चुनाव की कमान ले रखी है.
अमित शाह पहले से ही फ्रीहैंड हैं और पार्टी चला रहे हैंं. संगठन में उनका सबसे ज्यादा दखल है. ऐसे में अमित शाह का छत्तीसगढ़ दौरा यह बताता है कि उनका कितना ज्यादा फोकस छत्तीसगढ़ में हैं. मध्यप्रदेश और राजस्थान की राजनीति अलग है, लेकिन छत्तीसगढ़ में भाजपा को अपनी सरकार आते नहीं दिख रही है. यही वजह है कि अमित शाह का पूरा फोकस विधानसभा चुनाव 2023 के लिए छत्तीसगढ़ में है- उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
छत्तीसगढ़ भाजपा संगठन खत्म-सीएम: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अमित शाह के दौरे को लेकर छत्तीसगढ़ भाजपा पर तंज कस चुके हैं. उनका कहना है कि अमित शाह यदि छत्तीसगढ़ में 2 दिन दे रहे हैं. इसका मतलब साफ है कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का संगठन खत्म है.
छत्तीसगढ़ का मौजूदा सियासी समीकरण: छत्तीसगढ़ में लोकसभा की 11 सीटे हैं. जबकि विधानसभा की 90 सीटे हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था. चुनाव के बाद कांग्रेस को 68 सीटें मिली थी. बीजेपी 15 सीटों पर ही अपना परचम लहरा सकी. जेसीसीजे और बीएसपी को 7 सीटें मिली थी. बाद में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने 3 सीटें जीतीं, जिससे कांग्रेस के सीटों की संख्या 71 पहुंच गई. बीजेपी की सीटें 14 रह गई. अब दुर्ग से विधायक विद्यारतन भसीन के निधन के बाद बीजेपी की सीटें 13 रह गई हैं. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के पास तीन और बहुजन समाजवादी पार्टी के पास 2 सीटें हैं. वर्तमान में 1 सीट खाली है. छत्तीसगढ़ में लोकसभा की 11 सीटों में 9 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है, जबकि कांग्रेस के पास 2 सीटें हैं.
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस और भाजपा को कितनी सीटें मिलती है, ये अगले चार महीने में पता चल जाएगा. एक तरफ भूपेश सरकार 75 पार सीटों का दावा कर रही है तो दूसरी तरह भाजपा सत्ता वापसी का सपना देख रही है. छत्तीसगढ़ भाजपा के नेताओं का सपना पूरा करने अमित शाह पूरी तरह से छत्तीसगढ़ में एक्टिव हो चुके हैं. 6 महीने में अब तक शाह 4 बार छत्तीसगढ़ का दौरा कर चुके हैं. अब देखने वाली बात होगी कि भाजपा के चाणक्य छत्तीसगढ़ में भाजपा को वापस गद्दी पर बैठा पाते हैं या हिमाचल और कर्नाटक की तरह छत्तीसगढ़ में भी दोबारा हार का स्वाद चखते हैं.