ETV Bharat / bharat

चेन्नई के छात्र ने बनाई सोलर साईकिल, जानें खासियत

अमेरिकन कॉलेज के भौतिकी के छात्र धनुष कुमार ने एक सौर ऊर्जा से चलने वाली साइकिल बनाई है. उनके इस आविष्कार की हर ओर सरहाना हो रही है.

सौर साईकिल का आविष्कार
सौर साईकिल का आविष्कार
author img

By

Published : Dec 12, 2020, 10:15 PM IST

चेन्नई : जहां दुनियाभर के देश पारंपरिक ऊर्जा के बारे में विचार कर रहे हैं, वहीं मुट्ठी भर व्यक्तियों के आविष्कार की नई उम्मीदें जगा रहे हैं. जहां डीजल, और पेट्रोल जैसे ऊर्जा के श्रोत प्रदूषण को लगातार बढ़ा रहे हैं, ऐसे में उन आविष्कारकों की प्रशंसा की जानी चाहिए, जो प्रदूषण को रोकने के लिए नए-नए आविष्कार कर रहे हैं.

ऐसे ही एक शख्स हैं अमेरिकन कॉलेज के भौतिकी के छात्र धनुष कुमार जिन्होंने सौर ऊर्जा से चलने वाली साइकिल का आविष्कार किया है, जो लगभग 30 किमी तक चल सकती है और बैटरी में संग्रहित सौर ऊर्जा की मदद से अतिरिक्त दूरी तय कर सकती है.

सौर साईकिल का आविष्कार

ऐसे आविष्कारों को पर्यावरण के लिए उपयुक्त माना जाता है और कई विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि इस तरह के आविष्कारों की ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए, ताकि इस तरह के आविष्कारों के लिए लोगों को मदद मिल सके.

धनुष के आविष्कार के बारे में बात करते हुए अमेरिकन कॉलेज के प्रिंसिपल थावमानी क्रिस्टोफर ने कहा कि धनुष कुमार ने अन्य छात्रों के लिए एक मिसाल कायम की है. वह सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं रहे बल्कि उन्होंने इस आविष्कार के माध्यम से अपने विचारों को वास्तविकता में बदल दिया है. उन्होंने इस साइकिल के आविष्कार करने के लिए धनुष की सराहना की.

पढ़ें - कर्नाटक परिवहन निगम के कर्मचारियों की हड़ताल का तीसरा दिन, यात्रियों को हुई दिक्कत

बता दें कि धनुष द्वारा बनाई गई साईकिल सौर ऊर्जा, बैटरी भंडारण क्षमता और जनशक्ति पर आधारित है.

चेन्नई : जहां दुनियाभर के देश पारंपरिक ऊर्जा के बारे में विचार कर रहे हैं, वहीं मुट्ठी भर व्यक्तियों के आविष्कार की नई उम्मीदें जगा रहे हैं. जहां डीजल, और पेट्रोल जैसे ऊर्जा के श्रोत प्रदूषण को लगातार बढ़ा रहे हैं, ऐसे में उन आविष्कारकों की प्रशंसा की जानी चाहिए, जो प्रदूषण को रोकने के लिए नए-नए आविष्कार कर रहे हैं.

ऐसे ही एक शख्स हैं अमेरिकन कॉलेज के भौतिकी के छात्र धनुष कुमार जिन्होंने सौर ऊर्जा से चलने वाली साइकिल का आविष्कार किया है, जो लगभग 30 किमी तक चल सकती है और बैटरी में संग्रहित सौर ऊर्जा की मदद से अतिरिक्त दूरी तय कर सकती है.

सौर साईकिल का आविष्कार

ऐसे आविष्कारों को पर्यावरण के लिए उपयुक्त माना जाता है और कई विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि इस तरह के आविष्कारों की ओर सरकार को ध्यान देना चाहिए, ताकि इस तरह के आविष्कारों के लिए लोगों को मदद मिल सके.

धनुष के आविष्कार के बारे में बात करते हुए अमेरिकन कॉलेज के प्रिंसिपल थावमानी क्रिस्टोफर ने कहा कि धनुष कुमार ने अन्य छात्रों के लिए एक मिसाल कायम की है. वह सिर्फ पढ़ाई तक सीमित नहीं रहे बल्कि उन्होंने इस आविष्कार के माध्यम से अपने विचारों को वास्तविकता में बदल दिया है. उन्होंने इस साइकिल के आविष्कार करने के लिए धनुष की सराहना की.

पढ़ें - कर्नाटक परिवहन निगम के कर्मचारियों की हड़ताल का तीसरा दिन, यात्रियों को हुई दिक्कत

बता दें कि धनुष द्वारा बनाई गई साईकिल सौर ऊर्जा, बैटरी भंडारण क्षमता और जनशक्ति पर आधारित है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.