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अहमद पटेल के खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे और मनगढ़ंत: कांग्रेस

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Published : Jul 16, 2022, 2:24 PM IST

कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि गुजरात पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से दिवंगत नेता अहमद पटेल के खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह 2002 के 'सामूहिक हत्या' मामले में अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक 'व्यवस्थित रणनीति' का हिस्सा है.

अहमद पटेल
अहमद पटेल

नई दिल्ली : कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि गुजरात पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से दिवंगत नेता अहमद पटेल के खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह 2002 के 'सामूहिक हत्या' मामले में अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक 'व्यवस्थित रणनीति' का हिस्सा है. एसआईटी ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका का विरोध करते हुए गुजरात की अदालत के समक्ष दावा किया कि वह 2002 के दंगों के बाद राज्य में भाजपा सरकार को बर्खास्त करने की मंशा संबंधी दिवंगत कांग्रेस नेता अहमद पटेल के इशारे पर की गई 'बड़ी साजिश' का हिस्सा थीं.

  • मोदी सरकार का राजनीतिक प्रतिशोध किसी का सगा नही है, फिर चाहे वो मृत व्यक्ति ही क्यों ना होl
    श्री अहमद पटेल के बारे में फैलाए गए झूठ पर श्री .@Jairam_Ramesh जी का वक्तव्य। pic.twitter.com/tB04iC3OOo

    — Haryana Pradesh Congress Sevadal (@SevadalHRY) July 16, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें: कांग्रेस के इशारे पर तीस्ता ने गुजरात सरकार गिराया, पीएम मोदी को फंसाया : BJP

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान जारी कहा कि कांग्रेस दिवंगत अहमद पटेल के खिलाफ गढ़े गए शरारतपूर्ण आरोपों को पुरजोर तरीके से खारिज करती है. यह प्रधानमंत्री की उस व्यवस्थित रणनीति का हिस्सा है. जिसके तहत वह 2002 में उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान हुई सांप्रदायिक सामूहिक हत्या को लेकर किसी भी जिम्मेदारी से खुद को बचाना चाहते हैं. उन्होंने दावा किया कि इस सामूहिक हत्याकांड को नियंत्रित करने की उनकी अनिच्छा और अक्षमता के कारण ही तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उस वक्त के मुख्यमंत्री को राजधर्म की याद दिलाई थी.

पढ़ें: गुजरात को बदनाम करने के पीछे अहमद पटेल का हाथ : SIT

रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री की राजनीतिक प्रतिशोध वाली मशीन उन लोगों को भी नहीं छोड़ती जो उनके राजनीतिक विरोधी रहे और अब इस दुनिया में नहीं रहे. यह एसआईटी अपने राजनीतिक आकाओं की धुन पर नाच रही है और उसे जो कहा जाएगा वही करेगी. हम जानते हैं कि पहले के एक एसआईटी प्रमुख को राजनयिक जिम्मेदारी से नवाजा गया क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री को ‘क्लीन चिट’ दी थी. उन्होंने दावा किया कि न्यायिक प्रक्रिया के चलने के दौरान अपनी कठपुतली एजेंसियों के जरिए अनर्गल आरोप लगाकर प्रेस के माध्यम से फैसला सुनाना मोदी-शाह की तरकीबों की वर्षों से पहचान रही है. यह मामला कुछ नहीं बल्कि इसी की एक मिसाल, बस इतना है कि एक दिवंगत व्यक्ति को बदनाम किया जा रहा है जो ऐसे सरेआम बोले जा रहे झूठ को खारिज करने के लिए उपलब्ध नहीं हो सकते. उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाद पैदा हुई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण पटेल का 25 नवंबर, 2020 को निधन हो गया था.

नई दिल्ली : कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि गुजरात पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) की ओर से दिवंगत नेता अहमद पटेल के खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह 2002 के 'सामूहिक हत्या' मामले में अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक 'व्यवस्थित रणनीति' का हिस्सा है. एसआईटी ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका का विरोध करते हुए गुजरात की अदालत के समक्ष दावा किया कि वह 2002 के दंगों के बाद राज्य में भाजपा सरकार को बर्खास्त करने की मंशा संबंधी दिवंगत कांग्रेस नेता अहमद पटेल के इशारे पर की गई 'बड़ी साजिश' का हिस्सा थीं.

  • मोदी सरकार का राजनीतिक प्रतिशोध किसी का सगा नही है, फिर चाहे वो मृत व्यक्ति ही क्यों ना होl
    श्री अहमद पटेल के बारे में फैलाए गए झूठ पर श्री .@Jairam_Ramesh जी का वक्तव्य। pic.twitter.com/tB04iC3OOo

    — Haryana Pradesh Congress Sevadal (@SevadalHRY) July 16, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान जारी कहा कि कांग्रेस दिवंगत अहमद पटेल के खिलाफ गढ़े गए शरारतपूर्ण आरोपों को पुरजोर तरीके से खारिज करती है. यह प्रधानमंत्री की उस व्यवस्थित रणनीति का हिस्सा है. जिसके तहत वह 2002 में उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान हुई सांप्रदायिक सामूहिक हत्या को लेकर किसी भी जिम्मेदारी से खुद को बचाना चाहते हैं. उन्होंने दावा किया कि इस सामूहिक हत्याकांड को नियंत्रित करने की उनकी अनिच्छा और अक्षमता के कारण ही तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उस वक्त के मुख्यमंत्री को राजधर्म की याद दिलाई थी.

पढ़ें: गुजरात को बदनाम करने के पीछे अहमद पटेल का हाथ : SIT

रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री की राजनीतिक प्रतिशोध वाली मशीन उन लोगों को भी नहीं छोड़ती जो उनके राजनीतिक विरोधी रहे और अब इस दुनिया में नहीं रहे. यह एसआईटी अपने राजनीतिक आकाओं की धुन पर नाच रही है और उसे जो कहा जाएगा वही करेगी. हम जानते हैं कि पहले के एक एसआईटी प्रमुख को राजनयिक जिम्मेदारी से नवाजा गया क्योंकि उन्होंने मुख्यमंत्री को ‘क्लीन चिट’ दी थी. उन्होंने दावा किया कि न्यायिक प्रक्रिया के चलने के दौरान अपनी कठपुतली एजेंसियों के जरिए अनर्गल आरोप लगाकर प्रेस के माध्यम से फैसला सुनाना मोदी-शाह की तरकीबों की वर्षों से पहचान रही है. यह मामला कुछ नहीं बल्कि इसी की एक मिसाल, बस इतना है कि एक दिवंगत व्यक्ति को बदनाम किया जा रहा है जो ऐसे सरेआम बोले जा रहे झूठ को खारिज करने के लिए उपलब्ध नहीं हो सकते. उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण के बाद पैदा हुई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण पटेल का 25 नवंबर, 2020 को निधन हो गया था.

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