ETV Bharat / bharat

सभी विपक्षी पार्टियां मिलकर प्रधानमंत्री का चेहरा देने को तैयार, भाजपा ने कहा- 2024 तक नहीं रह पाएंगे साथ!

author img

By

Published : Jun 8, 2023, 10:02 PM IST

Updated : Jun 8, 2023, 10:20 PM IST

क्या 14 विपक्षी पार्टियां मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक चेहरा लाने के लिए तैयार हैं? आइए जानते हैं ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की इस रिपोर्ट में..

Etv Bharat
Etv Bharat
अनामिका रत्ना, संवाददाता

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले एकबार फिर विपक्षी एकता एक प्लेटफार्म पर आ रही है और वो भी पूरी तैयारी के साथ, मगर 14 पार्टियों के एक प्लेटफॉर्म पर आने के बाद भी यहां सवाल ये उठता है कि क्या सारी पार्टियां मिलकर भाजपा के खिलाफ एक प्रधानमंत्री उम्मीदवार का चेहरा सर्वसम्मति से दे पाएंगी? भाजपा के लिए चुनौती तो जरूर बड़ी हो जाएगी लेकिन पार्टी का दावा है कि ये प्लेटफार्म 2024 तक एकसाथ चल ही नहीं पाएगा. बहरहाल चाहे जो भी हो चुनौतियां सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ बढ़ती जा रही हैं.

विपक्षी एकता की अगुआई कर रहे नीतीश कुमार ने आखिर लगभग 14 पार्टियों के नेताओं को एक प्लेटफॉर्म पर आने के लिए फिलहाल मना लिया है लेकिन क्या ये एकता 2024 तक कायम रह पाएगी? ये सवाल बीजेपी डंके की चोट पर बार-बार पूछ रही है. इससे पहले ये बैठक 12 जून को बुलाई गई थी लेकिन सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी के विदेश में होने के कारण स्थगित कर दी गई. कहीं ना कहीं इस बार की 23 जून की प्रस्तावित विपक्ष की बैठक अगर सफल होती है, तो कई राज्यों में वो बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती तो जरूर बनेगी. इसे देखते हुए बीजेपी ने अभी से तैयारी भी शुरू कर दी है.

इस कार्यक्रम में जो पार्टियां आ रही हैं, उनमें ममता बनर्जी, राहुल गांधी, हेमंत सोरेन, मल्लिकार्जुन खड़गे, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार समेत शिवसेना, दीपक भट्टाचार्य और एमके स्टालिन ने भी सहमति दी है. और ये वो पार्टियां हैं, जो या तो अलग राज्यों में सरकार चला रही हैं या अच्छा खासा वोट बैंक रखती हैं. ऐसे में सूत्रों की मानें तो बीजेपी इन पार्टियों और राज्यों को देखते हुए अलग-अलग कार्यक्रम तैयार कर रही है, जिसमें इन पार्टियों से प्रेस के माध्यम से सवाल किये जायेंगे और सबसे प्रमुख 2024 के लिए नरेंद्र मोदी के विपरीत विपक्ष के उम्मीदवार संबंधी सवाल दागे जायेंगे, जिसकी शुरुआत अभी से कर दी गई है.

गुरुवार को जहां प्रेस कॉन्फ्रेंस के तहत केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि जो एक दूसरे में सहारा ढूंढ़ रहे हैं, जो खुद अपने पैरों पर खड़े होने में विफल हैं, वो जहां एकत्रित हो रहे हैं वहीं पर निर्माणाधीन सत्रह सौ 50 करोड़ का ढांचा भ्रष्टाचार में बह गया और उनके अरमान भी इसी तरह पानी में बह जायेंगे ये मेरा विश्वास है.

स्मृति ईरानी, मंत्री

इसी तरह एक सवाल का जवाब देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि एक तरफ परिवार कहता है मोदी हटाएंगे, वहीं दूसरी तरफ पब्लिक कहती है मोदी लाएंगे, पहले भी फोटो फ्रेम में फिक्स होकर ये कवायद हो चुकी है. मगर हश्र क्या हुआ, चुनाव के बाद दिल के टुकड़े हजार हुए कोई यहां गिरा कोई वहां गिरा. बहरहाल भाजपा ये दावा जरूर कर रही है कि विपक्षी एकता प्रधानमंत्री के सामने बौनी है लेकिन अंदर चुनौती तो काफी बड़ी जान पड़ती है. अंदर ही अंदर भाजपा में इसका काट ढूंढने को लेकर माथापच्ची जारी है.

मुख्तार अब्बास नकवी, बीजेपी नेता

यह भी पढ़ें:

अनामिका रत्ना, संवाददाता

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले एकबार फिर विपक्षी एकता एक प्लेटफार्म पर आ रही है और वो भी पूरी तैयारी के साथ, मगर 14 पार्टियों के एक प्लेटफॉर्म पर आने के बाद भी यहां सवाल ये उठता है कि क्या सारी पार्टियां मिलकर भाजपा के खिलाफ एक प्रधानमंत्री उम्मीदवार का चेहरा सर्वसम्मति से दे पाएंगी? भाजपा के लिए चुनौती तो जरूर बड़ी हो जाएगी लेकिन पार्टी का दावा है कि ये प्लेटफार्म 2024 तक एकसाथ चल ही नहीं पाएगा. बहरहाल चाहे जो भी हो चुनौतियां सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ बढ़ती जा रही हैं.

विपक्षी एकता की अगुआई कर रहे नीतीश कुमार ने आखिर लगभग 14 पार्टियों के नेताओं को एक प्लेटफॉर्म पर आने के लिए फिलहाल मना लिया है लेकिन क्या ये एकता 2024 तक कायम रह पाएगी? ये सवाल बीजेपी डंके की चोट पर बार-बार पूछ रही है. इससे पहले ये बैठक 12 जून को बुलाई गई थी लेकिन सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी के विदेश में होने के कारण स्थगित कर दी गई. कहीं ना कहीं इस बार की 23 जून की प्रस्तावित विपक्ष की बैठक अगर सफल होती है, तो कई राज्यों में वो बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती तो जरूर बनेगी. इसे देखते हुए बीजेपी ने अभी से तैयारी भी शुरू कर दी है.

इस कार्यक्रम में जो पार्टियां आ रही हैं, उनमें ममता बनर्जी, राहुल गांधी, हेमंत सोरेन, मल्लिकार्जुन खड़गे, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार समेत शिवसेना, दीपक भट्टाचार्य और एमके स्टालिन ने भी सहमति दी है. और ये वो पार्टियां हैं, जो या तो अलग राज्यों में सरकार चला रही हैं या अच्छा खासा वोट बैंक रखती हैं. ऐसे में सूत्रों की मानें तो बीजेपी इन पार्टियों और राज्यों को देखते हुए अलग-अलग कार्यक्रम तैयार कर रही है, जिसमें इन पार्टियों से प्रेस के माध्यम से सवाल किये जायेंगे और सबसे प्रमुख 2024 के लिए नरेंद्र मोदी के विपरीत विपक्ष के उम्मीदवार संबंधी सवाल दागे जायेंगे, जिसकी शुरुआत अभी से कर दी गई है.

गुरुवार को जहां प्रेस कॉन्फ्रेंस के तहत केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि जो एक दूसरे में सहारा ढूंढ़ रहे हैं, जो खुद अपने पैरों पर खड़े होने में विफल हैं, वो जहां एकत्रित हो रहे हैं वहीं पर निर्माणाधीन सत्रह सौ 50 करोड़ का ढांचा भ्रष्टाचार में बह गया और उनके अरमान भी इसी तरह पानी में बह जायेंगे ये मेरा विश्वास है.

स्मृति ईरानी, मंत्री

इसी तरह एक सवाल का जवाब देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि एक तरफ परिवार कहता है मोदी हटाएंगे, वहीं दूसरी तरफ पब्लिक कहती है मोदी लाएंगे, पहले भी फोटो फ्रेम में फिक्स होकर ये कवायद हो चुकी है. मगर हश्र क्या हुआ, चुनाव के बाद दिल के टुकड़े हजार हुए कोई यहां गिरा कोई वहां गिरा. बहरहाल भाजपा ये दावा जरूर कर रही है कि विपक्षी एकता प्रधानमंत्री के सामने बौनी है लेकिन अंदर चुनौती तो काफी बड़ी जान पड़ती है. अंदर ही अंदर भाजपा में इसका काट ढूंढने को लेकर माथापच्ची जारी है.

मुख्तार अब्बास नकवी, बीजेपी नेता

यह भी पढ़ें:

Last Updated : Jun 8, 2023, 10:20 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.