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सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत : विदेश मंत्रालय - All conscientious countries have responsibility

बर्लिन में जर्मनी और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की जम्मू कश्मीर पर टिप्पणी पर भारत ने संज्ञान लिया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi Foreign Ministry spokesperson) ने कहा है कि जम्मू कश्मीर दशकों से आतंकवाद का खामियाजा भुगत रहा है. भारत व विदेशी लोग भी इस आतंकवाद से पीड़ित रहे हैं.

Arindam Bagchi Foreign Ministry spokesperson
अरिंदम बागची
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Published : Oct 8, 2022, 11:01 PM IST

नई दिल्लीः भारत ने जम्मू कश्मीर पर जर्मनी और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की टिप्पणियों का शनिवार को कड़ा संज्ञान लिया और कहा कि वैश्विक समुदाय के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी है कि वे अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, विशेष रूप से सीमा पार के आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठायें. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam bagchi Foreign Ministry spokesperson) ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि जम्मू कश्मीर दशकों से आतंकवाद का खामियाजा भुगत रहा है और यह अब तक जारी है. वह शुक्रवार को बर्लिन में पाकिस्तान और जर्मनी के विदेश मंत्रियों द्वारा एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर पर की गई टिप्पणियों का जवाब दे रहे थे.

बागची ने कहा, 'वैश्विक समुदाय के सभी सदस्यों की अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, विशेष रूप से सीमा पार के आतंकवाद को खत्म करने की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, 'भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर ने दशकों से इस तरह के आतंकवाद का खामियाजा भुगता है जो अब तक जारी है. बागची ने कहा कि विदेशी व अन्य हिस्सों के नागरिक भी इससे पीड़ित हुए हैं. उन्होंने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) और एफएटीएफ अभी भी 26/11 के भीषण हमलों में शामिल पाकिस्तानी आतंकवादियों के पीछे लगे हैं.

बागची ने कहा, 'जब देश ऐसे खतरों को नहीं स्वीकार करते तो वो स्वार्थ या उदासीनता के कारण, शांति के उद्देश्य को कमजोर करते हैं. वे आतंकवाद के पीड़ितों के साथ भी गंभीर अन्याय करते हैं. शुक्रवार को बर्लिन में संवाददाता सम्मेलन में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Pakistan Foreign Minister Bilawal Bhutto Zardari) ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार और कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए जम्मू कश्मीर (Jammu kashmir) मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के बिना दक्षिण एशिया के अंदर शांति संभव नहीं.

इसे भी पढ़ें- सीरिया में अमेरिकी सेना के हमलों में इस्लामिक स्टेट के तीन शीर्ष आतंकवादी ढेर

भारत दृढ़ता से कहता रहा है कि कश्मीर नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है. जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक (German Foreign Minister Annalena Baierbock) ने कहा कि उनका मानना ​​है कि संघर्षों को सुलझाने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि 'हम एक शांतिपूर्ण दुनिया में रहें' दुनिया के हर देश की भूमिका और जिम्मेदारी है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्लीः भारत ने जम्मू कश्मीर पर जर्मनी और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की टिप्पणियों का शनिवार को कड़ा संज्ञान लिया और कहा कि वैश्विक समुदाय के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी है कि वे अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, विशेष रूप से सीमा पार के आतंकवाद के खिलाफ आवाज उठायें. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam bagchi Foreign Ministry spokesperson) ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि जम्मू कश्मीर दशकों से आतंकवाद का खामियाजा भुगत रहा है और यह अब तक जारी है. वह शुक्रवार को बर्लिन में पाकिस्तान और जर्मनी के विदेश मंत्रियों द्वारा एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर पर की गई टिप्पणियों का जवाब दे रहे थे.

बागची ने कहा, 'वैश्विक समुदाय के सभी सदस्यों की अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, विशेष रूप से सीमा पार के आतंकवाद को खत्म करने की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, 'भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर ने दशकों से इस तरह के आतंकवाद का खामियाजा भुगता है जो अब तक जारी है. बागची ने कहा कि विदेशी व अन्य हिस्सों के नागरिक भी इससे पीड़ित हुए हैं. उन्होंने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) और एफएटीएफ अभी भी 26/11 के भीषण हमलों में शामिल पाकिस्तानी आतंकवादियों के पीछे लगे हैं.

बागची ने कहा, 'जब देश ऐसे खतरों को नहीं स्वीकार करते तो वो स्वार्थ या उदासीनता के कारण, शांति के उद्देश्य को कमजोर करते हैं. वे आतंकवाद के पीड़ितों के साथ भी गंभीर अन्याय करते हैं. शुक्रवार को बर्लिन में संवाददाता सम्मेलन में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (Pakistan Foreign Minister Bilawal Bhutto Zardari) ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुसार और कश्मीरी लोगों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए जम्मू कश्मीर (Jammu kashmir) मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के बिना दक्षिण एशिया के अंदर शांति संभव नहीं.

इसे भी पढ़ें- सीरिया में अमेरिकी सेना के हमलों में इस्लामिक स्टेट के तीन शीर्ष आतंकवादी ढेर

भारत दृढ़ता से कहता रहा है कि कश्मीर नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है. जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक (German Foreign Minister Annalena Baierbock) ने कहा कि उनका मानना ​​है कि संघर्षों को सुलझाने और यह सुनिश्चित करने के लिए कि 'हम एक शांतिपूर्ण दुनिया में रहें' दुनिया के हर देश की भूमिका और जिम्मेदारी है.

(पीटीआई-भाषा)

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