फतेहगढ़ साहिब : घर में किसी बुजुर्ग की मृत्यु के बाद परिवार हर साल उनकी जयंती मनाकर उन्हें याद करता है. मृतक बुजुर्ग के नाम से भोजन व अन्य धर्मार्थ सामग्री परिवार द्वारा निकालकर जरूरतमंदों को दी जाती है. माना जाता है कि तब हमारे मृत बुजुर्ग खुश होते हैं. हालांकि गांव माजरी सोढियां में भजन सिंह नाम के शख्स इस रस्म को अनोखे तरीके से मना रहे हैं. वह जीवित होते हुए खुद अपनी जयंती मनाते हैं (Man Celebrated his Death Anniversary).
भजन सिंह ने इस बार अपनी पांचवीं जयंती मनाई. इस दौरान बाकायदा अनुष्ठान किया गया. यहीं नहीं भजन सिंह ने बच्चियों को भोजन कराया और गरीबों को कंबल भी बांटे. अगर आप ये सोच रहे हैं कि जो व्यक्ति ऐसा कर रहा है वह काफी धनवान होगा तो ऐसा नहीं है. भजन सिंह मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखते हैं, जिन्होंने लंबे समय तक मंडी गोबिंदगढ़ की एक मिल में काम किया.
अपनी पांचवीं जयंती पर भजन सिंह ने बताया कि उनका मकसद समाज को इस बात से अवगत कराना है कि यहां कलियुग का काफी प्रभाव है इसलिए हम अपने हाथों से जो काम करते हैं, उससे ही हमें संतुष्टि मिलती है. इसके साथ ही जहां हम दान देना चाहते हैं, वह भी हमारे ही हाथ हो जाता है.
भजन सिंह ने कहा कि हमें अपना जीवन व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए. अपना शेष जीवन गुरबाणी से जोड़कर व्यतीत करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज का भोग उनकी पुण्यतिथि का 5वां भोग है. ये रस्में हर साल वह करते हैं. उनका कहना है कि वह जब तक जियेंगे तब तक ये रस्में निभाई जाएंगी. उन्होंने बताया कि इस भोज के बाद 11 कन्याओं को भोजन कराया गया और 5 जरूरतमंदों को कंबल भी वितरित किया गया.
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