नई दिल्ली : कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन को ‘खोखली बयानबाजी’ करार देते हुए बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने भारत जैसे मबजूत देश को लाचार बना दिया. पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार को जरूरी दवाओं की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ एनआईए और ईडी का इस्तेमाल करना चाहिए.
माकन ने संवाददाताओं से कहा, प्रधानमंत्री का कल का संबोधन सिर्फ खोखली बयानबाजी था. राज्य और आम लोग प्रधानमंत्री से राहत की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन हमेशा की तरह इस बार भी उन्होंने निराश किया.
कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया, मोदी जी ने एक मजबूत देश को लाचार बना दिया. मोदी सरकार के लिए लोगों की जान बचाने से ज्यादा जरूरी मुनाफा कमाना है.
उन्होंने सवाल किया, प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए कि सबसे बड़े टीका निर्माता देश भारत में अब तक सिर्फ 1.3 फीसदी लोगों का ही टीकाकरण क्यों हुआ है? ऑक्सीजन की उपलब्धता के बावजूद अस्पतालों में आपूर्ति क्यों नहीं हो रही है? कई जगहों पर जांच रिपोर्ट आने में तीन से सात दिन का समय क्यों लग रहा है? हमने जरूरी बुनियादी ढांचा तैयार करने में 15 महीने का समय क्यों गवां दिया?
माकन ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि मजदूरों को छह हजार रुपये की मासिक मदद मुहैया कराई जाए और उनके रहने-खाने तथा गंतव्य स्थल तक जाने का प्रबंध किया जाए.
उन्होंने कहा कि पूरे देश में कोरोना जांच के लिए समान राशि तय की जाए तथा जांच में तेजी लाई जाए.
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने इस कदम को 'अत्याचारी' बताते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, यह सहकारी संघवाद नहीं है. यह पहले से ही राज्य के वित्त को और कम कर रहा है.
गौरतलब है कि देश में तेजी से बढ़ रहे कोविड-19 संक्रमण के ताजा मामलों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि इस महामारी से मुकाबले के लिए लॉकडाउन का इस्तेमाल अंतिम विकल्प के रूप में होना चाहिए.
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के मद्देनजर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने लोगों का जीवन बचाने के साथ ही आर्थिक गतिविधियों और लोगों की आजीविका को कम से कम प्रभावित करने पर जोर दिया. राज्यों से आग्रह किया कि वह श्रमिकों में भरोसा जगाए रखें तथा उन्हें पलायन करने से रोकने के उपाय करें.
इसके अलावा, कांग्रेस ने सरकार से अपील की कि वह अधिक से अधिक संसाधन खर्च करे और आरटी-पीसीआर परीक्षण क्षमता बढ़ाए. इसे एक- एक आम आदमी की पहुंच में लाया जाए.