नई दिल्ली : भारत में 5G नेटवर्क को विकसित करने के लिए भारती एयरटेल और टाटा समूह ने हाथ मिलाया है. भारती एयरटेल (Bharti Airtel) और आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने 5G सर्विस आधारित रिमोट वर्किंग तकनीक बनाने के लिए एक स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप की है. दोनों कंपनियां फिलहाल हरियाणा के मानेसर में एयरटेल की 5जी लैब में परीक्षण कर रही हैं. यह भागीदारी 5G नेटवर्क सॉल्यूशन के लिए हुई है. इसमें टीसीएस ने एयरटेल के लिए एक 5G नेटवर्क सॉल्यूशन डेलवप किया है, जो पूरी तरह स्वदेशी है.
सूत्रों के मुताबिक , भारतीय कंपनियां 5जी के लिए देश में विकसित स्वदेशी तकनीक को अपनाने पर विचार कर रही हैं. एयरटेल और टीसीएस ने 5जी का इस्तेमाल कर रिमोट रोबोटिक संचालन (remote robotics operations) के लिए साझेदारी की है. हरियाणा के मानेसर स्थित एयरटेल की 5जी लैब में दोनों कंपनियों ने तकनीक का ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. रोबोटिक तकनीक से खतरनाक माने जाने वाले खनन, तेल और गैस क्षेत्रों में काम करना आसान हो जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, 5जी का कमर्शल ऑपरेशन शुरू होने के बाद दोनों कंपनियों की दिलचस्पी इसे औद्योगिक खंड में लाने की है.
फिलहाल टीसीएस और भारती एयरटेल ने इस मामले में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.
बता दें कि एयरटेल और टीसीएस ने जून में ही भारत में 5जी नेटवर्क समाधान लागू करने के लिए एक रणनीतिक साझेदारी का ऐलान किया था. टीसीएस ने O-RAN (ओपन रेडियो एक्सेस नेटवर्क) आधारित रेडियो और NSA/SA (नॉन-स्टैंडअलोन/स्टैंडअलोन) कोर विकसित किया है, जबकि एयरटेल भारत में 5जी को लागू करने के तहत इस स्वदेशी समाधान का इस्तेमाल करेगी. माना जा रहा है कि 5G सर्विस के लिए एयरटेल जनवरी 2022 से इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल शुरू कर देगी. शुरुआत में इसे पायलट प्रोजेक्ट रूप में किया जाएगा. टीसीएस को ग्लोबल सिस्टम इंटीग्रेशन में भी विशेषज्ञता हासिल है. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज 3GPPऔर O-RAN दोनों मानकों के लिए एंड-टू-एंड सॉल्यूशन उपलब्ध कराने में मदद करती है.