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एयर वर्क्स की कोच्चि की एमआरओ इकाई को 4-6 सप्ताह में नियामकीय मंजूरी की उम्मीद : सीईओ - Air Works expecting regulatory approval

एयर वर्क्स के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डी आनंद भास्कर ने एक साक्षात्कार में कहा कि इसके अलावा कंपनी अपनी तमिलनाडु के होसुर की एमआरओ इकाई की क्षमता को अगले 60 दिन में चार खंडों (बेज) से बढ़ाकर पांच खंड करेगी.

एयर वर्क्स की कोच्चि की एमआरओ इकाई को 4-6 सप्ताह में नियामकीय मंजूरी की उम्मीद : सीईओ
एयर वर्क्स की कोच्चि की एमआरओ इकाई को 4-6 सप्ताह में नियामकीय मंजूरी की उम्मीद : सीईओ
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Published : Feb 7, 2021, 8:50 AM IST

बेंगलुरू : एयर वर्क्स को कोच्चि में अपनी नई विमान रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (एमआरओ) सुविधा के लिए अगले चार से छह सप्ताह में नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) तथा यूरोपीय विमानन नियामक ईएएसए से मंजूरी मिलने की उम्मीद है. कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डी आनंद भास्कर ने यह जानकारी दी.

भास्कर ने एक साक्षात्कार में कहा कि इसके अलावा कंपनी अपनी तमिलनाडु के होसुर की एमआरओ इकाई की क्षमता को अगले 60 दिन में चार खंडों (बेज) से बढ़ाकर पांच खंड करेगी.

उन्होंने कहा, 'हम होसुर में एक साथ चार विमानों का रखरखाव कर सकते हैं. वहां चार खंड हैं. जब मैं विमान की बात करता हूं तो इसका मतलब छोटे आकार के ए320 या बी737 विमान से है.'

भारतीय विमानन कंपनियों के बेड़े में करीब 700 विमान हैं. इनमें छोटे आकार के बी737 और बड़े आकार के बी787 विमान शामिल हैं.

यह भी पढ़ें : रक्षा प्लेटफार्मों के रखरखाव के लिए बोइंग और एयर वर्कस के बीच रणनीतिक समझौता

होसुर और कोच्चि के अलावा एयर वर्क्स के पास मुंबई में छोटे विमानों के लिए एमआरओ सुविधा है. इस इकाई को डीजीसीए की मंजूरी प्राप्त है.

भास्कर ने कहा, 'नई कोच्चि इकाई हमारी ओर से तैयार है. हम नियामकीय मंजूरियों का इंतजार कर रहे हैं. डीजीसीए की मंजूरी मिलने वाली है. यूरोपीय विमानन सुरक्षा एजेंसी (ईएएसए) की मंजूरी भी हम हासिल करेंगे.'

यह पूछे जाने पर कि इन मंजूरियों में कितना समय लगेगा, भास्कर ने कहा कि इसमें चार से छह सप्ताह का समय लगेगा. उन्होंने बताया कि कोच्चि सुविधा पर काम लॉकडाउन के तुरंत बाद शुरू हो गया था.

बेंगलुरू : एयर वर्क्स को कोच्चि में अपनी नई विमान रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (एमआरओ) सुविधा के लिए अगले चार से छह सप्ताह में नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) तथा यूरोपीय विमानन नियामक ईएएसए से मंजूरी मिलने की उम्मीद है. कंपनी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डी आनंद भास्कर ने यह जानकारी दी.

भास्कर ने एक साक्षात्कार में कहा कि इसके अलावा कंपनी अपनी तमिलनाडु के होसुर की एमआरओ इकाई की क्षमता को अगले 60 दिन में चार खंडों (बेज) से बढ़ाकर पांच खंड करेगी.

उन्होंने कहा, 'हम होसुर में एक साथ चार विमानों का रखरखाव कर सकते हैं. वहां चार खंड हैं. जब मैं विमान की बात करता हूं तो इसका मतलब छोटे आकार के ए320 या बी737 विमान से है.'

भारतीय विमानन कंपनियों के बेड़े में करीब 700 विमान हैं. इनमें छोटे आकार के बी737 और बड़े आकार के बी787 विमान शामिल हैं.

यह भी पढ़ें : रक्षा प्लेटफार्मों के रखरखाव के लिए बोइंग और एयर वर्कस के बीच रणनीतिक समझौता

होसुर और कोच्चि के अलावा एयर वर्क्स के पास मुंबई में छोटे विमानों के लिए एमआरओ सुविधा है. इस इकाई को डीजीसीए की मंजूरी प्राप्त है.

भास्कर ने कहा, 'नई कोच्चि इकाई हमारी ओर से तैयार है. हम नियामकीय मंजूरियों का इंतजार कर रहे हैं. डीजीसीए की मंजूरी मिलने वाली है. यूरोपीय विमानन सुरक्षा एजेंसी (ईएएसए) की मंजूरी भी हम हासिल करेंगे.'

यह पूछे जाने पर कि इन मंजूरियों में कितना समय लगेगा, भास्कर ने कहा कि इसमें चार से छह सप्ताह का समय लगेगा. उन्होंने बताया कि कोच्चि सुविधा पर काम लॉकडाउन के तुरंत बाद शुरू हो गया था.

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