लेह (लद्दाख) : ऐसे समय में जब चीनी सेना पूर्वी लद्दाख के पास प्रशिक्षण क्षेत्रों में अभ्यास कर रही है, भारतीय वायु सेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने आज वहां तैनात बल की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए लेह का दौरा किया.
सूत्रों ने कहा कि लेह एयरबेस पर अधिकारियों ने आईएएफ प्रमुख को परिचालन तैयारियों और चीन सीमा पर चल रहे अभियानों के बारे में जानकारी दी.
ये भी पढे़ं : भारतीय शांतिरक्षकों के पराक्रम को सलाम : राजदूत तिरुमूर्ति
प्रमुख को भारतीय सेना और वहां के अर्धसैनिक बलों के समर्थन में हवाई रखरखाव कार्यों के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई.
लेह में वायु सेना के दो प्रमुख ठिकाने हैं, जो चीन और पाकिस्तान दोनों सीमा की निगरानी करने में मदद करते हैं. इसने न्योमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड और दौलत बेग ओल्डी में हवाई क्षेत्र सहित पूर्वी लद्दाख सेक्टर में अग्रिम स्थानों पर भी सैनिकों को तैनात किया गया है.
चीनी सेना उन स्थानों के पास अभ्यास कर रही है, जहां से उन्होंने पिछले साल अपने सैनिकों को भारतीय मोर्चे की ओर मोड़ा था.
राफेल लड़ाकू विमान, मिग-29 लड़ाकू विमानों के साथ सेक्टर में नियमित रूप से तैनात किए गए हैं. वायु सेना ने भी अपने टैंक और पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों को शामिल किया है.
चिनूक हेलीकॉप्टर ने लेह और अन्य स्थानों से अग्रिम क्षेत्रों में सैनिकों को तेजी से जुटाने में भी मदद की. इस साल भी, आईएएफ ने सुनिश्चित किया है कि कोविड राहत कार्य में लगे रहने के कारण उत्तरी क्षेत्रों में संचालन प्रभावित न हो.
ये भी पढे़ं : पाकिस्तान परमाणु परीक्षण कर क्षेत्र में शक्ति संतुलन कायम किया था: सेना
वायुसेना मुख्यालय के ग्रुप कैप्टन मनीष कुमार ने बताया, 'इस बार संचालन का पैमाना अभूतपूर्व है, हमने लगभग 3200 घंटे की 1600 उड़ानें भरी हैं. हमने लगभग 14 हजार टन भार और लगभग 800 विषम तरल चिकित्सा ऑक्सीजन कंटेनरों को एयरलिफ्ट किया है.
(एएनआई)