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वर्ष 2022 तक नए इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए आवेदन नहीं स्वीकार करेगी AICTE : सहस्रबुद्धे

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (All India Council for Technical Education - AICTE) वर्ष 2022 तक नये इंजीनियरिंग संस्थान स्थापित करने के लिये कोई नया आवेदन स्वीकार नहीं करेगा, हालांकि आकांक्षी जिलों में उभरते क्षेत्रों में ऐसे आवेदनों को मंजूरी दी जा रही है.

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Published : Oct 24, 2021, 6:08 PM IST

नई दिल्ली : अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (All India Council for Technical Education - AICTE) वर्ष 2022 तक नये इंजीनियरिंग संस्थान स्थापित करने के लिये कोई नया आवेदन स्वीकार नहीं करेगा, हालांकि आकांक्षी जिलों में उभरते क्षेत्रों में ऐसे आवेदनों को मंजूरी दी जा रही है.

AICTE के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे (Anil Sahasrabudhe) ने बताया कि इंजीनियरिंग के विभिन्न कार्यक्रमों में काफी सीट खाली रहने और भविष्य की संभावित मांग को देखते हुए यह फैसला किया गया.

उन्होंने बताया कि यह तय किया गया कि वर्ष 2022 तक नये इंजीनियरिंग संस्थान स्थापित करने के लिये कोई नया आवेदन नहीं स्वीकार किया जायेगा, हालांकि आकांक्षी जिलों में उभरते क्षेत्रों में नये इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित करने की मंजूरी दी जा रही है.

AICTE के अनुसार, ऐसे संस्थानों को भी मंजूरी दी जा रही है, जहां उभरते क्षेत्रों में इंजीनियरिंग को नये कार्यक्रम के रूप में जोड़ा जा रहा है. इसके अलावा ऐसे संस्थानों को भी मंजूरी दी जा रही है जहां राज्य सरकारें अत्यधिक रोजगारपरक व्यावसायिक विषयों में इंजीनियरिंग डिग्री / डिप्लोमा कार्यक्रम शुरू करना चाहती हैं.

पढ़ें : केजरीवाल सरकार ने बदले पॉलिटेक्निक कॉलेजों के नाम, BJP की मांग- माफी मांगें केजरीवाल

परिषद के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2019-20 में निजी/सरकारी कॉलेजों में खाली रह गई सीटों एवं AICTE द्वारा रद्द की गई सीटों की कुल संख्या 1,86,244 थी, जबकि वर्ष 2020-21 में यह 2,29,955 रही.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (All India Council for Technical Education - AICTE) वर्ष 2022 तक नये इंजीनियरिंग संस्थान स्थापित करने के लिये कोई नया आवेदन स्वीकार नहीं करेगा, हालांकि आकांक्षी जिलों में उभरते क्षेत्रों में ऐसे आवेदनों को मंजूरी दी जा रही है.

AICTE के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे (Anil Sahasrabudhe) ने बताया कि इंजीनियरिंग के विभिन्न कार्यक्रमों में काफी सीट खाली रहने और भविष्य की संभावित मांग को देखते हुए यह फैसला किया गया.

उन्होंने बताया कि यह तय किया गया कि वर्ष 2022 तक नये इंजीनियरिंग संस्थान स्थापित करने के लिये कोई नया आवेदन नहीं स्वीकार किया जायेगा, हालांकि आकांक्षी जिलों में उभरते क्षेत्रों में नये इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित करने की मंजूरी दी जा रही है.

AICTE के अनुसार, ऐसे संस्थानों को भी मंजूरी दी जा रही है, जहां उभरते क्षेत्रों में इंजीनियरिंग को नये कार्यक्रम के रूप में जोड़ा जा रहा है. इसके अलावा ऐसे संस्थानों को भी मंजूरी दी जा रही है जहां राज्य सरकारें अत्यधिक रोजगारपरक व्यावसायिक विषयों में इंजीनियरिंग डिग्री / डिप्लोमा कार्यक्रम शुरू करना चाहती हैं.

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परिषद के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2019-20 में निजी/सरकारी कॉलेजों में खाली रह गई सीटों एवं AICTE द्वारा रद्द की गई सीटों की कुल संख्या 1,86,244 थी, जबकि वर्ष 2020-21 में यह 2,29,955 रही.

(पीटीआई-भाषा)

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