मुंबई : एअर इंडिया की पायलट यूनियनों (Air India's pilot unions) ने सोमवार को आरोप लगाया कि एयरलाइन में काम करने की स्थितियां प्रतिकूल हैं. यूनियनों ने टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन से इस मुद्दे को हल करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की. घाटे में चल रही एअर इंडिया को टाटा समूह ने इसी साल जनवरी में अपने नियंत्रण में लिया था.
दो पायलट यूनियनों इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) और इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन (आईसीपीए) ने दावा किया कि एअर इंडिया को उसकी वृद्धि और विस्तार योजना में बेधड़क समर्थन देने के बावजूद प्रबंधन ने उसी के अनुरूप प्रतिक्रिया नहीं दी है.
आईपीजी बड़े आकार वाले विमान उड़ाने वाले पायलटों का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि आईसीपीए छोटे विमानों का संचालन करने वालों पायलटों की यूनियन है. इन यूनियनों ने कहा कि एअर इंडिया में पायलटों के साथ किए गए अनैतिक व्यवहार ने हमें पूरी तरह से निराश कर दिया है.
यूनियनों ने चंद्रशेखरन को एक संयुक्त पत्र में कहा कि पायलटों की कमी के कारण एअर इंडिया एफडीटीएल योजना की पूरी अवहेलना हो रही है. पायलटों को जबरन उड़ानों को स्वीकार करने के लिए बाध्य किया जाता है. चंद्रशेखरन एअर इंडिया के चेयरमैन भी हैं. इस मुद्दे पर एयरलाइन की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई.
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(पीटीआई-भाषा)