ETV Bharat / bharat

फिल्म उरी से प्रेरित छात्रों ने बना डाला ड्रोन, सेना से लेकर किसान तक सबके आयेगा काम, जानें खासियत

अहमदनगर के इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने एक अनोखा ड्रोन विकसित किया है जो बिल्कुल पक्षी जैसा दिखता है. सबसे बड़ी बात यह है कि ये ड्राेन काफी कम खर्च में बनाया गया है.

अहमदनगर
अहमदनगर
author img

By

Published : Aug 31, 2021, 4:22 PM IST

अहमदनगर : इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों द्वारा बनाया गया यह अनोखा ड्रोन ढाई किलोमीटर की ऊंचाई के साथ-साथ ढाई वर्ग किलोमीटर तक के क्षेत्र में भी हवा में उड़ने में सक्षम है.

खास बात यह है कि छात्राें ने फिल्म उरी से प्रेरित हाेकर इसे तैयार किया है. छात्रों ने कहा कि उन्हें उरी-द सर्जिकल स्ट्राइक फिल्म में दिखाए गए ड्रोन के समान ड्रोन बनाने का विचार आया.

ड्रोन तैयार करते छात्र
ड्रोन तैयार करते छात्र

छात्रों के अनुसार, ड्रोन का इस्तेमाल फसलों की निगरानी और पक्षियों से फसलों की सुरक्षा के साथ-साथ सेना द्वारा निगरानी के उद्देश्य के लिए भी किया जा सकता है. बता दें कि ऑर्निथॉप्टर ड्रोन (Ornithopter drone) में साधारण प्लास्टिक पेपर पंख लगाया गया है. ड्रोन के पंखों की गति को नियंत्रित करने के लिए एक गियरबॉक्स और दो ऑर्डिनो नियंत्रकों का उपयोग किया गया है. गति के साथ-साथ दिशा नियंत्रण के लिए ऑक्सिलोमीटर (Oxilometers) और जायरोसेंसर (gyrosensors) लगाए गए हैं.

चिड़िया की तरह दिखता है
चिड़िया की तरह दिखता है

ड्रोन के हवा में होने के बाद इसे ऑटो फ्लाइट मोड में भी कंट्रोल किया जा सकता है. यह इस ड्रोन की अहम खासियत है. इसमें दो साधारण बैटरियों का उपयोग किया गया है, जो एक बार चार्ज होने पर डेढ़ घंटे तक उड़ सकती हैं. खास बात यह है कि इस ड्रोन को हवा में छलांग लगाने के लिए रनवे की जरूरत नहीं है. छात्र बैरोमीटर का उपयोग करके आकाश में एक निश्चित ऊंचाई पर ड्रोन को स्थिर रखने की कोशिश कर रहे हैं.

हवा में उड़ता ड्राेन
हवा में उड़ता ड्राेन

अपनी बनावट के कारण यह ड्रोन बिल्कुल पक्षी जैसा दिखता है. इसे आसानी से निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि यह एक पक्षी की तरह पंखों से उड़ता है. बेहद कम कीमत वाले इस ड्रोन को कॉलेज के छात्र विश्वजीत कदलाग, आशीष काले, वैभव नेहे और प्रतीक भालारे ने बनाया है. छात्रों ने बताया कि इस ड्रोन को बनाने में करीब साढ़े छह हजार रुपये का खर्च आया है. छात्रों ने बताया कि कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय गुल्हाने, प्रो. राजेंद्र खर्डे (विभागाध्यक्ष) प्रो. संजय बेलकर ने इस परियोजना में उनका विशेष मार्गदर्शन किया.

इस परियोजना के एक छात्र विश्वजीत कदलाग ने कहा कि किसानों को पांच हजार रुपये में ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे. फसल सुरक्षा और निगरानी के लिए ड्रोन किसानों के लिए फायदेमंद हो सकता है. इस उद्देश्य के लिए हम इस ड्रोन को केवल पांच हजार रुपये में किसानों को उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं.

ऊंचाई पर ड्रोन
ऊंचाई पर ड्रोन

इसे भी पढ़ें : इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के ऊपर दिखा ड्रोन, पाक ने दावे काे किया खारिज

फिल्म उरी से प्रेरित छात्रों ने कहा कि उन्हें उरी-द सर्जिकल स्ट्राइक फिल्म में दिखाए गए ड्रोन के समान ड्रोन बनाने का विचार आया. छात्रों ने इस ऑर्निथॉप्टर ड्रोन को अपने अंतिम वर्ष के प्रोजेक्ट के तहत बनाया है. छात्रों ने कहा कि ड्रोन का इस्तेमाल फसलों की निगरानी और फसलों को पक्षियों से बचाने के लिए किया जा सकता है.

अहमदनगर : इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों द्वारा बनाया गया यह अनोखा ड्रोन ढाई किलोमीटर की ऊंचाई के साथ-साथ ढाई वर्ग किलोमीटर तक के क्षेत्र में भी हवा में उड़ने में सक्षम है.

खास बात यह है कि छात्राें ने फिल्म उरी से प्रेरित हाेकर इसे तैयार किया है. छात्रों ने कहा कि उन्हें उरी-द सर्जिकल स्ट्राइक फिल्म में दिखाए गए ड्रोन के समान ड्रोन बनाने का विचार आया.

ड्रोन तैयार करते छात्र
ड्रोन तैयार करते छात्र

छात्रों के अनुसार, ड्रोन का इस्तेमाल फसलों की निगरानी और पक्षियों से फसलों की सुरक्षा के साथ-साथ सेना द्वारा निगरानी के उद्देश्य के लिए भी किया जा सकता है. बता दें कि ऑर्निथॉप्टर ड्रोन (Ornithopter drone) में साधारण प्लास्टिक पेपर पंख लगाया गया है. ड्रोन के पंखों की गति को नियंत्रित करने के लिए एक गियरबॉक्स और दो ऑर्डिनो नियंत्रकों का उपयोग किया गया है. गति के साथ-साथ दिशा नियंत्रण के लिए ऑक्सिलोमीटर (Oxilometers) और जायरोसेंसर (gyrosensors) लगाए गए हैं.

चिड़िया की तरह दिखता है
चिड़िया की तरह दिखता है

ड्रोन के हवा में होने के बाद इसे ऑटो फ्लाइट मोड में भी कंट्रोल किया जा सकता है. यह इस ड्रोन की अहम खासियत है. इसमें दो साधारण बैटरियों का उपयोग किया गया है, जो एक बार चार्ज होने पर डेढ़ घंटे तक उड़ सकती हैं. खास बात यह है कि इस ड्रोन को हवा में छलांग लगाने के लिए रनवे की जरूरत नहीं है. छात्र बैरोमीटर का उपयोग करके आकाश में एक निश्चित ऊंचाई पर ड्रोन को स्थिर रखने की कोशिश कर रहे हैं.

हवा में उड़ता ड्राेन
हवा में उड़ता ड्राेन

अपनी बनावट के कारण यह ड्रोन बिल्कुल पक्षी जैसा दिखता है. इसे आसानी से निगरानी के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि यह एक पक्षी की तरह पंखों से उड़ता है. बेहद कम कीमत वाले इस ड्रोन को कॉलेज के छात्र विश्वजीत कदलाग, आशीष काले, वैभव नेहे और प्रतीक भालारे ने बनाया है. छात्रों ने बताया कि इस ड्रोन को बनाने में करीब साढ़े छह हजार रुपये का खर्च आया है. छात्रों ने बताया कि कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय गुल्हाने, प्रो. राजेंद्र खर्डे (विभागाध्यक्ष) प्रो. संजय बेलकर ने इस परियोजना में उनका विशेष मार्गदर्शन किया.

इस परियोजना के एक छात्र विश्वजीत कदलाग ने कहा कि किसानों को पांच हजार रुपये में ड्रोन उपलब्ध कराए जाएंगे. फसल सुरक्षा और निगरानी के लिए ड्रोन किसानों के लिए फायदेमंद हो सकता है. इस उद्देश्य के लिए हम इस ड्रोन को केवल पांच हजार रुपये में किसानों को उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं.

ऊंचाई पर ड्रोन
ऊंचाई पर ड्रोन

इसे भी पढ़ें : इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के ऊपर दिखा ड्रोन, पाक ने दावे काे किया खारिज

फिल्म उरी से प्रेरित छात्रों ने कहा कि उन्हें उरी-द सर्जिकल स्ट्राइक फिल्म में दिखाए गए ड्रोन के समान ड्रोन बनाने का विचार आया. छात्रों ने इस ऑर्निथॉप्टर ड्रोन को अपने अंतिम वर्ष के प्रोजेक्ट के तहत बनाया है. छात्रों ने कहा कि ड्रोन का इस्तेमाल फसलों की निगरानी और फसलों को पक्षियों से बचाने के लिए किया जा सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.