अहमदाबाद: अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने नवा वदाज में मोबाइल का इयरफोन न देने पर दुकान मालिक के सिर पर लोहे की रॉड से वार कर हत्या करने वाले आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी के खिलाफ गंभीर अपराध साबित हुआ है. इस तरह के अपराध को हल्के में नहीं लिया जा सकता है और समाज में एक उदाहरण स्थापित करने के लिए आरोपी को सख्त से सख्त सजा देना न्याय के हित में आवश्यक है.
बता दें कि जगदीश चनाभाई परमार ने 24 फरवरी 2017 को लोहे की रॉड से दुकान के मालिक अनिल रामतेज चौरसिया पर वार किया था, जिसके चलते वह गंभीर रूप से घायल हो गया और बाद में उसकी मौत हो गई. इस मामले में वज्र थाने में हत्या की शिकायत दर्ज कराई गई थी. पुलिस ने आरोपी निखिल परमार को गिरफ्तार कर लिया और उसका केस न्यायालय में दाखिल कर दिया. इस मामले के दौरान सरकारी वकील ने पर्याप्त गवाहों की जांच की और दस्तावेजी सबूत पेश किए.
उन्होंने अदालत को बताया कि इस सबूतों से यह साबित होता है कि आरोपी ने सरेराह दुकान मालिक के सिर पर लोहे की रॉड मारकर हत्या की थी. वकील ने न्यायालय से अनुरोध किया कि अपराध साबित होने पर आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि समाज में मिसाल कायम हो सके. इसी के बाद सत्र न्यायालय ने आरोपी को 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.