अहमदाबाद: गुजरात में दूसरी जगहों से ड्र्ग्स लाकर बेचने की कई घटनाएं सामने आई. अब एक ऐसा मामला सामने आया है जिससे पुलिस चकित है. अहमदाबाद में नशे की खेती का एक बड़ा मामला सामने आया. पहले गुजरात यूनिवर्सिटी से गांजे के पौधे मिले थे तो अब सरखेज इलाके में गांजे का सबसे बड़ा बागान मिला है. गांजे की इस तरह की खेती पहली बार गुजरात में पाई गई.
सरखेज में ऑर्किड लेगसी फ्लैट्स पर पुलिस ने छापा मारा. छापेमारी के दौरान पुलिस को 200 कुंडों में नशीले पौधे मिले और सभी पौधों को जब्त कर लिया. फ्लैट में गांजे की खेती पाई गई. हाइड्रोपोनिक प्रकार की गांजे की खेती की गई थी. गमले में अमीनो एसिड इंजेक्ट किया गया, ताकि इसका उत्पादन जल्दी हो सके. लगभग 100 कुंडों में गांजे उगाये जा रहे थे.
गांजे की खेती के लिए सबसे आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता था. ग्रीन हाउस विधि से रोपण हेतु सर्किट एवं तापमान की योजना बनाई गई. 100 गमलों में 5 सेंटीमीटर तक लंबे गांजे के पौधे पाये गए. पुलिस को शक है कि आरोपी नशीले पौधे उगाकर इसे विदेशों में बेचते थे. पुलिस जांच में पता चला कि इस नशीले पदार्थ के पौधों की खेती झारखंड निवासी एक युवक कर रहा था.
पुलिस ने पूरे मामले में एक युवती और 2 युवकों को हिरासत में लिया है और संपत्ति जब्त कर ली है. इन पौधों की जांच नारकोटिक्स लैब में की जाएगी. इस मामले में एफएसएल की मदद ली गई. इस घटना में पुलिस ने इस बात की जांच शुरू कर दी है कि गांजे के बीज कहां से लाए गए थे. गांजा बेचने के लिए डेढ़ महीने पहले लैब में पौधे उगाने शुरू किए.
दो फ्लैट का किराया 35 हजार था. फ्लैट में एक बड़ा पार्सल आया तो स्थानीय लोगों को शक हुआ. स्थानीय लोगों ने पुलिस से संपर्क किया और जांच के दौरान पुलिस को गांजा की खेती मिली. पुलिस ने दो युवकों और एक युवती को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि, मुख्य आरोपी फरार है, जो मूल रूप से रांची, झारखंड का रहने वाला बताया गया. जबकि एक आरोपी के सीए होने का पता चला है. सरखेज पुलिस ने सुबह 3 बजे से छापेमारी शुरू की जो 20 घंटे तक चली. इस मामले में रवि मुसरका, वीरेन मोदी, रतिका प्रसाद नामक आरोपियों को हिरासत में लिया गया है.