नई दिल्ली : अगले साल पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने वीआईपी को सुरक्षा कवर (security cover to VIPs) देने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को महिला कर्मियों (women personnel ) को शामिल करने की मंजूरी दे दी है.
गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद सीआरपीएफ जल्द ही 33 महिला कर्मियों के पहले बैच का 10 सप्ताह का प्रशिक्षण शुरू करेगी.गृह मंत्रालय ने बताया कि शुरुआत में महिला कर्मियों के 6 प्लाटून उठाए भेजे जाएंगे.
सूत्रों के अनुसार प्रशिक्षण पूरा होने के बाद आगामी चुनावी रैलियों (upcoming election rallies) के दौरान महिला गणमान्य (women dignitaries) व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए महिला कर्मियों को तैनात करने की पहली प्राथमिकता होगी.
सुरक्षा बल वर्तमान में गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah), भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress president Sonia Gandhi), पार्टी नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह सहित 60 से अधिक वीआईपी को सुरक्षा कवर के लिए जिम्मेदार है.
अर्धसैनिक बल के एक पूर्व अधिकारी ने कहा, 'पश्चिम बंगाल की चुनावी रैलियों (West Bengal election rallies) के दौरान राजनीतिक नेताओं पर हमला सुरक्षा में तैनात बलों के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय था. वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए महिला कर्मियों को लाना एक स्वागत योग्य कदम है.'
सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह (CRPF DG Kuldip Singh) ने पिछले महीने नॉर्थ ब्लॉक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर बल की भविष्य की योजनाओं के बारे में चर्चा की. इसके बाद महिला सीआरपीएफ कर्मियों को शामिल करने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा मंजूरी दी गई.
पिछले साल सीआरपीएफ ने सुरक्षा से जुड़े मामलों को देखने के लिए एक नया वीआईपी सुरक्षा विंग (VIP security wing) बनाया था.
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स्वतंत्र वीआईपी सुरक्षा विंग का नेतृत्व आईजी रैंक के अधिकारी (IG rank officer) द्वारा किया जा रहा है, जिसकी सहायता से एक डीआईजी और अन्य संबंधित कर्मचारी एडीजी (मुख्यालय और संचालन) निदेशालय की देखरेख में होते हैं.
फरवरी में, सीआरपीएफ की 34 महिला कर्मी कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूशन एक्शन (Commando Battalion for Resolution Action ) में शामिल हुई थीं, जो सीआरपीएफ के कुलीन घटक हैं, जो जंगल युद्ध और नक्सल विरोधी अभियानों (counter-Naxal operations) में विशेषज्ञता रखते हैं. लगभग 3.25 लाख कर्मियों की ताकत वाला यह बल देश का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है.
यह डिलीट इंटरनल सिक्योरिटी कॉम्बैट यूनिट (delete internal security combat unit) है और इसे जम्मू-कश्मीर में काउंटर टेरर ऑपरेशन (counter-terror operation) के लिए भी तैनात किया गया है.