ETV Bharat / bharat

कृषि सुधार कानून दोबारा लाने का कोई प्रस्ताव नहीं, भ्रम फैला रही कांग्रेस : कृषि मंत्री तोमर - agriculture laws will not be brought back says tomar

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (agriculture minister tomar) ने कहा है कि कृषि सुधार कानून दोबारा लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी कृषि कानूनों को लेकर भ्रम फैला रही है. विपक्षी दल को आगाह करते हुए तोमर ने कहा कि कांग्रेस भ्रम फैलाने की राजनीति से बाज आए. गौरतलब है कि कांग्रेस नेता ने कहा है कि पीएम मोदी को इस बात पर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि आखिर उनके मंत्रिमंडल में शामिल कृषि मंत्री ने कृषि सुधार कानूनों को दोबारा लाए जाने का संकेत क्यों दिया ?

narendra singh tomar file photo
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर
author img

By

Published : Dec 26, 2021, 3:37 PM IST

Updated : Dec 26, 2021, 5:05 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (agriculture minister tomar) ने स्पष्ट किया है कि कृषि सुधार कानून पुनः लाने का सरकार का कोई प्रस्ताव या विचार नहीं है. नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों का मान रखने के लिए कृषि सुधार कानून वापस लेने का निर्णय लिया है.

कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने विगत साढ़े सात वर्षों में किसानों के कल्याण एवं कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं. कृषकों की आय सशक्तिकरण के लिए 6 हजार रुपए वार्षिक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्रदान की जा रही है.

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से फसल को क्षति की स्थिति में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए बड़ा संबल बनकर उभरी है. एक लाख करोड़ रुपए के कृषि अवसंरचना कोष एवं 10 हजार कृषक उत्पादक संगठनों की स्थापना से कृषि क्षेत्र में बड़े नवाचार किए जा रहे है.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का बयान

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट 2006 में आई थी लेकिन कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने इसे लागू करने की जगह दबाए रखा, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में स्वामीनाथन कमेटी की अनुशंसाओं को किसानों के हित में लागू करने का कार्य किया गया है.

दूसरी तरफ कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को एक बार फिर कहा कि मोदी सरकार ने तीन कृषि कानून किसानों के हित में नहीं बल्कि पाँच राज्यों के विधानाभा चुनाव में अपनी हार के डर से वापिस लिये हैं और चुनाव बाद यह सरकार एक बार फिर वही कानून वापस ले कर आएगी.

यह भी पढ़ें- पांच राज्यों के चुनावों के बाद कृषि कानूनों को वापस लाने की 'साजिश' रच रहा है केंद्र: कांग्रेस

प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि कांग्रेस अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए व्यर्थ के भ्रम फैलाने का लगातार प्रयास कर रही है, किसानों को इससे सावधान रहना चाहिए.

रविवार को पीएम मोदी से रूख स्पष्ट करने की मांग करते हुए कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को नागपुर में एक कार्यक्रम में यह कहकर जाहिर कर दिया है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में हार के डर से फिलहाल कृषि कानून वापस ले लिए गए हैं.

यह भी पढ़ें- कृषि कानूनों को लेकर तोमर के बयान पर रुख स्पष्ट करें प्रधानमंत्री : कांग्रेस

उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन कानूनों पर देश के किसानों से माफी मांगी और संसद में बिना चर्चा कराए इन कानूनों की वापसी का प्रस्ताव पारित कराया, उन्हीं कानूनों को कृषि मंत्री वापस लाए जाने का संकेत दे रहे हैं. प्रधानमंत्री अपने कृषि मंत्री के बयान पर अपना रुख स्पष्ट करें.'

नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर (agriculture minister tomar) ने स्पष्ट किया है कि कृषि सुधार कानून पुनः लाने का सरकार का कोई प्रस्ताव या विचार नहीं है. नरेंद्र सिंह तोमर ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों का मान रखने के लिए कृषि सुधार कानून वापस लेने का निर्णय लिया है.

कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने विगत साढ़े सात वर्षों में किसानों के कल्याण एवं कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं. कृषकों की आय सशक्तिकरण के लिए 6 हजार रुपए वार्षिक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि प्रदान की जा रही है.

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से फसल को क्षति की स्थिति में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों के लिए बड़ा संबल बनकर उभरी है. एक लाख करोड़ रुपए के कृषि अवसंरचना कोष एवं 10 हजार कृषक उत्पादक संगठनों की स्थापना से कृषि क्षेत्र में बड़े नवाचार किए जा रहे है.

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का बयान

केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट 2006 में आई थी लेकिन कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने इसे लागू करने की जगह दबाए रखा, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में स्वामीनाथन कमेटी की अनुशंसाओं को किसानों के हित में लागू करने का कार्य किया गया है.

दूसरी तरफ कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को एक बार फिर कहा कि मोदी सरकार ने तीन कृषि कानून किसानों के हित में नहीं बल्कि पाँच राज्यों के विधानाभा चुनाव में अपनी हार के डर से वापिस लिये हैं और चुनाव बाद यह सरकार एक बार फिर वही कानून वापस ले कर आएगी.

यह भी पढ़ें- पांच राज्यों के चुनावों के बाद कृषि कानूनों को वापस लाने की 'साजिश' रच रहा है केंद्र: कांग्रेस

प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि कांग्रेस अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए व्यर्थ के भ्रम फैलाने का लगातार प्रयास कर रही है, किसानों को इससे सावधान रहना चाहिए.

रविवार को पीएम मोदी से रूख स्पष्ट करने की मांग करते हुए कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के मीडिया संयोजक ललन कुमार ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को नागपुर में एक कार्यक्रम में यह कहकर जाहिर कर दिया है कि उत्तर प्रदेश और पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव में हार के डर से फिलहाल कृषि कानून वापस ले लिए गए हैं.

यह भी पढ़ें- कृषि कानूनों को लेकर तोमर के बयान पर रुख स्पष्ट करें प्रधानमंत्री : कांग्रेस

उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन कानूनों पर देश के किसानों से माफी मांगी और संसद में बिना चर्चा कराए इन कानूनों की वापसी का प्रस्ताव पारित कराया, उन्हीं कानूनों को कृषि मंत्री वापस लाए जाने का संकेत दे रहे हैं. प्रधानमंत्री अपने कृषि मंत्री के बयान पर अपना रुख स्पष्ट करें.'

Last Updated : Dec 26, 2021, 5:05 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.