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रेजिमेंट व्यवस्था जारी रहेगी, पुराने सैनिकों को 'अग्निवीर' में भेजने की अफवाह फर्जी: रक्षा मंत्रालय

रक्षा मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग में अतिरिक्त सचिव (सैन्य कार्य विभाग) लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि यह हमारे देश की सुरक्षा का मामला है. किसी ने अफवाह फैला दी कि सेना के पुराने जवानों को अग्निवीर योजना में भेजा जाएगा. यह एक फर्जी सूचना है. एयर मार्शल सूरज कुमार झा ने कहा कि भारतीय वायु सेना में प्रत्येक नामांकन अब केवल 'अग्निवीर वायु' के माध्यम से होगा. उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना की युद्ध क्षमता और तैयारी पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है.

रक्षा मंत्रालय
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Published : Jun 21, 2022, 3:57 PM IST

Updated : Jun 21, 2022, 7:45 PM IST

नई दिल्ली: सेना में भर्ती के लिए नई अग्निपथ योजना को लेकर रक्षा मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग में सशस्त्र बलों ने मंगलवार को कहा कि हाल में अग्निपथ योजना पर 'विश्वसनीय' जानकारी ने इस पहल के संबंध में भ्रम को दूर कर दिया है और सैनिक बनने की तैयारी कर रहे युवा कई जगहों पर अभ्यास में जुट गए हैं. भर्ती प्रक्रिया के बारे में आशंकाओं के बीच सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया अपरिवर्तित रहेगी और सेना में पारंपरिक रेजिमेंट व्यवस्था जारी रहेगी.

सेना के तीनों अंगों के संवाददाता सम्मेलन में पुरी ने कहा कि यह योजना सरकार के कई विभागों के बीच विचार-विमर्श के अलावा तीनों सेवाओं और रक्षा मंत्रालय के भीतर लंबे समय तक जारी परामर्श का परिणाम है. उन्होंने कहा कि यह एक बहुत जरूरी सुधार है. पुरी ने कहा कि 1989 से विभिन्न समितियों ने इसी तर्ज पर सिफारिशें की थीं और सभी हितधारक अग्निपथ योजना को अंतिम रूप देने में शामिल थे.

कई स्थानों पर युवाओं द्वारा योजना के विरोध में हिंसा का सहारा लेने के मद्देनजर पुरी ने कहा कि अग्निपथ के सभी आवेदकों को शपथ पत्र देना होगा कि वे किसी भी हिंसा का हिस्सा नहीं थे. उन्होंने कहा, 'सशस्त्र बलों में आगजनी और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है.' पुलिस सत्यापन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमेशा भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा रहा है. पुरी ने कहा कि इन वर्षों में सेना में कमांडिंग अधिकारियों का स्वरूप युवा होता गया है. उन्होंने कहा कि अब सैनिकों का भी युवा स्वरूप होगा.

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अगिनपथ योजना तीन चीजों को संतुलित करती है, पहला सशस्त्र बलों के लिए युवा का प्रोफाइल, तकनीकी जानकारी और सेना में शामिल होने के अनुकूल लोग व तीसरा... व्यक्ति को भविष्य के लिए तैयार करना. उन्होंने कहा कि यह हमारे देश की सुरक्षा का मामला है. किसी ने अफवाह फैला दी कि सेना के पुराने जवानों को अग्निवीर योजना में भेजा जाएगा. यह एक फर्जी सूचना है. लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि दुनिया के किसी अन्य देश में भारत के समान जनसांख्यिकीय लाभांश नहीं है. हमारे 50% युवा 25 वर्ष से कम आयु वर्ग के हैं. सेना को इसका अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए.

वायु सेना में 'अग्निवीर वायु' के माध्यम से होगा नामांकन
वहीं, एयर मार्शल सूरज कुमार झा ने कहा कि पहले वर्ष में 2% से शुरू करके अग्निवीरों को धीरे-धीरे शामिल किया जा रहा है. पांचवें वर्ष में यह संख्या लगभग 6,000 हो जाएगी और 10वें वर्ष में लगभग 9,000-10,000 हो जाएगी. भारतीय वायु सेना में प्रत्येक नामांकन अब केवल 'अग्निवीर वायु' के माध्यम से होगा. उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना की युद्ध क्षमता और तैयारी पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. भारतीय वायु सेना और भारत सरकार हमें युद्ध के योग्य बनाने और युद्ध के लिए तैयार रखने के लिए सब कुछ करेंगे.

भारतीय वायु सेना में एयर ऑफिसर-इन-चार्ज कार्मिक (AOP) एयर मार्शल सूरज कुमार झा ने कहा कि प्रवेश की प्रक्रिया, प्रवेश स्तर की योग्यता, परीक्षा के पाठ्यक्रम या चिकित्सा मानकों में कोई बदलाव नहीं है. वायु सेना में सभी नामांकन अग्निवीर वायु के माध्यम से ही होगी.

इस बीच, वाइस एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय नौसेना का भर्ती कैलेंडर 25 जून के लिए तय किया गया था, लेकिन यह 22 जून से शुरू होगा. ऑनलाइन पंजीकरण 1 जुलाई से शुरू होगा. वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, एग्निवर्स के लिए डीजी शिपिंग आदेश के अनुसार, 4 साल के प्रशिक्षण के बाद वे सीधे मर्चेट नेवी में जा सकते हैं.

यह भी पढ़ें- अग्निपथ योजना को लेकर कांग्रेस का विरोध राजनीति से प्रेरित : वी. के. सिंह

नई दिल्ली: सेना में भर्ती के लिए नई अग्निपथ योजना को लेकर रक्षा मंत्रालय की प्रेस ब्रीफिंग में सशस्त्र बलों ने मंगलवार को कहा कि हाल में अग्निपथ योजना पर 'विश्वसनीय' जानकारी ने इस पहल के संबंध में भ्रम को दूर कर दिया है और सैनिक बनने की तैयारी कर रहे युवा कई जगहों पर अभ्यास में जुट गए हैं. भर्ती प्रक्रिया के बारे में आशंकाओं के बीच सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया अपरिवर्तित रहेगी और सेना में पारंपरिक रेजिमेंट व्यवस्था जारी रहेगी.

सेना के तीनों अंगों के संवाददाता सम्मेलन में पुरी ने कहा कि यह योजना सरकार के कई विभागों के बीच विचार-विमर्श के अलावा तीनों सेवाओं और रक्षा मंत्रालय के भीतर लंबे समय तक जारी परामर्श का परिणाम है. उन्होंने कहा कि यह एक बहुत जरूरी सुधार है. पुरी ने कहा कि 1989 से विभिन्न समितियों ने इसी तर्ज पर सिफारिशें की थीं और सभी हितधारक अग्निपथ योजना को अंतिम रूप देने में शामिल थे.

कई स्थानों पर युवाओं द्वारा योजना के विरोध में हिंसा का सहारा लेने के मद्देनजर पुरी ने कहा कि अग्निपथ के सभी आवेदकों को शपथ पत्र देना होगा कि वे किसी भी हिंसा का हिस्सा नहीं थे. उन्होंने कहा, 'सशस्त्र बलों में आगजनी और हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है.' पुलिस सत्यापन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमेशा भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा रहा है. पुरी ने कहा कि इन वर्षों में सेना में कमांडिंग अधिकारियों का स्वरूप युवा होता गया है. उन्होंने कहा कि अब सैनिकों का भी युवा स्वरूप होगा.

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि अगिनपथ योजना तीन चीजों को संतुलित करती है, पहला सशस्त्र बलों के लिए युवा का प्रोफाइल, तकनीकी जानकारी और सेना में शामिल होने के अनुकूल लोग व तीसरा... व्यक्ति को भविष्य के लिए तैयार करना. उन्होंने कहा कि यह हमारे देश की सुरक्षा का मामला है. किसी ने अफवाह फैला दी कि सेना के पुराने जवानों को अग्निवीर योजना में भेजा जाएगा. यह एक फर्जी सूचना है. लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि दुनिया के किसी अन्य देश में भारत के समान जनसांख्यिकीय लाभांश नहीं है. हमारे 50% युवा 25 वर्ष से कम आयु वर्ग के हैं. सेना को इसका अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए.

वायु सेना में 'अग्निवीर वायु' के माध्यम से होगा नामांकन
वहीं, एयर मार्शल सूरज कुमार झा ने कहा कि पहले वर्ष में 2% से शुरू करके अग्निवीरों को धीरे-धीरे शामिल किया जा रहा है. पांचवें वर्ष में यह संख्या लगभग 6,000 हो जाएगी और 10वें वर्ष में लगभग 9,000-10,000 हो जाएगी. भारतीय वायु सेना में प्रत्येक नामांकन अब केवल 'अग्निवीर वायु' के माध्यम से होगा. उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना की युद्ध क्षमता और तैयारी पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. भारतीय वायु सेना और भारत सरकार हमें युद्ध के योग्य बनाने और युद्ध के लिए तैयार रखने के लिए सब कुछ करेंगे.

भारतीय वायु सेना में एयर ऑफिसर-इन-चार्ज कार्मिक (AOP) एयर मार्शल सूरज कुमार झा ने कहा कि प्रवेश की प्रक्रिया, प्रवेश स्तर की योग्यता, परीक्षा के पाठ्यक्रम या चिकित्सा मानकों में कोई बदलाव नहीं है. वायु सेना में सभी नामांकन अग्निवीर वायु के माध्यम से ही होगी.

इस बीच, वाइस एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय नौसेना का भर्ती कैलेंडर 25 जून के लिए तय किया गया था, लेकिन यह 22 जून से शुरू होगा. ऑनलाइन पंजीकरण 1 जुलाई से शुरू होगा. वाइस एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, एग्निवर्स के लिए डीजी शिपिंग आदेश के अनुसार, 4 साल के प्रशिक्षण के बाद वे सीधे मर्चेट नेवी में जा सकते हैं.

यह भी पढ़ें- अग्निपथ योजना को लेकर कांग्रेस का विरोध राजनीति से प्रेरित : वी. के. सिंह

Last Updated : Jun 21, 2022, 7:45 PM IST

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