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भारत ने नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल 'अग्नि प्राइम' का सफल परीक्षण किया - DRDO off Odisha coast

डीआरडीओ (DRDO) ने ओडिशा तड पर बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम का सफल परीक्षण किया. इस मिसाइल का सशस्त्र बलों में शामिल करने से पूर्व पहला रात्रि परीक्षण था.

agni primeballistic missile successfully
बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि प्राइम का सफल परीक्षण
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Published : Jun 8, 2023, 2:58 PM IST

Updated : Jun 8, 2023, 3:09 PM IST

बालासोर : भारत ने नयी पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल 'अग्नि प्राइम' का गुरुवार को ओडिशा तट के एक द्वीप से सफल परीक्षण किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तट से 'अग्नि प्राइम' का परीक्षण किया और इस दौरान, यह मिसाइल सभी मानकों पर खरी उतरी. अधिकारियों के मुताबिक, विकास चरण में 'अग्नि प्राइम' के तीन सफल परीक्षण के बाद यह मिसाइल को सशस्त्र बलों में शामिल किए जाने से पूर्व इसका पहला रात्रि परीक्षण था, जिसने इसकी सटीकता और विश्वसनीयता पर मुहर लगाई.

उन्होंने बताया कि अलग-अलग जगहों पर क्षैतिज दूरी नापने वाले उपकरण, जैसे कि राडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम सहित दो जहाज तैनात किए गए थे, ताकि मिसाइल के पूरे सफर के आंकड़े एकत्रित किए जा सकें. अधिकारियों के अनुसार, डीआरडीओ और रणनीतिक बल कमान के शीर्ष अधिकारी 'अग्नि प्राइम' के सफल परीक्षण के गवाह बने, जिसने इन मिसाइल को सशस्त्र बलों में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त किया. 'अग्नि प्राइम' के सफल परीक्षण के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और सशस्त्र बलों को बधाई दी.

यह परीक्षण 7 जून की रात में किया गया. रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे रेंज इंस्ट्रूमेंटेशन को दो डाउन-रेंज जहाजों सहित विभिन्न स्थानों पर टर्मिनल बिंदु पर तैनात किया गया था, ताकि उड़ान डेटा को कैप्चर किया जा सके. रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने डीआरडीओ प्रयोगशालाओं की टीमों और परीक्षण में शामिल होने वालों की सराहना की.

ये भी पढ़ें - भारत ने सतह से हवा में मार करने वाली दो और मिसाइलों का सफल परीक्षण किया

(एजेंसी)

बालासोर : भारत ने नयी पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल 'अग्नि प्राइम' का गुरुवार को ओडिशा तट के एक द्वीप से सफल परीक्षण किया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तट से 'अग्नि प्राइम' का परीक्षण किया और इस दौरान, यह मिसाइल सभी मानकों पर खरी उतरी. अधिकारियों के मुताबिक, विकास चरण में 'अग्नि प्राइम' के तीन सफल परीक्षण के बाद यह मिसाइल को सशस्त्र बलों में शामिल किए जाने से पूर्व इसका पहला रात्रि परीक्षण था, जिसने इसकी सटीकता और विश्वसनीयता पर मुहर लगाई.

उन्होंने बताया कि अलग-अलग जगहों पर क्षैतिज दूरी नापने वाले उपकरण, जैसे कि राडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम सहित दो जहाज तैनात किए गए थे, ताकि मिसाइल के पूरे सफर के आंकड़े एकत्रित किए जा सकें. अधिकारियों के अनुसार, डीआरडीओ और रणनीतिक बल कमान के शीर्ष अधिकारी 'अग्नि प्राइम' के सफल परीक्षण के गवाह बने, जिसने इन मिसाइल को सशस्त्र बलों में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त किया. 'अग्नि प्राइम' के सफल परीक्षण के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और सशस्त्र बलों को बधाई दी.

यह परीक्षण 7 जून की रात में किया गया. रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे रेंज इंस्ट्रूमेंटेशन को दो डाउन-रेंज जहाजों सहित विभिन्न स्थानों पर टर्मिनल बिंदु पर तैनात किया गया था, ताकि उड़ान डेटा को कैप्चर किया जा सके. रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने डीआरडीओ प्रयोगशालाओं की टीमों और परीक्षण में शामिल होने वालों की सराहना की.

ये भी पढ़ें - भारत ने सतह से हवा में मार करने वाली दो और मिसाइलों का सफल परीक्षण किया

(एजेंसी)

Last Updated : Jun 8, 2023, 3:09 PM IST
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