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पद्मश्री पुरस्कार विजेता उषा चौमर ने कहा- 'सम्मान मिलने से मिला नया जीवन'

पद्मश्री मिलने के बाद उषा चौमर का दिल्ली से अलवर लौटने पर बड़ी संख्या में महिलाओं ने स्वागत किया. सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind ) ने पद्मश्री अवार्ड (Padma Shri Award) से सम्मानित किया. उषा चौमर को वर्ष 2020 में पद्मश्री अवार्ड देने की घोषणा हुई थी, लेकिन उस समय कोरोना के चलते यह सम्मान नहीं दिया जा सका था.

पद्मश्री
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Published : Nov 10, 2021, 3:56 PM IST

अलवर : पद्मश्री मिलने के बाद दिल्ली से अलवर आने पर उषा चौमर का मंगलवार को विभिन्न स्थानों पर स्वागत किया गया. ईटीवी भारत से बात करते हुए उषा चाैमर ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने उनसे बात कर हौसला अफजाई की. बातचीत से उनके जीवन को नई राेशनी मिली है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उषा चौमर ने कहा कि वो पहले मैला ढोती थीं. उनका जीवन नारकीय हो गया था. सम्मान मिलने से नया जीवन मिला है. जीने का अधिकार मिला है. उन्होंने कहा कि मैला ढोने वाली महिलाओं को सम्मान की नजर से नहीं देखा जाता है.

सम्मान मिलने से नया जीवन मिला है

उन्होंने कहा कि नई दिशा संस्था से जुड़ी महिलाएं मोमबत्ती अचार, पापड़ व अन्य सामान बनाती हैं. महिलाओं का सभी सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि उन जैसी हजारों महिलाओं को देश में नया जीवन मिला है. जीवन जीने की नई उम्मीद मिली है.

उल्लेखनीय है कि उषा चौमर को 2020 में पद्मश्री देने की घोषणा हुई थी. लेकिन उसके बाद कोरोना का प्रभाव पूरे देश में बढ़ गया था. इसलिए पद्मश्री देने का कार्यक्रम नहीं हुआ था. सोमवार को दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में सम्मान समारोह हुआ. उषा चौमर ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहले राखी भी बांध चुकी हैं.

पद्मश्री मिलने के बाद पीएम मोदी ने उषा चाैमर से बात भी की. वहीं राष्ट्रपति ने भी उनके जीवन के अनुभव जाने. राष्ट्रपति ने समाज की सभी महिलाओं को कभी नहीं हारने का संदेश दिया है.

पढ़ें : अलवर की उषा चौमर को मिला पद्मश्री, राष्ट्रपति ने सौंपा सम्मान

अलवर : पद्मश्री मिलने के बाद दिल्ली से अलवर आने पर उषा चौमर का मंगलवार को विभिन्न स्थानों पर स्वागत किया गया. ईटीवी भारत से बात करते हुए उषा चाैमर ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ने उनसे बात कर हौसला अफजाई की. बातचीत से उनके जीवन को नई राेशनी मिली है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उषा चौमर ने कहा कि वो पहले मैला ढोती थीं. उनका जीवन नारकीय हो गया था. सम्मान मिलने से नया जीवन मिला है. जीने का अधिकार मिला है. उन्होंने कहा कि मैला ढोने वाली महिलाओं को सम्मान की नजर से नहीं देखा जाता है.

सम्मान मिलने से नया जीवन मिला है

उन्होंने कहा कि नई दिशा संस्था से जुड़ी महिलाएं मोमबत्ती अचार, पापड़ व अन्य सामान बनाती हैं. महिलाओं का सभी सम्मान करते हैं. उन्होंने कहा कि उन जैसी हजारों महिलाओं को देश में नया जीवन मिला है. जीवन जीने की नई उम्मीद मिली है.

उल्लेखनीय है कि उषा चौमर को 2020 में पद्मश्री देने की घोषणा हुई थी. लेकिन उसके बाद कोरोना का प्रभाव पूरे देश में बढ़ गया था. इसलिए पद्मश्री देने का कार्यक्रम नहीं हुआ था. सोमवार को दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में सम्मान समारोह हुआ. उषा चौमर ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पहले राखी भी बांध चुकी हैं.

पद्मश्री मिलने के बाद पीएम मोदी ने उषा चाैमर से बात भी की. वहीं राष्ट्रपति ने भी उनके जीवन के अनुभव जाने. राष्ट्रपति ने समाज की सभी महिलाओं को कभी नहीं हारने का संदेश दिया है.

पढ़ें : अलवर की उषा चौमर को मिला पद्मश्री, राष्ट्रपति ने सौंपा सम्मान

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