ETV Bharat / bharat

प. बंगाल चुनाव : मौलाना अब्बास की एंट्री से दिलचस्प होगा नंदीग्राम का संग्राम

पश्चिम बंगाल का विधानसभा चुनाव नजदीक आते-आते काफी दिलचस्प हो गया है. ताजा घटनाक्रम में इंडियन सेक्युलर फ्रंट के अब्बास सिद्दीकी की दावेदारी से मुकाबला महत्वपूर्ण हो गया है. काफी विचार-विमर्श के बाद CPI (M) भांगर निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय धर्मनिरपेक्ष मोर्चा (ISF) के पक्ष में अपना उम्मीदवार वापस लेने पर सहमत हो गई है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर...

मौलाना अब्बास
मौलाना अब्बास
author img

By

Published : Feb 25, 2021, 6:36 PM IST

कोलकाता : पिछले रविवार अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर अब्बास सिद्दीकी ने भांगर से उम्मीदवार उतारने की इच्छा जताई थी. उन्होंने भोजरहाट में एक सार्वजनिक रैली में यह दावा किया. उनके दावे ने वाम मोर्चा नेतृत्व को मामले पर चर्चा करने के लिए प्रेरित किया है.

बहुत विचार-विमर्श के बाद CPI (M) भांगर निर्वाचन क्षेत्र से इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के पक्ष में अपना उम्मीदवार वापस लेने पर सहमत हो गई है. सिद्दीकी द्वारा नया राजनैतिक संगठन तैयार किया गया है. वाम मोर्चा आईएसएफ के साथ साझा समझौते के तहत एक सीट देने के लिए दृढ़ है. वाम मोर्चा नेतृत्व को लगता है कि भांगर निर्वाचन क्षेत्र में जहां अल्पसंख्यक मतदाता ज्यादा हैं, वहां आईएसएफ अच्छा प्रदर्शन कर सकता है. हालांकि कांग्रेस जो इस समय वाम मोर्चे के साथ गठबंधन कर रही है, को आईएसएफ से होने वाले गठबंधन से अलग रखा गया है.

अल्पसंख्यक वोट पर नजर
वाम मोर्चा नेतृत्व विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों की मांगों को स्वीकार करते हुए आईएसएफ पर नरम पड़ रहा है. वाम मोर्चा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमने पर्याप्त लचीलापन दिखाया है. अब गठबंधन की वार्ता विफल होने पर कांग्रेस जिम्मेदार होगी. वाम मोर्चा पहले से ही तीन निर्वाचन क्षेत्रों जैसे जामुरिया, भांगर और नंदीग्राम पर अपना दावा वापस लेने के लिए सहमत हो गया है. सूत्रों ने बताया कि शायद अब्बास सिद्दीकी के भाई नौसाद सिद्दीकी भांगर से चुनाव लड़ेंगे. भांगर से मौजूदा विधायक तृणमूल कांग्रेस के अब्दुर रज्जाक मोल्ला हैं, जो पहले वाम मोर्चा सरकार में भूमि और भूमि सुधार मंत्री थे.

नंदीग्राम का मुकाबला दिलचस्प

वाम मोर्चा ने अब्बास सिद्दीकी से आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार उतारने की अपील की है. इसके साथ ही नंदीग्राम फिर से सुर्खियों में आ गया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही घोषणा कर दी है कि आगामी चुनावों में वे खुद नंदीग्राम से चुनाव लड़ सकती हैं. शुभेंदु अधिकारी ने अपनी ओर से चुनौती दी है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम में कम से कम 50 हजार वोटों से हारेंगी. अब वाम मोर्चे की आईएसएफ को पेशकश के साथ स्थिति और भी दिलचस्प हो जाती है.

नंदीग्राम अब किसका होगा

आजादी के बाद के पहले चार वर्षों को छोड़कर नंदीग्राम वाम मोर्चे के नियंत्रण में था. जिसमें विजयी उम्मीदवार सीपीआई के थे. नंदीग्राम में ज्यादातर मतदाता अल्पसंख्यक समुदायों से आते हैं. वाम मोर्चे के नेतृत्व को लगता है कि अगर नंदीग्राम से आईएसएफ के उम्मीदवार मैदान में होंगे तो मुकाबला दिलचस्प होगा, क्योंकि सिद्दीकी का वहां की मस्जिदों और मजारों पर पर्याप्त प्रभाव है. संभवतः यह ध्यान में रखते हुए ही वाम मोर्चा ने सिद्दीकी को यह प्रस्ताव दिया है. भाकपा इस सीट से लगातार नौ बार जीतती रही है, जबकि माकपा उम्मीदवार सिर्फ एक बार जीते हैं. 2009 से तृणमूल कांग्रेस ने नंदीग्राम पर पूर्ण नियंत्रण कर लिया है.

यह भी पढ़ें- तमिलनाडु पहुंचे पीएम मोदी कहा, यह उद्योग और नवाचार का शहर है

राजनीतिक विश्लेषकों को भी लगता है कि वाम मोर्चे के इस फैसले में अल्पसंख्यक वोट फैक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. यहां तक ​​कि सिद्दीकी ने खुद भी नंदीग्राम से उम्मीदवारी का सूक्ष्म संकेत दिया है.

कोलकाता : पिछले रविवार अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर अब्बास सिद्दीकी ने भांगर से उम्मीदवार उतारने की इच्छा जताई थी. उन्होंने भोजरहाट में एक सार्वजनिक रैली में यह दावा किया. उनके दावे ने वाम मोर्चा नेतृत्व को मामले पर चर्चा करने के लिए प्रेरित किया है.

बहुत विचार-विमर्श के बाद CPI (M) भांगर निर्वाचन क्षेत्र से इंडियन सेक्युलर फ्रंट (ISF) के पक्ष में अपना उम्मीदवार वापस लेने पर सहमत हो गई है. सिद्दीकी द्वारा नया राजनैतिक संगठन तैयार किया गया है. वाम मोर्चा आईएसएफ के साथ साझा समझौते के तहत एक सीट देने के लिए दृढ़ है. वाम मोर्चा नेतृत्व को लगता है कि भांगर निर्वाचन क्षेत्र में जहां अल्पसंख्यक मतदाता ज्यादा हैं, वहां आईएसएफ अच्छा प्रदर्शन कर सकता है. हालांकि कांग्रेस जो इस समय वाम मोर्चे के साथ गठबंधन कर रही है, को आईएसएफ से होने वाले गठबंधन से अलग रखा गया है.

अल्पसंख्यक वोट पर नजर
वाम मोर्चा नेतृत्व विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों की मांगों को स्वीकार करते हुए आईएसएफ पर नरम पड़ रहा है. वाम मोर्चा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमने पर्याप्त लचीलापन दिखाया है. अब गठबंधन की वार्ता विफल होने पर कांग्रेस जिम्मेदार होगी. वाम मोर्चा पहले से ही तीन निर्वाचन क्षेत्रों जैसे जामुरिया, भांगर और नंदीग्राम पर अपना दावा वापस लेने के लिए सहमत हो गया है. सूत्रों ने बताया कि शायद अब्बास सिद्दीकी के भाई नौसाद सिद्दीकी भांगर से चुनाव लड़ेंगे. भांगर से मौजूदा विधायक तृणमूल कांग्रेस के अब्दुर रज्जाक मोल्ला हैं, जो पहले वाम मोर्चा सरकार में भूमि और भूमि सुधार मंत्री थे.

नंदीग्राम का मुकाबला दिलचस्प

वाम मोर्चा ने अब्बास सिद्दीकी से आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार उतारने की अपील की है. इसके साथ ही नंदीग्राम फिर से सुर्खियों में आ गया है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही घोषणा कर दी है कि आगामी चुनावों में वे खुद नंदीग्राम से चुनाव लड़ सकती हैं. शुभेंदु अधिकारी ने अपनी ओर से चुनौती दी है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नंदीग्राम में कम से कम 50 हजार वोटों से हारेंगी. अब वाम मोर्चे की आईएसएफ को पेशकश के साथ स्थिति और भी दिलचस्प हो जाती है.

नंदीग्राम अब किसका होगा

आजादी के बाद के पहले चार वर्षों को छोड़कर नंदीग्राम वाम मोर्चे के नियंत्रण में था. जिसमें विजयी उम्मीदवार सीपीआई के थे. नंदीग्राम में ज्यादातर मतदाता अल्पसंख्यक समुदायों से आते हैं. वाम मोर्चे के नेतृत्व को लगता है कि अगर नंदीग्राम से आईएसएफ के उम्मीदवार मैदान में होंगे तो मुकाबला दिलचस्प होगा, क्योंकि सिद्दीकी का वहां की मस्जिदों और मजारों पर पर्याप्त प्रभाव है. संभवतः यह ध्यान में रखते हुए ही वाम मोर्चा ने सिद्दीकी को यह प्रस्ताव दिया है. भाकपा इस सीट से लगातार नौ बार जीतती रही है, जबकि माकपा उम्मीदवार सिर्फ एक बार जीते हैं. 2009 से तृणमूल कांग्रेस ने नंदीग्राम पर पूर्ण नियंत्रण कर लिया है.

यह भी पढ़ें- तमिलनाडु पहुंचे पीएम मोदी कहा, यह उद्योग और नवाचार का शहर है

राजनीतिक विश्लेषकों को भी लगता है कि वाम मोर्चे के इस फैसले में अल्पसंख्यक वोट फैक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. यहां तक ​​कि सिद्दीकी ने खुद भी नंदीग्राम से उम्मीदवारी का सूक्ष्म संकेत दिया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.