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गंगा के बाद अब केंद्र यमुना जैसी सहायक नदियों के लिए उठा रहा ये कदम

केंद्र यमुना जैसी विभिन्न गंगा की सहायक नदियों में निर्बाध प्रवाह के लिए पानी के न्यूनतम प्रवाह की सीमा तय करने की योजना बना रहा है, जिससे इसकी सफाई सुनिश्चित की जा सके.

गंगा
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Published : Oct 30, 2021, 9:42 PM IST

नई दिल्ली : एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्र, यमुना जैसी विभिन्न गंगा सहायक नदियों में पानी के निर्बाध प्रवाह के लिए न्यूनतम प्रवाह की सीमा निर्धारित करने की योजना बना रहा है, जिससे इसकी सफाई सुनिश्चित होगी.

2018 में स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) ने गंगा के लिए ई-प्रवाह अधिसूचना जारी की, जो नदी के पारिस्थितिक तंत्र के घटकों, कार्यों, प्रक्रियाओं को बनाए रखने के लिए आवश्यक जल प्रवाह की गुणवत्ता, मात्रा और समय को संदर्भित करती है.

एनएमसीजी के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा (NMCG Director General Rajiv Ranjan Mishra) ने कहा कि इसी तर्ज पर एनएमसीजी अब यमुना जैसी विभिन्न सहायक नदियों में पानी के न्यूनतम प्रवाह की सीमा निर्धारित करने की योजना बना रहा है. ताकि इसकी स्वच्छता सुनिश्चित हो सके.

पानी के न्यूनतम प्रवाह को निर्धारित करने से हमें गंगा नदी के निरंतर प्रवाह को बनाए रखने में मदद मिली है. इसके अलावा गंगा की सहायक नदियों जैसे यमुना और अन्य नदियों के न्यूनतम प्रवाह को बनाए रखने के लिए एनएमसीजी की ओर से तकनीकी और विश्लेषणात्मक सहायता प्रदान करने के लिए योजनाओं पर काम चल रहा है.

गंगा नदी के समग्र विकास के लिए उनका संरक्षण और कायाकल्प करना महत्वपूर्ण है. उन्हाेंने कहा कि एनएमसीजी किसानों की आय बढ़ाने, पानी के उपयोग में सुधार और फसल विविधीकरण (crop diversification) के लिए कृषि कल्याण मंत्रालय के साथ काम कर रहा है.

नई दिल्ली : एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि केंद्र, यमुना जैसी विभिन्न गंगा सहायक नदियों में पानी के निर्बाध प्रवाह के लिए न्यूनतम प्रवाह की सीमा निर्धारित करने की योजना बना रहा है, जिससे इसकी सफाई सुनिश्चित होगी.

2018 में स्वच्छ गंगा के लिए राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) ने गंगा के लिए ई-प्रवाह अधिसूचना जारी की, जो नदी के पारिस्थितिक तंत्र के घटकों, कार्यों, प्रक्रियाओं को बनाए रखने के लिए आवश्यक जल प्रवाह की गुणवत्ता, मात्रा और समय को संदर्भित करती है.

एनएमसीजी के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा (NMCG Director General Rajiv Ranjan Mishra) ने कहा कि इसी तर्ज पर एनएमसीजी अब यमुना जैसी विभिन्न सहायक नदियों में पानी के न्यूनतम प्रवाह की सीमा निर्धारित करने की योजना बना रहा है. ताकि इसकी स्वच्छता सुनिश्चित हो सके.

पानी के न्यूनतम प्रवाह को निर्धारित करने से हमें गंगा नदी के निरंतर प्रवाह को बनाए रखने में मदद मिली है. इसके अलावा गंगा की सहायक नदियों जैसे यमुना और अन्य नदियों के न्यूनतम प्रवाह को बनाए रखने के लिए एनएमसीजी की ओर से तकनीकी और विश्लेषणात्मक सहायता प्रदान करने के लिए योजनाओं पर काम चल रहा है.

गंगा नदी के समग्र विकास के लिए उनका संरक्षण और कायाकल्प करना महत्वपूर्ण है. उन्हाेंने कहा कि एनएमसीजी किसानों की आय बढ़ाने, पानी के उपयोग में सुधार और फसल विविधीकरण (crop diversification) के लिए कृषि कल्याण मंत्रालय के साथ काम कर रहा है.

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