नई दिल्ली : देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद शुक्रवार को कहा कि अब सरकार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को भी निरस्त करना चाहिए.
इस बीच, बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को सीएए को निरस्त करने के बारे में भी तत्काल विचार करना चाहिए. जमीयत के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में कहा, 'हम तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा का स्वागत करते हैं. किसानों को हम मुबारकबाद देते हैं.' उनके मुताबिक, किसान आंदोलन को भी कहीं न कहीं सीएए विरोधी आंदोलन से प्रेरणा मिली.
मौलाना मदनी ने कहा, 'हमारे प्रधानमंत्री सही कहते हैं कि हमारे देश का ढांचा लोकतांत्रिक है. ऐसे में अब उन्हें उन कानूनों की ओर भी ध्यान देना चाहिए, जो मुसलमानों से जुड़े हैं. कृषि कानूनों की तरह सीएए को भी वापस लिया जाए.'
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अमरोहा से लोकसभा सदस्य दानिश अली ने ट्वीट किया, 'तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना स्वागत योग्य कदम है. मैं किसानों को बधाई देता हूं कि उनके संघर्ष, त्याग और बलिदान ने सरकार की ताकत को पराजित किया. प्रधानमंत्री जी, सीएए को भी निरस्त करने के बारे में तत्काल विचार होना चाहिए.'
(पीटीआई-भाषा)