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आशा है अफगानिस्तान की धरती का उपयोग आतंकवाद के लिए नहीं किया जाएगा : भारत

अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में कहा है कि हमें उम्मीद है कि अफगानिस्तान के हालात उसके पड़ोसियों के लिए चुनौती पेश नहीं करेंगे और लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों द्वारा उसकी धरती का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.

इंद्र मणि पांडे
इंद्र मणि पांडे
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Published : Aug 24, 2021, 5:29 PM IST

नई दिल्ली : अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति (situation in Afghanistan ) को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UN Human Rights Council) में कहा है कि अफगानिस्तान का पड़ोसी होने के नाते, वहां के वर्तमान हालात हमारे लिए गहरी चिंता का विषय है. भारत ने कहा कि वहां सुरक्षा हालात खतरनाक बने रहने से भयानक मानवीय संकट पैदा हो रहा है.

भारत ने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि अफगानिस्तान के हालात उसके पड़ोसियों के लिए चुनौती पेश नहीं करेंगे और लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों द्वारा उसकी धरती का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.

अफगानिस्तान की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के एक विशेष सत्र में अपने संबोधन में भारतीय राजदूत इंद्र मणि पांडे (Indian ambassador Indra Mani Pandey) ने कहा कि देश में एक गंभीर मानवीय संकट सामने आ रहा है और हर कोई अफगान के मौलिक अधिकारों के बढ़ते उल्लंघन (violations of fundamental rights) से चिंतित है.

उन्होंने कहा कि भारत को उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही स्थिर हो जाएगी और संबंधित पक्ष मानवीय और सुरक्षा मुद्दों का समाधान करेंगे.

उन्होंने कहा, 'हम यह भी उम्मीद करते हैं कि यह एक समावेशी और व्यापक आधार वाली व्यवस्था है, जो अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करती है. अफगान महिलाओं की आवाज, अफगान बच्चों की आकांक्षाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए.' उन्होंने कहा कि व्यापक आधार वाले प्रतिनिधित्व से व्यवस्था को अधिक स्वीकार्यता और वैधता हासिल करने में मदद मिलेगी.

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पांडे ने कहा कि अफगानिस्तान में स्थिरता क्षेत्र की शांति और सुरक्षा से जुड़ी है.

उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि अफगानिस्तान की स्थिति उसके पड़ोसियों के लिए एक चुनौती नहीं है और इसके क्षेत्र का उपयोग लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) और जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) जैसे आतंकवादी समूहों द्वारा किसी अन्य देश को धमकी देने के लिए नहीं किया जाएगा.'

पढ़ें - अफगानिस्तान के हालात पर पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से की बात

राजदूत ने कहा, 'हम अफगानिस्तान में तेजी से विकसित हो रही सुरक्षा स्थिति की करीब से निगरानी कर रहे हैं और हम संबंधित पक्षों से कानून और व्यवस्था बनाए रखने, सभी अफगान नागरिकों, संयुक्त राष्ट्र कर्मियों और राजनयिक कर्मचारियों के सदस्यों की सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने और मानवाधिकारों और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय सहायता का पालन करने के लिए कहते हैं.'

नई दिल्ली : अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति (situation in Afghanistan ) को लेकर भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UN Human Rights Council) में कहा है कि अफगानिस्तान का पड़ोसी होने के नाते, वहां के वर्तमान हालात हमारे लिए गहरी चिंता का विषय है. भारत ने कहा कि वहां सुरक्षा हालात खतरनाक बने रहने से भयानक मानवीय संकट पैदा हो रहा है.

भारत ने आगे कहा कि हमें उम्मीद है कि अफगानिस्तान के हालात उसके पड़ोसियों के लिए चुनौती पेश नहीं करेंगे और लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठनों द्वारा उसकी धरती का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.

अफगानिस्तान की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के एक विशेष सत्र में अपने संबोधन में भारतीय राजदूत इंद्र मणि पांडे (Indian ambassador Indra Mani Pandey) ने कहा कि देश में एक गंभीर मानवीय संकट सामने आ रहा है और हर कोई अफगान के मौलिक अधिकारों के बढ़ते उल्लंघन (violations of fundamental rights) से चिंतित है.

उन्होंने कहा कि भारत को उम्मीद है कि स्थिति जल्द ही स्थिर हो जाएगी और संबंधित पक्ष मानवीय और सुरक्षा मुद्दों का समाधान करेंगे.

उन्होंने कहा, 'हम यह भी उम्मीद करते हैं कि यह एक समावेशी और व्यापक आधार वाली व्यवस्था है, जो अफगान समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करती है. अफगान महिलाओं की आवाज, अफगान बच्चों की आकांक्षाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए.' उन्होंने कहा कि व्यापक आधार वाले प्रतिनिधित्व से व्यवस्था को अधिक स्वीकार्यता और वैधता हासिल करने में मदद मिलेगी.

जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पांडे ने कहा कि अफगानिस्तान में स्थिरता क्षेत्र की शांति और सुरक्षा से जुड़ी है.

उन्होंने कहा, 'हमें उम्मीद है कि अफगानिस्तान की स्थिति उसके पड़ोसियों के लिए एक चुनौती नहीं है और इसके क्षेत्र का उपयोग लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) और जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) जैसे आतंकवादी समूहों द्वारा किसी अन्य देश को धमकी देने के लिए नहीं किया जाएगा.'

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राजदूत ने कहा, 'हम अफगानिस्तान में तेजी से विकसित हो रही सुरक्षा स्थिति की करीब से निगरानी कर रहे हैं और हम संबंधित पक्षों से कानून और व्यवस्था बनाए रखने, सभी अफगान नागरिकों, संयुक्त राष्ट्र कर्मियों और राजनयिक कर्मचारियों के सदस्यों की सुरक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने और मानवाधिकारों और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय सहायता का पालन करने के लिए कहते हैं.'

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