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Aditya L1 Mission: चंद्रयान 3 के बाद आदित्य एल1 मिशन में हरियाणा का अहम योगदान, इस कंपनी के 2 लाख नट बोल्ट्स लगे - भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति

Aditya L1 Mission: चंद्रयान 3 की सफल लैंडिंग के बाद अब इसरो आदित्य L1 को भी 2 सितंबर को लॉन्च करने वाला है. इस मिशन में भी चंद्रयान 3 की तरह हरियाणा का भी अहम योगदान है.

aditya l1 mission
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 30, 2023, 6:28 PM IST

Updated : Sep 2, 2023, 8:28 AM IST

रोहतक: चंद्रयान 3 के सफल मिशन के बाद अब इसरो (भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति) ने सूर्य मिशन के लिए आदित्य एलवन को भी लॉन्च करने की तैयारी कर दी है. 2 सितंबर 2023 को इसरो आदित्य L1 को लॉन्च करेगा. आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित भारतीय मिशन होगा. चंद्रयान 3 की तरह इस मिशन में भी हरियाणा का अहम योगदान होगा.

ये भी पढ़ें- चंद्रयान 3 को बनाने में हरियाणा की इस कंपनी का अहम योगदान, 2 से 5 लाख के बीच तैयार किए नट-बोल्ट्स

दरअसल हरियाणा के रोहतक में स्थित जिस कंपनी ने चंद्रयान 3 के लिए नट बोल्ट बनाए थे. उसी कंपनी के बनाए गए करीब 2 लाख नट बोल्ट आदित्य L1 में लगे हैं. रोहतक की एलपीएस बोसार्ड कंपनी में आदित्य L1 के लिए नट बोल्ट्स बनाए गए हैं. चंद्रयान 3 में भी इस कंपनी के बनाए गए करीब डेढ़ लाख नट बोल्ट्स लगाए गए थे. अब एलपीएस बोसार्ड कंपनी ने आदित्य L1 में लिए नट बोल्ट्स बनाए हैं.

साल 2014 में हमने आदित्य L1 प्रोजेक्ट के लिए इसरो को 2 लाख नट बोल्ट्स भेजे थे. इस दौरान 40 से 50 बार इसरो के अधिकारियों ने कंपनी में विजिट किया और अपने तरीके से जांच पड़ताल करके नट बोल्ट तैयार करवाए. पिछली बार 2021 में हमने नट बोल्ट्स भेजे थे. आदित्य L1 में कंपनी के नट बोल्ट्स लगे हैं.- मुकेश सिंह, मैनेजर, एलपीएस बोसार्ड कंपनी रोहतक

ये भी पढ़ें- Aditya-L1 Solar Mission: 'आदित्य-एल1' सौर मिशन की तारीख तय, 2 सितंबर को हो सकता है प्रक्षेपण

बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (ISRO) 2 सितंबर को अपना सन-मिशन लॉन्च करेगा. इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सूर्य के बारे में और अधिक जानकारी जुटाना है. इस मिशन को 'आदित्य एल-1' नाम दिया गया है. सूर्य की सबसे बाहरी परत, जिसे कोरोना कहा जाता है, आदित्य L1 उसका अध्ययन करेगा. इसके लिए मिशन में सात पेलोड शामिल होंगे. इससे ओजोन परत पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया जाएगा.

रोहतक: चंद्रयान 3 के सफल मिशन के बाद अब इसरो (भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति) ने सूर्य मिशन के लिए आदित्य एलवन को भी लॉन्च करने की तैयारी कर दी है. 2 सितंबर 2023 को इसरो आदित्य L1 को लॉन्च करेगा. आदित्य एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित भारतीय मिशन होगा. चंद्रयान 3 की तरह इस मिशन में भी हरियाणा का अहम योगदान होगा.

ये भी पढ़ें- चंद्रयान 3 को बनाने में हरियाणा की इस कंपनी का अहम योगदान, 2 से 5 लाख के बीच तैयार किए नट-बोल्ट्स

दरअसल हरियाणा के रोहतक में स्थित जिस कंपनी ने चंद्रयान 3 के लिए नट बोल्ट बनाए थे. उसी कंपनी के बनाए गए करीब 2 लाख नट बोल्ट आदित्य L1 में लगे हैं. रोहतक की एलपीएस बोसार्ड कंपनी में आदित्य L1 के लिए नट बोल्ट्स बनाए गए हैं. चंद्रयान 3 में भी इस कंपनी के बनाए गए करीब डेढ़ लाख नट बोल्ट्स लगाए गए थे. अब एलपीएस बोसार्ड कंपनी ने आदित्य L1 में लिए नट बोल्ट्स बनाए हैं.

साल 2014 में हमने आदित्य L1 प्रोजेक्ट के लिए इसरो को 2 लाख नट बोल्ट्स भेजे थे. इस दौरान 40 से 50 बार इसरो के अधिकारियों ने कंपनी में विजिट किया और अपने तरीके से जांच पड़ताल करके नट बोल्ट तैयार करवाए. पिछली बार 2021 में हमने नट बोल्ट्स भेजे थे. आदित्य L1 में कंपनी के नट बोल्ट्स लगे हैं.- मुकेश सिंह, मैनेजर, एलपीएस बोसार्ड कंपनी रोहतक

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बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (ISRO) 2 सितंबर को अपना सन-मिशन लॉन्च करेगा. इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सूर्य के बारे में और अधिक जानकारी जुटाना है. इस मिशन को 'आदित्य एल-1' नाम दिया गया है. सूर्य की सबसे बाहरी परत, जिसे कोरोना कहा जाता है, आदित्य L1 उसका अध्ययन करेगा. इसके लिए मिशन में सात पेलोड शामिल होंगे. इससे ओजोन परत पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया जाएगा.

Last Updated : Sep 2, 2023, 8:28 AM IST
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