नई दिल्ली: अडाणी समूह ने शुक्रवार को एनडीटीवी की इस दलील को खारिज किया कि उसकी प्रवर्तक इकाई आरआरपीआर लिमिटेड में हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने के लिए बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की मंजूरी जरूरी है. अडाणी समूह ने कहा कि प्रवर्तक इकाई नियामक के उस आदेश का हिस्सा नहीं है जिसमें एनडीटीवी के प्रवर्तकों प्रणय रॉय और राधिका रॉय के प्रतिभूति बाजार में कारोबार करने पर रोक लगाई गई थी.
एनडीटीवी ने शेयर बाजार को बताया था कि अडाणी समूह की फर्म विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (वीसीपीएल) के लिए एनडीटीवी की प्रवर्तक इकाई आरआरपीआर लिमिटेड में हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने के लिए बाजार नियामक सेबी की मंजूरी जरूरी है. वीसीपीएल ने आरआरपीआर की इस दलील को बेबुनियाद, कानूनी तौर पर खरा नहीं उतरने वाली और बेकार बताया और कहा कि होल्डिंग कंपनी को वॉरेंट एक्सरसाइज नोटिस के अनुसार तुरंत अपना दायित्व पूरा करना चाहिए और इक्विटी शेयर आवंटित करने चाहिए.
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अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने शेयर बाजारों को भेजी जानकारी में कहा कि 23 अगस्त 2022 के वॉरेंट एक्सरसाइज नोटिस पर वीसीपीएल को आरआरपीआर की ओर से जवाब प्राप्त हुआ है. अडाणी एंटरप्राइजेज ने कहा, 'आरआरपीआर सेबी के 27 नवंबर 2020 को जारी आदेश में पक्षकार नहीं है. इसलिए आरआरपीआर ने सेबी की ओर से लगाई गई जिस पाबंदी का उल्लेख किया है वह आरआरपीआर पर लागू नहीं होती है.'
समूह ने कहा कि आरआरपीआर द्वारा नोटिस के मुताबिक दायित्वों को पूरा करने से सेबी के आदेश का उल्लंघन नहीं होगा क्योंकि इससे प्रणय रॉय या राधिका रॉय की प्रतिभूतियों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से लेनदेन नहीं हो रहा है. अडाणी एंटरप्राइजेज ने कहा, 'इसलिए वीसीवीएल आआरपीआर की इस बात से सहमत नहीं है कि शेयरों के आवंटन के लिए सेबी की पूर्व लिखित अनुमति आवश्यक होगी.' सेबी ने 27 नवंबर 2020 को एनडीटीवी के प्रवर्तकों प्रणय रॉय और राधिका रॉय पर दो साल के लिए प्रतिभूति बाजार में कारोबार की रोक लगा दी थी. एनडीटीवी ने शेयर बाजारों को बताया था कि पाबंदी की अवधि 26 नवंबर 2022 को खत्म होगी.