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Gautam Navlakha Withdraws Plea : गौतम नवलखा ने मुबई से दिल्ली भेजे जाने संबंधी याचिका वापस ली

गौतम नवलखा (Gautam Navlakha) ने अपनी उस याचिका को वापस ले लिया है, जिसमें उसने नजरबंदी के तहत मुंबई से दिल्ली भेजे जाने की अपील की थी.

Gautam Navlakha Withdraws Plea
गौतम नवलखा
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Published : Feb 17, 2023, 9:10 PM IST

नई दिल्ली : माओवादियों और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) से संबंध रखने के आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा (Gautam Navlakha) ने नजरबंदी के तहत मुंबई से दिल्ली स्थानांतरित करने की अपनी याचिका शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से वापस ले ली. एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में नवलखा मुंबई में नजरबंद हैं.

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 10 नवंबर को 70 वर्षीय नवलखा को उनके बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण घर में नजरबंद रखने की अनुमति दी थी. दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग वाली उनकी अर्जी शुक्रवार को न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने नवलखा की अर्जी का विरोध किया. नवलखा की ओर से पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता नित्या रामकृष्णन ने पीठ को बताया कि नवलखा मुंबई में रहने के लिए कोई और जगह तलाशेंगे. उन्होंने कहा कि वह आवेदन वापस ले लेंगी.

खंडपीठ ने कहा, 'याचिका वापस लिए जाने के तौर पर खारिज की जाती है.' एनआईए की आशंकाओं को खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने पिछले साल 18 नवंबर को आदेश दिया था कि नवलखा को 24 घंटे के भीतर 'बिना किसी देरी के' नजरबंद किया जाए. हालांकि, पीठ ने उस इमारत में कुछ अतिरिक्त सुरक्षा उपाय करने का आदेश दिया था, जहां नवलखा को नजरबंद रखा जाना था.

ये है पूरा मामला : ये 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है, जिसके बारे में पुलिस का दावा है कि अगले दिन पश्चिमी महाराष्ट्र के बाहरी इलाके कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क गई थी.

पढ़ें- एल्गार परिषद मामला : HC ने नवलखा की जमानत अर्जी पर NIA को नोटिस जारी किया

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : माओवादियों और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) से संबंध रखने के आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा (Gautam Navlakha) ने नजरबंदी के तहत मुंबई से दिल्ली स्थानांतरित करने की अपनी याचिका शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से वापस ले ली. एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में नवलखा मुंबई में नजरबंद हैं.

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 10 नवंबर को 70 वर्षीय नवलखा को उनके बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण घर में नजरबंद रखने की अनुमति दी थी. दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग वाली उनकी अर्जी शुक्रवार को न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने नवलखा की अर्जी का विरोध किया. नवलखा की ओर से पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता नित्या रामकृष्णन ने पीठ को बताया कि नवलखा मुंबई में रहने के लिए कोई और जगह तलाशेंगे. उन्होंने कहा कि वह आवेदन वापस ले लेंगी.

खंडपीठ ने कहा, 'याचिका वापस लिए जाने के तौर पर खारिज की जाती है.' एनआईए की आशंकाओं को खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने पिछले साल 18 नवंबर को आदेश दिया था कि नवलखा को 24 घंटे के भीतर 'बिना किसी देरी के' नजरबंद किया जाए. हालांकि, पीठ ने उस इमारत में कुछ अतिरिक्त सुरक्षा उपाय करने का आदेश दिया था, जहां नवलखा को नजरबंद रखा जाना था.

ये है पूरा मामला : ये 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है, जिसके बारे में पुलिस का दावा है कि अगले दिन पश्चिमी महाराष्ट्र के बाहरी इलाके कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा भड़क गई थी.

पढ़ें- एल्गार परिषद मामला : HC ने नवलखा की जमानत अर्जी पर NIA को नोटिस जारी किया

(पीटीआई-भाषा)

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