उन्नाव: दुष्कर्म के दो आरोपी एक माह पहले जेल से जमानत पर छूटे और 2 अन्य साथियों के साथ सोमवार देर शाम नाबालिग दलित गैंगरेप पीड़िता के घर पहुंच गए. पीड़िता व उसकी मां का आरोप है कि आरोपी दुष्कर्म के मुकदमे में सुलह का दबाव बनाते हुए गाली-गलौज करने लगे. पीड़िता और उसकी मां के विरोध पर लाठी-डंडे से पीट दिया. पीड़िता और उसकी मां के हाथ व पैर में चोट के गहरे निशान हैं. आरोप है कि आरोपियों ने जान से मारने की धमकी देते हुए घर के भीतर रखे छप्पर में आग लगाकर बच्चों को जिंदा जलाने का प्रयास किया. अग्निकांड में नाबालिग गैंगरेप पीड़िता का 4 माह का बेटा और उसकी 3 माह की बहन गंभीर रूप से झुलस गई. मौरावां पुलिस ने बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया. बच्चों के अलावा पीड़िता और उसकी मां भी जिला अस्पताल में भर्ती हैं.
मौरावां थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 13 वर्ष की नाबालिग से 13 फरवरी 2022 और 31 दिसम्बर 2022 को गांव के ही 5 युवकों पर बंधक बनाकर दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने का आरोप लगाया गया था. पीड़िता करीब एक माह तक पुलिस के चक्कर काटती रही. इसके बाद मौरावां पुलिस ने रेप के 5 आरोपियों में रोशन, सतीश, अरुण, रंजीत और अमन पर गैंगरेप व पॉस्को एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था. इसके बाद 3 आरोपी अमन, अरुण और सतीश को गिरफ्तार कर लिया गया था. फिर तीनों को जेल भेज दिया गया था. वहीं, 2 आरोपियों रंजीत व रोशन को पुलिस ने जांच में क्लीन चिट दे दी थी.
करीब एक माह पहले जेल से जमानत पर छूटे अमन और सतीश 2 अन्य साथियों के साथ सोमवार रात करीब 7.30 बजे गैंगरेप पीड़िता के चाचा और बाबा के साथ घर पहुंचे. पीड़िता की मां का आरोप है कि आरोपी गैंगरेप मुकदमा में सुलह का दबाव बना रहे थे. इसका विरोध करने पर आरोपियों ने अपने साथियों के साथ लात-घूंसों व डंडे से पीट दिया. दबंगों का कहर यही नहीं थमा, जान से मारने की धमकी देते हुए घर के अंदर रखे छप्पर में आग लगा दी. छप्पर के नीचे चारपाई पर सो रहे गैंगरेप पीड़िता का 4 माह का बेटा और उसकी 3 माह की बहन दोनों आग की चपेट में आ गए. चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी मदद को दौड़े. बच्चों को आग से बचाने के साथ ही पानी डालकर आग पर काबू पाने में जुट गए. इस दौरान गैंगरेप पीड़िता की बहन व उसका बेटा गंभीर रूप से झुलस गया. छप्पर व कुछ सामान भी जलकर राख हो गया.
मौरावां थाना प्रभारी ने आनन-फानन में झुलसे बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया. वहीं, मारपीट में घायल गैंगरेप पीड़िता व उसकी मां का भी इलाज चल रहा है. सीएमओ सत्यप्रकाश और सीएमएस सुशील कुमार ने बेहतर इलाज के लिए बच्चों को बर्न यूनिट में भर्ती कराया. मौरावां पुलिस पर पीड़िता ने आरोपियों की मदद के गंभीर आरोप लगाए हैं. एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना ने सीओ पुरवा से जांचकर रिपोर्ट तलब की है. डीएम अपूर्वा दूबे के निर्देश पर एडीएम नरेंद्र सिंह जिला अस्पताल पहुंचे. उन्होंने झुलसे मासूम बच्चों का हाल जानने के साथ ही सीएमओ को बेहतर इलाज के आदेश दिए.
गैंगरेप पीड़िता की मां ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उसकी लड़की के साथ गलत काम किया गया है. एक माह पहले जेल से जमानत पर छूटे आरोपियों में से अमन और सतीश साथियों के साथ घर पहुंचे और केस वापस लेने का दबाव बनाने लगे. केस वापस न लेने पर जान से मारने की धमकी दी. उन्होंने कहा कि उनकी लड़की को मारा और उन्हें भी मारा. बच्चे को उठाकर आग में फेंक दिया. आरोपी सतीश, लोचन, चंदन लाल और राजबहादुर कहते हैं कि केस वापस ले लो नहीं तो तुमको जान से मार डालेंगे. आग से दो बच्चे चले हैं. एक बिटिया का बच्चा है और एक उनका बच्चा है.
एडीएम नरेंद्र सिंह ने बताया कि घटना पुरानी है. 13 फरवरी 2022 को गैंगरेप की घटना हुई थी. पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी. इसमें 3 लोगों को जेल भेजा गया था. अमन और सतीश दो लोग जमानत पर निकल कर आए हैं. उनकी जो बात हुई है उसमें पीड़ित महिला बता रही है कि 2 मासूम बच्चों को आग में जलाकर हत्या का प्रयास किया गया. घायलों में गैंगरेप पीड़िता का 4 माह का मासूम बेटा भी शामिल है. एडीएम ने बताया कि दो बच्चे जले हैं. यहां पर उपचार किया जा रहा है. सीएमओ की निगरानी में प्रॉपर इलाज किया जा रहा है. अभी उन्होंने तहरीर नहीं दी है. तहरीर के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
सीओ पुरवा संतोष कुमार सिंह ने बताया कि शाम 6 बजे मौरावां थाना क्षेत्र के एक गांव में एक शख्स के घर में आग लग गई थी. इसमें उसकी पुत्री का 4 महीने का बेटा और शख्स की 3 महीने की बेटी झुलस गई. महिला ने अपने ससुर, देवर और 4 अन्य लोगों पर आग लगाने का आरोप लगाया है. मामला दर्ज कर लिया गया है.
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