सरायकेला : कोरोना काल में कई जगहों से ऐसी खबरें आ रही है जहां निजी अस्पताल कोरोना मरीजों से ज्यादा पैसे वसूल रहे हैं. झारखंड के सरायकेला के आदित्यपुर स्थित 'ट्रिपल वन सेव लाइफ अस्पताल' के प्रबंधन द्वारा मरीजों से ज्यादा पैसों की वसूली की शिकायत हुई थी. शिकायत मिलने के बाद प्रभारी सिविल सर्जन डॉ वरियल मार्डी की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय टीम ने वस्तु स्थिति की जांच की.
अस्पताल प्रबंधक ने स्वास्थ्य मंत्री को दी चुनौती
सिविल सर्जन द्वारा अस्पताल के निरीक्षण के बाद उस निजी अस्पताल के प्रबंधक डॉ ओपी आनंद ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की. उन्होंने कहा कि कोरोना काल की वजह से छोड़ दिया, वरना ऐसे अधिकारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटने की क्षमता मुझमें है. उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को भी चुनौती दे डाली.
प्रबंधक ने बताया कि किस आधार पर स्वास्थ्य मंत्री ने दवाओं और ऑक्सीजन के दाम तय किए हैं. मैं सरकार के इन नियमों को नहीं मानता हूं. उन्होंने कहा कि मंत्री ने जांच के आदेश देकर सही नहीं किया.
प्रबंधक के इस बयान पर अभी स्वास्थ्य मंत्रालय की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
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दरअसल, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को इस बात की शिकायत मिली थी कि निजी अस्पताल द्वारा ज्यादा पैसा वसूला जा रहा है. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा यह जांच की गई. जांच के दौरान वहां 8 मरीज भर्ती पाए गए. जांच के दौरान निजी अस्पताल प्रबंधन की मनमानी और ठसक की कई बातें भी सामने आई.
अस्पताल प्रबंधन द्वारा जांच करने गई टीम को जांच में पूरी तरह से सहयोग नहीं किया गया. यहां तक कि जांच के आधार पर सवाल खड़ा करते हुए अड़ियल रवैया भी दिखाया गया. अवैध वसूली के बारे में जब मरीजों के परिजनों से पूछताछ की बातें सामने आई तो किसी भी मरीज के परिजन को अस्पताल प्रबंधन द्वारा टीम के समक्ष नहीं प्रस्तुत किया गया.
जांच के दौरान अस्पताल में अग्निशमन की एनओसी, प्रदूषण का सर्टिफिकेट, दर तालिका जैसी कई कमियां भी पाई गई. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नाराजगी भी जाहिर की.