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पत्नी की हत्या का लगा आरोप, बच्चों के भविष्य के लिए कोर्ट ने कम की सजा

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Published : Oct 26, 2022, 8:01 PM IST

मुंबई सेशन कोर्ट (Bombay Sessions Court) ने पत्नी की हत्या के मामले में आरोप पति को उसकी बच्चियों के भविष्य को देखते हुए दी जाने वाली 10 साल की सजा को 5 साल कर दिया है.

Bombay Sessions Court
मुंबई सेशन कोर्ट

मुंबई : हत्या के मामले के एक आरोपी को उसकी बच्चियों के भविष्य को देखते हुए मुंबई सेशन कोर्ट (Bombay Sessions Court) ने उसे दी जाने वाली 10 साल की सजा की जगह 5 साल की सजा सुनाई है. मामले में बताया जाता है कि पैसे को लेकर पति और पत्नी के बीच मामूली विवाद में दोनों को बीच जमकर मारपीट हुई थी. इसी दौरान पत्नी ने पति पर हमला कर दिया था. वहीं पति ने आत्मरक्षा में पत्नी पर हमला कर दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई.

कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने हत्या नहीं की है, इसलिए आरोपी को सजा देते समय इस पर विचार किया जाना आवश्यक है. इसी वजह से आरोपी को दी जाने वाली 10 साल की सजा की जगह 5 साल की सजा सुनाई गई.

कोर्ट ने मामले में आरोपी बृजेश कुमार प्रसाद को हत्या की जगह गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि उसके द्वारा किया गया कृत्य पूर्व नियोजित नहीं था. इस संबंध में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एबी शर्मा ( Additional Sessions Judge AB Sharma) ने यह भी कहा कि आरोपी दो नाबालिग लड़कियों के लिए जिम्मेदार था, जो अपनी मां की मौत के बाद एक अनाथालय में रह रही हैं और उनका पिता जेल में है.

न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा कि अदालत का विचार है कि सजा तय करते समय आरोपी पर नरमी दिखाई जानी चाहिए. हालांकि आरोप में अधिकतम 10 साल की सजा है, लेकिन कोर्ट ने उस व्यक्ति को पांच साल की सजा सुनाई.

ये भी पढ़ें - भ्रष्टाचार रोधी विशेष अदालत संबंधी याचिका पर 31 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

मुंबई : हत्या के मामले के एक आरोपी को उसकी बच्चियों के भविष्य को देखते हुए मुंबई सेशन कोर्ट (Bombay Sessions Court) ने उसे दी जाने वाली 10 साल की सजा की जगह 5 साल की सजा सुनाई है. मामले में बताया जाता है कि पैसे को लेकर पति और पत्नी के बीच मामूली विवाद में दोनों को बीच जमकर मारपीट हुई थी. इसी दौरान पत्नी ने पति पर हमला कर दिया था. वहीं पति ने आत्मरक्षा में पत्नी पर हमला कर दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई.

कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने हत्या नहीं की है, इसलिए आरोपी को सजा देते समय इस पर विचार किया जाना आवश्यक है. इसी वजह से आरोपी को दी जाने वाली 10 साल की सजा की जगह 5 साल की सजा सुनाई गई.

कोर्ट ने मामले में आरोपी बृजेश कुमार प्रसाद को हत्या की जगह गैर इरादतन हत्या का दोषी पाया. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि उसके द्वारा किया गया कृत्य पूर्व नियोजित नहीं था. इस संबंध में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एबी शर्मा ( Additional Sessions Judge AB Sharma) ने यह भी कहा कि आरोपी दो नाबालिग लड़कियों के लिए जिम्मेदार था, जो अपनी मां की मौत के बाद एक अनाथालय में रह रही हैं और उनका पिता जेल में है.

न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा कि अदालत का विचार है कि सजा तय करते समय आरोपी पर नरमी दिखाई जानी चाहिए. हालांकि आरोप में अधिकतम 10 साल की सजा है, लेकिन कोर्ट ने उस व्यक्ति को पांच साल की सजा सुनाई.

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