अजमेर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने तमिलनाडु के 12 पुलिसकर्मियों को हिरासत में लिया है. तमिलनाडु से यह 12 पुलिसकर्मी चोरी के मामले में आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए आए थे. इन पर आरोप है कि चोरी के मामले में आरोपी को बचाने की एवज में 25 लाख रुपए रिश्वत की मांग की. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के डीआईजी समीर कुमार ने बताया कि 4 मार्च को परिवादी ने ब्यूरो को शिकायत दी थी कि तमिलनाडु पुलिस की एक टीम बीना क्षेत्र से एक महिला सोनिया को उसके घर से हिरासत में लेकर गई है.
डीआईजी समीर कुमार ने बताया कि आरोपी महिला और उसके पति का नाम चोरी के मुकदमे से निकालने की एवज में उनसे 25 लाख रुपए की डिमांड की जा रही थी. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने परिवादी से मिली शिकायत का सत्यापन करवाया, जिसमें आरोप की पुष्टि होने पर ट्रैप की कार्रवाई की गई. इस कार्रवाई में तमिलनाडु पुलिस के 12 पुलिसकर्मियों को हिरासत में लिया गया है.
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के पूछताछ में तमिलनाडु पुलिसकर्मियों ने बताया कि वह एक बड़ी नकद के अनुसंधान के तहत बरामदगी के लिए भिनाय आए हुए थे. तमिलनाडु पुलिसकर्मियों में एक इंस्पेक्टर, एक सब इंस्पेक्टर और एक एएसआई भी शामिल हैं. अब तक की पड़ताल में सामने आया है कि आरोपी महिला और उसके पति के खिलाफ चोरी के आभूषण खरीदने का आरोप है. चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी तमिलनाडु पुलिस की गिरफ्त में है. आरोपियों की निशानदेही पर तमिलनाडु पुलिस ने अजमेर आकर कार्रवाई की.
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25 लाख रुपए रिकवरी या डिमांड : तमिलनाडु पुलिस चोरी के मामले में भिनाय में सुनार दंपत्ति को गिरफ्तार करने और चोरी के खरीदे गए आभूषण की बरामदगी के लिए आई थी. परिवादी ने एसीबी को शिकायत में 25 लाख रुपए की डिमांड कर उसे परेशान करने का आरोप लगाया था. तमिलनाडु पुलिस ने 25 लाख रुपए के चोरी के खरीदे आभूषण आरोपी दंपत्ति से मांगे थे या फिर सुनार दंपत्ति का नाम मुकदमे से हटाने की एवज में पुलिसकर्मियों ने उनसे ही डिमांड की थी. इस पूरे प्रकरण को लेकर एसीबी प्रकरण की विस्तृत जांच कर रही है. फिलहाल, तमिलनाडु पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है.