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4,037 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप में CBI ने दर्ज किया केस - केंद्रीय जांच ब्यूरो

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बैंक से 4,037 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज किया है (Abhijit group companies defrauded banks). सीबीआई ने गुरुवार को विशाखापत्तनम समेत कई जगहों पर छापेमारी की थी.

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केंद्रीय जांच ब्यूरो
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Published : Dec 24, 2022, 3:07 PM IST

अमरावती : अभिजीत ग्रुप के नाम पर बैंकों से 4,037 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में सीबीआई ने कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड कंपनी (Corporate Power Limited company) और उसके निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

सीबीआई अधिकारियों ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के साथ-साथ कोलकाता, मुंबई, दुर्गापुर, गाजियाबाद, नागपुर, रांची और अन्य शहरों में तलाशी ली. अभिजीत ग्रुप ने झारखंड के लातेहार जिले में एक बिजली संयंत्र स्थापित करने के लिए कोलकाता में मुख्यालय के साथ कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड नामक एक कंपनी (एसपीवी) की स्थापना की है. 20 बैंकों के एक कंसोर्टियम ने इसे उधार दिया था. 'यूनियन बैंक ऑफ इंडिया' ने सीबीआई से शिकायत की कि कंपनी ने संबंधित बैंकों से 4,037.87 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है.

इस समूह से जुड़ी कई कंपनियां और उनके निदेशक कोयला घोटाले के मामलों में पहले से ही सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं. बताया गया है कि चितरपुर कोल एंड पावर लिमिटेड ने अपना नाम बदलकर कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड कर दिया और झारखंड में 2,900 करोड़ रुपये की लागत से 540 मेगावाट का बिजली संयंत्र स्थापित किया और जाली दस्तावेजों के साथ धन को डायवर्ट किया.

एजेंसी ने प्राथमिकी में मनोज जायसवाल, अभिषेक जायसवाल, अभिजीत जायसवाल, राजीव कुमार, विशाल जायसवाल, मुन्ना कुमार जायसवाल, कृष्णन, राजीव गोयल, अरुण कुमार श्रीवास्तव, एसएन गायकवाड़, प्रेम प्रकाश शर्मा, अरुण गुप्ता व अन्य के नाम प्राथमिकी में शामिल किए हैं.

पढ़ें- शिक्षक घोटाला: सीबीआई ने सील किया बंगाल शिक्षा विभाग का रिकॉर्ड स्टोर रूम

अमरावती : अभिजीत ग्रुप के नाम पर बैंकों से 4,037 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में सीबीआई ने कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड कंपनी (Corporate Power Limited company) और उसके निदेशकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

सीबीआई अधिकारियों ने गुरुवार को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के साथ-साथ कोलकाता, मुंबई, दुर्गापुर, गाजियाबाद, नागपुर, रांची और अन्य शहरों में तलाशी ली. अभिजीत ग्रुप ने झारखंड के लातेहार जिले में एक बिजली संयंत्र स्थापित करने के लिए कोलकाता में मुख्यालय के साथ कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड नामक एक कंपनी (एसपीवी) की स्थापना की है. 20 बैंकों के एक कंसोर्टियम ने इसे उधार दिया था. 'यूनियन बैंक ऑफ इंडिया' ने सीबीआई से शिकायत की कि कंपनी ने संबंधित बैंकों से 4,037.87 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है.

इस समूह से जुड़ी कई कंपनियां और उनके निदेशक कोयला घोटाले के मामलों में पहले से ही सीबीआई जांच का सामना कर रहे हैं. बताया गया है कि चितरपुर कोल एंड पावर लिमिटेड ने अपना नाम बदलकर कॉर्पोरेट पावर लिमिटेड कर दिया और झारखंड में 2,900 करोड़ रुपये की लागत से 540 मेगावाट का बिजली संयंत्र स्थापित किया और जाली दस्तावेजों के साथ धन को डायवर्ट किया.

एजेंसी ने प्राथमिकी में मनोज जायसवाल, अभिषेक जायसवाल, अभिजीत जायसवाल, राजीव कुमार, विशाल जायसवाल, मुन्ना कुमार जायसवाल, कृष्णन, राजीव गोयल, अरुण कुमार श्रीवास्तव, एसएन गायकवाड़, प्रेम प्रकाश शर्मा, अरुण गुप्ता व अन्य के नाम प्राथमिकी में शामिल किए हैं.

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