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पिछले साल से एएआई का चार प्रमुख विमान कंपनियों पर बकाया दोगुना से अधिक हुआ

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Published : Dec 26, 2021, 5:51 PM IST

एएआई की सबसे अधिक बकाया राशि एयर इंडिया (Highest outstanding amount on Air India ) पर है. दस्तावेजों के अनुसार, एएआई पर एयर इंडिया का बकाया एक जनवरी 2020 तक 2,183.71 करोड़ रुपये से बढ़कर 31 अक्टूबर 2021 तक 2,362.36 करोड़ रुपये हो गया है.

AAI
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नयी दिल्ली : देश की चार प्रमुख घरेलू विमान कंपनियों इंडिगो, स्पाइसजेट, गो फर्स्ट और एयर एशिया इंडिया का, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) (AIRPORTS AUTHORITY OF INDIA ) का बकाया जनवरी 2020 और अक्टूबर 2021 के बीच दोगुने से अधिक हो गया है. एएआई (AIRPORTS AUTHORITY OF INDIA ) के आंतरिक दस्तावेजों से यह जानकारी मिली है.

हालांकि, एएआई की सबसे अधिक बकाया राशि एयर इंडिया (Highest outstanding amount on Air India ) पर है. दस्तावेजों के अनुसार, एएआई पर एयर इंडिया का बकाया एक जनवरी 2020 तक 2,183.71 करोड़ रुपये से बढ़कर 31 अक्टूबर 2021 तक 2,362.36 करोड़ रुपये हो गया है.

किसी विमान कंपनी को एएआई के 100 से अधिक हवाई अड्डों में से किसी पर सुविधाओं का उपयोग करने के लिए हवाई नेविगेशन, लैंडिंग, पार्किंग जैसे विभिन्न शुल्कों का भुगतान करना पड़ता है. एयर इंडिया और एएआई दोनों नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत काम करते हैं.

सरकार ने आठ अक्टूबर को घोषणा की थी कि टाटा समूह ने एयर इंडिया के अधिग्रहण की बोली जीत ली है. केंद्र द्वारा 2022 की पहली छमाही में एयर इंडिया को टाटा को सौंपने की उम्मीद है.

दस्तावेजों के अनुसार भारत में छह प्रमुख घरेलू विमानन कंपनियों इंडिगो, स्पाइसजेट, गोएयर, एयर एशिया इंडिया, एयर इंडिया और विस्तारा पर 1 जनवरी 2020 तक एएआई का कुल 2,306.59 करोड़ रुपये बकाया है. दस्तावेजों में कहा गया है कि इन छह प्रमुख कंपनियों का बकाया 31 अक्टूबर 2021 तक 14.29 प्रतिशत बढ़कर 2,636.34 करोड़ रुपये हो गया. विस्तारा और इंडिगो ने स्पष्ट किया है कि उनकी सभी बकाया राशि का भुगतान कर दिया गया है, जबकि स्पाइसजेट ने कहा कि उसका बकाया क्रेडिट सीमा के भीतर है.

भारत की सबसे बड़ी विमान सेवा कंपनी इंडिगो पर अक्टूबर 2021 में 80.69 करोड़ रुपये बकाया था, जबकि जनवरी 2021 में यह राशि 33.21 करोड़ रुपये थी. इस बारे में पूछे जाने पर, इंडिगो के एक प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा को बताया, 'हमारे रिकॉर्ड के अनुसार, 31 अक्टूबर 2021 तक एएआई को सभी बकाया का भुगतान निर्धारित तारीख के भीतर किया गया है.'

एएआई के दस्तावेजों में कहा गया है कि एएआई के साथ स्पाइसजेट का बकाया जनवरी 2020 में 69.93 करोड़ रुपये से बढ़कर अक्टूबर 2021 तक 146.75 करोड़ रुपये हो गया. हालांकि, स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने कहा कि 31 अक्टूबर 2021 तक एएआई को (विमान कंपनी का) कुल बकाया 122.69 करोड़ रुपये था.

स्पाइसजेट एएआई के साथ सहमत भुगतान योजना के अनुसार 1.10 करोड़ रुपये का दैनिक भुगतान कर रही है. स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने कहा, 'विमानन उद्योग महामारी के कारण सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में से एक रहा है, जिसके कारण शुल्क बढ़ा, जबकि हमारा राजस्व नगण्य सीमा तक नीचे था.'

पढ़ेंः ब्रह्मोस इसलिए बना रहे ताकि कोई देश भारत की तरफ बुरी नजर उठाकर देखने की जुर्रत न करे : राजनाथ

प्रवक्ता ने कहा कि अन्य देशों के विपरीत, सरकार या हवाई अड्डा संचालक द्वारा महामारी के दौरान उनके शुल्कों पर कोई राहत या कोई छूट की पेशकश नहीं की गई थी.

गो फर्स्ट और एयरएशिया इंडिया ने बकाया के मामले में पीटीआई के सवालों का जवाब नहीं दिया. दस्तावेजों के अनुसार, एएआई को विस्तार का बकाया जनवरी 2020 में 2.65 करोड़ से बढ़कर अक्टूबर 2021 में 3.9 करोड़ रुपये हो गया. विस्तारा के प्रवक्ता ने कहा कि देय राशि में बढ़ोतरी विशुद्ध रूप से परिचालन में वृद्धि, बेड़े के आकार में वृद्धि और यात्रियों की संख्या में वृद्धि के कारण हुई है.

(पीटीआई-भाषा)

नयी दिल्ली : देश की चार प्रमुख घरेलू विमान कंपनियों इंडिगो, स्पाइसजेट, गो फर्स्ट और एयर एशिया इंडिया का, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) (AIRPORTS AUTHORITY OF INDIA ) का बकाया जनवरी 2020 और अक्टूबर 2021 के बीच दोगुने से अधिक हो गया है. एएआई (AIRPORTS AUTHORITY OF INDIA ) के आंतरिक दस्तावेजों से यह जानकारी मिली है.

हालांकि, एएआई की सबसे अधिक बकाया राशि एयर इंडिया (Highest outstanding amount on Air India ) पर है. दस्तावेजों के अनुसार, एएआई पर एयर इंडिया का बकाया एक जनवरी 2020 तक 2,183.71 करोड़ रुपये से बढ़कर 31 अक्टूबर 2021 तक 2,362.36 करोड़ रुपये हो गया है.

किसी विमान कंपनी को एएआई के 100 से अधिक हवाई अड्डों में से किसी पर सुविधाओं का उपयोग करने के लिए हवाई नेविगेशन, लैंडिंग, पार्किंग जैसे विभिन्न शुल्कों का भुगतान करना पड़ता है. एयर इंडिया और एएआई दोनों नागरिक उड्डयन मंत्रालय के तहत काम करते हैं.

सरकार ने आठ अक्टूबर को घोषणा की थी कि टाटा समूह ने एयर इंडिया के अधिग्रहण की बोली जीत ली है. केंद्र द्वारा 2022 की पहली छमाही में एयर इंडिया को टाटा को सौंपने की उम्मीद है.

दस्तावेजों के अनुसार भारत में छह प्रमुख घरेलू विमानन कंपनियों इंडिगो, स्पाइसजेट, गोएयर, एयर एशिया इंडिया, एयर इंडिया और विस्तारा पर 1 जनवरी 2020 तक एएआई का कुल 2,306.59 करोड़ रुपये बकाया है. दस्तावेजों में कहा गया है कि इन छह प्रमुख कंपनियों का बकाया 31 अक्टूबर 2021 तक 14.29 प्रतिशत बढ़कर 2,636.34 करोड़ रुपये हो गया. विस्तारा और इंडिगो ने स्पष्ट किया है कि उनकी सभी बकाया राशि का भुगतान कर दिया गया है, जबकि स्पाइसजेट ने कहा कि उसका बकाया क्रेडिट सीमा के भीतर है.

भारत की सबसे बड़ी विमान सेवा कंपनी इंडिगो पर अक्टूबर 2021 में 80.69 करोड़ रुपये बकाया था, जबकि जनवरी 2021 में यह राशि 33.21 करोड़ रुपये थी. इस बारे में पूछे जाने पर, इंडिगो के एक प्रवक्ता ने पीटीआई-भाषा को बताया, 'हमारे रिकॉर्ड के अनुसार, 31 अक्टूबर 2021 तक एएआई को सभी बकाया का भुगतान निर्धारित तारीख के भीतर किया गया है.'

एएआई के दस्तावेजों में कहा गया है कि एएआई के साथ स्पाइसजेट का बकाया जनवरी 2020 में 69.93 करोड़ रुपये से बढ़कर अक्टूबर 2021 तक 146.75 करोड़ रुपये हो गया. हालांकि, स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने कहा कि 31 अक्टूबर 2021 तक एएआई को (विमान कंपनी का) कुल बकाया 122.69 करोड़ रुपये था.

स्पाइसजेट एएआई के साथ सहमत भुगतान योजना के अनुसार 1.10 करोड़ रुपये का दैनिक भुगतान कर रही है. स्पाइसजेट के प्रवक्ता ने कहा, 'विमानन उद्योग महामारी के कारण सबसे बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में से एक रहा है, जिसके कारण शुल्क बढ़ा, जबकि हमारा राजस्व नगण्य सीमा तक नीचे था.'

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प्रवक्ता ने कहा कि अन्य देशों के विपरीत, सरकार या हवाई अड्डा संचालक द्वारा महामारी के दौरान उनके शुल्कों पर कोई राहत या कोई छूट की पेशकश नहीं की गई थी.

गो फर्स्ट और एयरएशिया इंडिया ने बकाया के मामले में पीटीआई के सवालों का जवाब नहीं दिया. दस्तावेजों के अनुसार, एएआई को विस्तार का बकाया जनवरी 2020 में 2.65 करोड़ से बढ़कर अक्टूबर 2021 में 3.9 करोड़ रुपये हो गया. विस्तारा के प्रवक्ता ने कहा कि देय राशि में बढ़ोतरी विशुद्ध रूप से परिचालन में वृद्धि, बेड़े के आकार में वृद्धि और यात्रियों की संख्या में वृद्धि के कारण हुई है.

(पीटीआई-भाषा)

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