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'आधार' के जरिए पकड़े जाएंगे आगजनी-तोड़फोड़ करने वाले

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Published : Jun 19, 2022, 9:31 PM IST

'अग्निपथ' भर्ती योजना (Agnipath scheme) के खिलाफ हिंसक, व्यापक विरोध के बावजूद सरकार ने रविवार को प्रदर्शनकारियों को चेतावनी दी और स्पष्ट रूप से योजना को वापस लेने से इनकार कर दिया. वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की रिपोर्ट.

Agnipath scheme protest
आगजनी-तोड़फोड़ करने वाले

नई दिल्ली : सेना के लिए हाल ही में घोषित 'अग्निपथ' भर्ती योजना के खिलाफ देशव्यापी विरोध के बीच रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों और तीनों सशस्त्र बलों की बैठक राष्ट्रीय राजधानी के साउथ ब्लॉक में रविवार दोपहर हुई. बैठक में जहां सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए), सेना, नौसेना और आईएएफ के शीर्ष अधिकारियों को मैदान में उतारा गया वहीं, सरकार ने भी भर्ती योजना को जारी रखने का दृढ़ संकल्प जारी रखा. सरकार ने नई भर्ती नीति के बचाव के साथ-साथ हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी करने वालों के लिए कड़े शब्दों के साथ आक्रामक रुख अपनाया.

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने डीएमए का प्रतिनिधित्व किया, जबकि सेना, नौसेना और आईएएफ का प्रतिनिधित्व क्रमशः लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा, वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और एयर मार्शल एस के झा ने किया. डीएमए के अतिरिक्त सचिव, लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने सरकार की मंशा की घोषणा करते हुए कहा कि हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ करने वालों की पहचान वीडियो और तस्वीरों से उनके उनके आधार नंबरों के जरिए से आसानी से की जाएगी. फिर पुलिस उन्हें उठाएगी.

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि इस योजना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जो युवा आगजनी एवं हिंसा में लिप्त हैं, वे सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं में नहीं शामिल हो पाएंगे क्योंकि किसी को भी सशस्त्र बलों में शामिल करने से पहले पुलिस सत्यापन प्रक्रिया चलाई जाएगी. उन्होंने कहा, 'सशस्त्र बलों में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है. आगजनी एवं हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है. अग्निपथ के तहत जो भी सशस्त्र बलों का हिस्सा बनना चाहता है तो उसे इस बात का प्रमाणपत्र देना होगा कि वह किसी आगजनी का हिस्सा नहीं था.' पुलिस सत्यापन 100% है, उसके बिना कोई शामिल नहीं हो सकता.

उन्होंने युवाओं को विरोध प्रदर्शन में समय बर्बाद न करने और भर्ती की तैयारी करने की चेतावनी देते हुए कहा कि शारीरिक परीक्षण की तैयारी के लिए 45-60 दिनों का समय दिया गया है. वहीं अगर किसी युवक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है तो उसे सेना भर्ती से रोक दिया जाएगा.

वायुसेना में 24 जून से पंजीकरण प्रक्रिया : सैन्य अधिकारियों ने पहली 'अग्निपथ' भर्ती को क्रियान्वित करने की समय सारिणी भी निर्धारित की. आईएएफ के पहले बैच 'अग्निवर' का पंजीकरण 24 जून से शुरू होगा, ऑनलाइन परीक्षा प्रक्रिया 24 जुलाई से शुरू होगी, जबकि पहले बैच का नामांकन दिसंबर 2022 तक और प्रशिक्षण 30 दिसंबर, 2022 तक शुरू होगा. सेना सोमवार (20 जून) को एक मसौदा अधिसूचना जारी करेगी और बाद में एक जुलाई से बल की विभिन्न भर्ती इकाइयों द्वारा अधिसूचना जारी की जाएगी. नौसेना 25 जून तक एक दिशानिर्देश के साथ सामने आएगी और रंगरूटों का पहला 'अग्निवीर' बैच, जिसमें महिलाएं शामिल होंगी, 21 नवंबर तक प्रशिक्षण शुरू कर देगी.

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स और विभिन्न अन्य संगठनों में भर्ती के लिए नौकरी की रिक्तियों के 10 प्रतिशत को आरक्षित करने के प्रस्ताव सहित सरकार ने पहले से ही उम्मीदवारों के बीच चिंता का कारण बनने वाले मुद्दों को हल करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है. 2022 भर्ती चक्र के लिए ऊपरी आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष करना इसमें शामिल है. कई राज्य सरकारें और अन्य मंत्रालय भी सामने आए हैं और 'अग्निवीर' के लिए विभिन्न सहायक उपायों की घोषणा की है. इस योजना की घोषणा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना, नौसेना और वायुसेना के तीनों प्रमुखों ने 14 जुलाई को की थी. पिछले दो वर्षों से स्पष्ट रूप से विचार-विमर्श और चर्चा की गई, यह योजना दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना को आबाद करने के लिए लड़ने वाले पुरुषों और महिलाओं को चुनने की पारंपरिक भर्ती प्रणाली को बदल देती है.

अग्निपथ' स्कीम साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं की फिटनेस और ऊर्जा का उपयोग करने के मकसद से तैयार की गई है. यह एक झटके से भारतीय सैनिक की औसत आयु प्रोफ़ाइल को 32 से 26 वर्ष तक कम कर देगा, जिससे छह साल की उम्र कम हो जाएगी. कारगिल समीक्षा समिति (2000) और अरुण सिंह समिति (1990) दोनों ने कहा था कि भारतीय सशस्त्र बलों की उच्च औसत आयु प्रोफ़ाइल 'चिंताजनक' थी.

चार साल पूरे होने पर एक चौथाई या 25% 'अग्निवीर' को योग्यता, उनकी मंशा और संगठनात्मक आवश्यकता के आधार पर 15 और वर्षों के लिए पुन: नियोजित किया जाएगा. शेष तीन-चौथाई या 75% को 'सेवा निधि' नामक आकर्षक सेवानिवृत्ति पैकेज के साथ पर्याप्त रूप से मुआवजा दिया जाएगा. जबकि मुख्य रूप से युवा इसलिए परेशान हैं कि भर्ती स्थाई नहीं है. माना जा रहा है कि सेना के आधुनिकीकरण और नए हथियार खरीदने, सेना के बढ़े हुए वेतन और पेंशन बिल के कारण भी इस योजना की जरूरत पड़ी है.

पढ़ें- अग्निपथ योजना नहीं होगी वापस, महिलाएं भी बनेंगी 'अग्निवीर'

पढ़ें- तीनों सेनाओं की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस-अग्निपथ योजना फायदेमंद, सेवा शर्तों में कोई भेदभाव नहीं

नई दिल्ली : सेना के लिए हाल ही में घोषित 'अग्निपथ' भर्ती योजना के खिलाफ देशव्यापी विरोध के बीच रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों और तीनों सशस्त्र बलों की बैठक राष्ट्रीय राजधानी के साउथ ब्लॉक में रविवार दोपहर हुई. बैठक में जहां सैन्य मामलों के विभाग (डीएमए), सेना, नौसेना और आईएएफ के शीर्ष अधिकारियों को मैदान में उतारा गया वहीं, सरकार ने भी भर्ती योजना को जारी रखने का दृढ़ संकल्प जारी रखा. सरकार ने नई भर्ती नीति के बचाव के साथ-साथ हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी करने वालों के लिए कड़े शब्दों के साथ आक्रामक रुख अपनाया.

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने डीएमए का प्रतिनिधित्व किया, जबकि सेना, नौसेना और आईएएफ का प्रतिनिधित्व क्रमशः लेफ्टिनेंट जनरल बंसी पोनप्पा, वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी और एयर मार्शल एस के झा ने किया. डीएमए के अतिरिक्त सचिव, लेफ्टिनेंट जनरल पुरी ने सरकार की मंशा की घोषणा करते हुए कहा कि हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ करने वालों की पहचान वीडियो और तस्वीरों से उनके उनके आधार नंबरों के जरिए से आसानी से की जाएगी. फिर पुलिस उन्हें उठाएगी.

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि इस योजना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जो युवा आगजनी एवं हिंसा में लिप्त हैं, वे सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं में नहीं शामिल हो पाएंगे क्योंकि किसी को भी सशस्त्र बलों में शामिल करने से पहले पुलिस सत्यापन प्रक्रिया चलाई जाएगी. उन्होंने कहा, 'सशस्त्र बलों में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है. आगजनी एवं हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है. अग्निपथ के तहत जो भी सशस्त्र बलों का हिस्सा बनना चाहता है तो उसे इस बात का प्रमाणपत्र देना होगा कि वह किसी आगजनी का हिस्सा नहीं था.' पुलिस सत्यापन 100% है, उसके बिना कोई शामिल नहीं हो सकता.

उन्होंने युवाओं को विरोध प्रदर्शन में समय बर्बाद न करने और भर्ती की तैयारी करने की चेतावनी देते हुए कहा कि शारीरिक परीक्षण की तैयारी के लिए 45-60 दिनों का समय दिया गया है. वहीं अगर किसी युवक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है तो उसे सेना भर्ती से रोक दिया जाएगा.

वायुसेना में 24 जून से पंजीकरण प्रक्रिया : सैन्य अधिकारियों ने पहली 'अग्निपथ' भर्ती को क्रियान्वित करने की समय सारिणी भी निर्धारित की. आईएएफ के पहले बैच 'अग्निवर' का पंजीकरण 24 जून से शुरू होगा, ऑनलाइन परीक्षा प्रक्रिया 24 जुलाई से शुरू होगी, जबकि पहले बैच का नामांकन दिसंबर 2022 तक और प्रशिक्षण 30 दिसंबर, 2022 तक शुरू होगा. सेना सोमवार (20 जून) को एक मसौदा अधिसूचना जारी करेगी और बाद में एक जुलाई से बल की विभिन्न भर्ती इकाइयों द्वारा अधिसूचना जारी की जाएगी. नौसेना 25 जून तक एक दिशानिर्देश के साथ सामने आएगी और रंगरूटों का पहला 'अग्निवीर' बैच, जिसमें महिलाएं शामिल होंगी, 21 नवंबर तक प्रशिक्षण शुरू कर देगी.

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स और विभिन्न अन्य संगठनों में भर्ती के लिए नौकरी की रिक्तियों के 10 प्रतिशत को आरक्षित करने के प्रस्ताव सहित सरकार ने पहले से ही उम्मीदवारों के बीच चिंता का कारण बनने वाले मुद्दों को हल करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है. 2022 भर्ती चक्र के लिए ऊपरी आयु सीमा को 21 वर्ष से बढ़ाकर 23 वर्ष करना इसमें शामिल है. कई राज्य सरकारें और अन्य मंत्रालय भी सामने आए हैं और 'अग्निवीर' के लिए विभिन्न सहायक उपायों की घोषणा की है. इस योजना की घोषणा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना, नौसेना और वायुसेना के तीनों प्रमुखों ने 14 जुलाई को की थी. पिछले दो वर्षों से स्पष्ट रूप से विचार-विमर्श और चर्चा की गई, यह योजना दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी सेना को आबाद करने के लिए लड़ने वाले पुरुषों और महिलाओं को चुनने की पारंपरिक भर्ती प्रणाली को बदल देती है.

अग्निपथ' स्कीम साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं की फिटनेस और ऊर्जा का उपयोग करने के मकसद से तैयार की गई है. यह एक झटके से भारतीय सैनिक की औसत आयु प्रोफ़ाइल को 32 से 26 वर्ष तक कम कर देगा, जिससे छह साल की उम्र कम हो जाएगी. कारगिल समीक्षा समिति (2000) और अरुण सिंह समिति (1990) दोनों ने कहा था कि भारतीय सशस्त्र बलों की उच्च औसत आयु प्रोफ़ाइल 'चिंताजनक' थी.

चार साल पूरे होने पर एक चौथाई या 25% 'अग्निवीर' को योग्यता, उनकी मंशा और संगठनात्मक आवश्यकता के आधार पर 15 और वर्षों के लिए पुन: नियोजित किया जाएगा. शेष तीन-चौथाई या 75% को 'सेवा निधि' नामक आकर्षक सेवानिवृत्ति पैकेज के साथ पर्याप्त रूप से मुआवजा दिया जाएगा. जबकि मुख्य रूप से युवा इसलिए परेशान हैं कि भर्ती स्थाई नहीं है. माना जा रहा है कि सेना के आधुनिकीकरण और नए हथियार खरीदने, सेना के बढ़े हुए वेतन और पेंशन बिल के कारण भी इस योजना की जरूरत पड़ी है.

पढ़ें- अग्निपथ योजना नहीं होगी वापस, महिलाएं भी बनेंगी 'अग्निवीर'

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