उदयपुर. अक्सर आपने ऐसी घटनाएं तो सुनी होंगी कि बच्चे सिक्के, अंगूठी, छोटी वस्तुएं निगल जाते हैं, लेकिन लेक सिटी उदयपुर में एक ऐसा मामला सामने आया है. जो अपने आप में अनूठा है. जी हां बीते मंगलवार को राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के एक शख्स ने दांत साफ करते समय टूथब्रश ही निगल लिया. जिसे उदयपुर के डॉक्टरों ने बिना चीरा लगाए निकाल दिया है.
क्या है पूरा मामला : ब्रश करते समय चित्तौड़गढ़ के एक व्यक्ति ने टूथब्रश ही निगल लिया. जिसे उदयपुर में स्थित एक निजी अस्पताल में बिना ऑपरेशन के निकाला गया. टूथब्रश निगलने की घटनाएं अब तक पूरी दुनिया में 50 हुई है. हुआ यूं कि 53 वर्षीय चित्तौड़गढ़ निवासी गोपालसिंह राव मंगलवार सुबह ब्रश कर रहे थे. उस दौरान गला व मुंह साफ करते वक्त उन्हे अचानक उबन महसूस हुई. उस उबन के साथ ही ब्रश गले के अंदर चला गया. जब तक वह कुछ समझ पाते तब तक ब्रश पेट में चला गया. उन्होंने ब्रश को निकालने के कई प्रयास किए परंतु विफल रहे. उसके बाद परिजन उन्हें नजदीक के अस्पताल ले गए, लेकिन वहां भी टूथब्रश निकालना संभव नहीं हुआ. उसके बाद उनके परिजन उन्हें उदयपुर शहर के एक निजी हॉस्पिटल लेकर पहुंचे. जहां सीटी स्कैन कराई गई जिसमें टूथब्रश पेट के उपरी हिस्से में अटका दिखाई दिया.
बिना ऑपरेशन के बाहर निकाला : इसे बेरियाट्रिक एवं लेप्रोस्कॉपिक सर्जन डॉ. शशांक जे त्रवेदी ने एंडोस्कॉपिक प्रोसिजर से निकालना तय किया. निश्चेतना विभाग से डॉ. तरूण भटनागर और डॉ. विकास अग्रवाल ने एंडोस्कॉपिक प्रोसिजर के लिए तैयारी की और डॉ. शशांक त्रिवेदी ने एंडोस्कॉपिक प्रोसिजर करते हुए 12 सेंटीमीटर का टूथब्रश मुंह के रास्ते ही बाहर निकाला.
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दुनिया में ब्रश निगलने के अब तक 50 मामले : डॉ. शशांक जे. त्रिवेदी ने बताया कि टूथब्रश निगलने के अब तक सिर्फ पचास मामले विश्व स्तर पर रिपोर्ट हुए है. इससे पहले एम्स दिल्ली मे 2019 में रिपोर्ट हुआ था. टूथब्रश निगलने का अब तक का राजस्थान का यह पहला मामला सामने आया है. जिसे बिना किसी चीरा लगाए या ऑपरेशन करें निकाला गया. रोगी को प्रोसिजर के बाद एंडोस्कॉपिक प्रोसिजर से आंतों तक की जांच की गई. कोई रूकावट या टूथब्रश के कारण दिक्कत सामने नहीं आई. एक दिन आईसीयू में रखकर रोगी को डिस्चार्ज कर दिया गया. अब यह केस सर्जरी के जनरल में प्रकाशन एवं डब्ल्यूएचओ रिकार्ड में दर्ज करने भेजा जाएगा.