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Kashmir Files: पंडितों के हत्यारोपी बिट्टा कराटे के खिलाफ याचिका, कोर्ट से गायब रहे वकील

श्रीनगर की अदालत ने कश्मीरी पंडित सतीश टीकू की हत्या के मामले में सुनवाई 7 जून तक के लिए स्थगित कर दी है. इसका कारण यह है कि याचिकाकर्ता के वकील तय समय पर कोर्ट नहीं पहुंचे. कोर्ट ने भी इस पर टिप्पणी की और कहा कि ऐसा लगता है कि याचिकाकर्ता को सुनवाई में कोई दिलचस्पी नहीं है और सिर्फ समय जाया किया जा रहा है. पढ़ें यह रिपोर्ट.

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Published : May 23, 2022, 6:29 PM IST

श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर): श्रीनगर की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को सतीश टीकू की हत्या के मामले में सुनवाई 7 जून तक के लिए स्थगित कर दी. आरोप है कि टीकू को पूर्व आतंकवादी बिट्टा कराटे ने मार गिराया था. अदालत ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता और उसका वकील अदालत से अनुपस्थित थे, इसलिए मामला सात जून तक के लिए स्थगित किया जाता है.

जेल में बंद अलगाववादी नेता फारूक अहमद डार उर्फ ​​बिट्टा कराटे जो कि जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का पूर्व आतंकवादी है, पर कश्मीरी पंडित सतीश टीकू की हत्या का आरोप है. टीकू की हत्या के करीब 31 साल बाद परिवार ने कराटे के खिलाफ 30 मार्च को श्रीनगर के सत्र न्यायालय में याचिका दायर की थी. जिसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 10 मई की तारीख तय की थी. हालांकि टीकू के वकील एडवोकेट उत्सव बैंस सुरक्षा कारणों से अदालत से अनुपस्थित रहे. जिसके बाद आज मामले की सुनवाई होनी थी लेकिन याचिकाकर्ता के वकील फिर से अनुपस्थित रहे.

हाईकोर्ट की तैयारी: सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा कारणों से याचिकाकर्ता हाईकोर्ट जाने की योजना बना रहे हैं. इस बीच अदालत के एक अधिकारी ने कहा कि हमें लगता है कि याचिकाकर्ता को मामले की जल्द सुनवाई में कोई दिलचस्पी नहीं है और वे सिर्फ समय जाया कर रहे हैं. 1990 में एक टीवी साक्षात्कार के दौरान कराटे ने एक दर्जन से अधिक कश्मीरी पंडितों की हत्या की बात कही थी. हालांकि अदालत की सुनवाई के दौरान उसने यह कहकर उस बात से इनकार कर दिया कि बयान जेल में दबाव और जबरदस्ती के तहत बयान दिया गया था और उसने किसी की हत्या नहीं की है.

कराटे को 1990 से 2006 तक विभिन्न आरोपों में जेल में रखा गया था और 2006 में कुछ महीनों के लिए जमानत पर रिहा किया गया था. उसे 2019 में आतंकी फंडिंग मामले में फिर से गिरफ्तार किया गया और तब से जेल में रखा गया है.

यह भी पढ़ें- रामपुर में अंडरग्राउंड रहिएगा, एनकाउंटर हो सकता है: आज़म खान

श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर): श्रीनगर की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार को सतीश टीकू की हत्या के मामले में सुनवाई 7 जून तक के लिए स्थगित कर दी. आरोप है कि टीकू को पूर्व आतंकवादी बिट्टा कराटे ने मार गिराया था. अदालत ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ता और उसका वकील अदालत से अनुपस्थित थे, इसलिए मामला सात जून तक के लिए स्थगित किया जाता है.

जेल में बंद अलगाववादी नेता फारूक अहमद डार उर्फ ​​बिट्टा कराटे जो कि जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) का पूर्व आतंकवादी है, पर कश्मीरी पंडित सतीश टीकू की हत्या का आरोप है. टीकू की हत्या के करीब 31 साल बाद परिवार ने कराटे के खिलाफ 30 मार्च को श्रीनगर के सत्र न्यायालय में याचिका दायर की थी. जिसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 10 मई की तारीख तय की थी. हालांकि टीकू के वकील एडवोकेट उत्सव बैंस सुरक्षा कारणों से अदालत से अनुपस्थित रहे. जिसके बाद आज मामले की सुनवाई होनी थी लेकिन याचिकाकर्ता के वकील फिर से अनुपस्थित रहे.

हाईकोर्ट की तैयारी: सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा कारणों से याचिकाकर्ता हाईकोर्ट जाने की योजना बना रहे हैं. इस बीच अदालत के एक अधिकारी ने कहा कि हमें लगता है कि याचिकाकर्ता को मामले की जल्द सुनवाई में कोई दिलचस्पी नहीं है और वे सिर्फ समय जाया कर रहे हैं. 1990 में एक टीवी साक्षात्कार के दौरान कराटे ने एक दर्जन से अधिक कश्मीरी पंडितों की हत्या की बात कही थी. हालांकि अदालत की सुनवाई के दौरान उसने यह कहकर उस बात से इनकार कर दिया कि बयान जेल में दबाव और जबरदस्ती के तहत बयान दिया गया था और उसने किसी की हत्या नहीं की है.

कराटे को 1990 से 2006 तक विभिन्न आरोपों में जेल में रखा गया था और 2006 में कुछ महीनों के लिए जमानत पर रिहा किया गया था. उसे 2019 में आतंकी फंडिंग मामले में फिर से गिरफ्तार किया गया और तब से जेल में रखा गया है.

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