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लव जिहाद केस: नाम बदलकर नाबालिगों का किया यौन शोषण

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Published : Feb 10, 2021, 10:37 AM IST

Updated : Feb 10, 2021, 1:48 PM IST

उत्तर प्रदेश के दो युवकों, साहिल और इरफान ने आकाश- विकास बनकर दो नाबालिगों को प्रेम जाल में फंसाया और उनके साथ दुष्कर्म किया. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक आऱोपी को गिरफ्तार कर लिया है और धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत मामला दर्ज किया है.

लव जिहाद केस
लव जिहाद केस

मंदसौर : उत्तर प्रदेश के सुवासरा थाने में लव जिहाद का मामला सामने आया है. चांदपुर के दो युवकों पर धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. आरोपी युवकों ने सुवासरा की दो नाबालिग लड़कियों को नाम व धर्म बदलकर प्रेम जाल में फंसाकर यूपी में बुलाकर उनका यौन शोषण किया. इस घटना के बाद पुलिस दोनों नाबालिगों को वापस सुवासरा ले आई है. जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पाक्सो एक्ट और धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश- 2020 की धारा के साथ अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है. इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, वहीं दूसरे की तलाश जारी है.

आकाश-विकास बनकर नाबालिगों को फंसाया

मंदसौर जिले के सुवासरा से 2 फरवरी को दो नाबालिगों की गुमशुदगी की सूचना पुलिस को मिली थी. मामले में जांच करते हुए सुवासरा पुलिस उत्तरप्रदेश के बिजनौर जिले के चांदपुर तक पहुंच गई. जहां से दोनों नाबालिग लड़कियों को बरामद किया. नाबालिग से पूछताछ पर उन्होंने बताया कि दोनों सुवासरा में ही अड़ोस-पड़ोस में रहती हैं. उप्र के इन लड़कों की बातों में आकर उत्तर प्रदेश तक पहुंच गईं थीं. जांच में पाया गया कि यूपी में चांदपुर के रहने वाले साहिल और इरफान ने अपने नाम विकास व आकाश बताकर इन नाबालिग लड़कियों से बात की.इन्हें अपने प्रेम जाल में फंसा कर शादी का झांसा देकर यूपी ले गए. जहां दोनों लड़कियों के साथ दुष्कर्म भी किया. मात्र 4 दिन में सुवासरा पुलिस ने दोनों लड़कियों को तलाश लिया.

सिद्धार्थ चौधरी, एसपी

मिस कॉल से हुई थी कहानी की शुरुआत

इस मामले की शुरुआत एक अनजाने मिस कॉल से हुई थी. जिसमें युवक ने लड़की को अनजाने में ही कॉल कर दिया था. नाबालिग ने रॉन्ग नम्बर कहकर काट दिया था. लेकिन साहिल लगातार फोन करता रहा. आखिरकार उसने उससे दोस्ती कर ली. साहिल ने अपना नाम विकास बताया था और कहा कि वह बहुत अमीर है. लड़की से शादी करना चाहता है. साहिल ने लड़की को पूरी तरह झांसे में ले रखा था. उसने कहा कि उसका मामा इरफान भी काफी पैसे वाला है, उसे भी शादी के लिए किसी गरीब लड़की की जरूरत है. साहिल के मामा इरफान का नाम आकाश बताया गया. दोनों लड़कियां मामा-भांजे से फोन पर लगातार बात करती रहीं और 2 फरवरी को दोनों उत्तर प्रदेश निकल गईं. जहां दोनों नाबालिग के साथ साहिल उर्फ आकाश व इरफान उर्फ विकास ने दुष्कर्म किया. दोनों लड़कियों की लोकेशन पुलिस ने मोबाइल के जरिए सायबर सेल से निकाल ली थी. दोनों लड़कियों को इरफान के घर से मंदसौर जिले कि सुवासरा पुलिस ने बरामद किया.

जिले का पहला मामला

बहरहाल पुलिस ने आरोपी साहिल को मंदसौर कोर्ट में पेश किया है. जहां पुलिस को 5 दिन की रिमांड मिली है. वहीं दूसरे आरोपी इरफान की पुलिस को तलाश है. बता दें कि धर्म स्वातंत्र्य कानून 2020 का यह जिले में पहला मामला है.

पढ़ें: नोएडा: कलमलनाथ के भाई के हत्यारों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

क्या है धर्म स्वातंत्र्य कानून ?

  • धर्मांतरण और बहला-फुसलाकर शादी करने पर गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया जाता है. साथ ही 10 साल की सजा का प्रावधान है.
  • धर्मांतरण कर शादी करने के 2 महीने पहले कलेक्टर को दोनों पक्षों की ओर से लिखित में आवेदन देना होता है.
  • धर्मांतरण कर शादी करवाने वाले धर्मगुरुओं को भी सह आरोपी बनाया जाएगा और 5 साल की सजा का प्रावधान है.
  • धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं के खिलाफ भी की जाएगी सख्त कार्रवाई.

राज्यपाल ने दी थी मंजूरी

लव जिहाद को लेकर मध्य प्रदेश सरकार के धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश को सात जनवरी को मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दी थी. मंत्री परिषद से अनुमोदन के बाद स्वीकृति के लिए अध्यादेश के मसौदे को लखनऊ राजभवन भेजा गया था. जहां राज्यपाल ने स्वीकृति दी थी. मध्यप्रदेश में लव जिहाद के मामलों को रोकने के लिए शिवराज सरकार ने ये कानून बनाया है.

इसलिए पड़ी कानून की जरूरत

मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर कई मामले लगातार सामने आ रहे थे. इसके अलावा कई शिकायतें भी अलग-अलग थानों में इस तरह की दर्ज की जा रही थी. जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने एलान किया था कि झूठ और षड़यंत्र के जरिए जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कड़ा कानून बनेगा और अब ये अस्तित्व में है.

बड़वानी में दर्ज हुई थी पहली FIR

बता दें धर्म स्वातंत्र्य कानून बनने के बाद प्रदेश में पहला केस बड़वानी से सामने आया था. जहां धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत पहली FIR दर्ज की गई थी. पुलिस के मुताबिक पिछले 4 सालों से आरोपी शादी का झांसा देकर युवती के साथ दुष्कर्म कर रहा था. जब युवती को युवक के असली धर्म की जानकारी मिली, तो उसने रिश्ते से इनकार कर दिया, जिसके बाद आरोपी सोहेल युवती को बदनाम करने की धमकी देने लगा. जैसे ही इस पूरे मामले की जानकारी युवती के परिजनों को मिली, उन्होंने पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने कई धाराओं के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.

मंदसौर : उत्तर प्रदेश के सुवासरा थाने में लव जिहाद का मामला सामने आया है. चांदपुर के दो युवकों पर धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. आरोपी युवकों ने सुवासरा की दो नाबालिग लड़कियों को नाम व धर्म बदलकर प्रेम जाल में फंसाकर यूपी में बुलाकर उनका यौन शोषण किया. इस घटना के बाद पुलिस दोनों नाबालिगों को वापस सुवासरा ले आई है. जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ पाक्सो एक्ट और धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश- 2020 की धारा के साथ अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है. इस मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, वहीं दूसरे की तलाश जारी है.

आकाश-विकास बनकर नाबालिगों को फंसाया

मंदसौर जिले के सुवासरा से 2 फरवरी को दो नाबालिगों की गुमशुदगी की सूचना पुलिस को मिली थी. मामले में जांच करते हुए सुवासरा पुलिस उत्तरप्रदेश के बिजनौर जिले के चांदपुर तक पहुंच गई. जहां से दोनों नाबालिग लड़कियों को बरामद किया. नाबालिग से पूछताछ पर उन्होंने बताया कि दोनों सुवासरा में ही अड़ोस-पड़ोस में रहती हैं. उप्र के इन लड़कों की बातों में आकर उत्तर प्रदेश तक पहुंच गईं थीं. जांच में पाया गया कि यूपी में चांदपुर के रहने वाले साहिल और इरफान ने अपने नाम विकास व आकाश बताकर इन नाबालिग लड़कियों से बात की.इन्हें अपने प्रेम जाल में फंसा कर शादी का झांसा देकर यूपी ले गए. जहां दोनों लड़कियों के साथ दुष्कर्म भी किया. मात्र 4 दिन में सुवासरा पुलिस ने दोनों लड़कियों को तलाश लिया.

सिद्धार्थ चौधरी, एसपी

मिस कॉल से हुई थी कहानी की शुरुआत

इस मामले की शुरुआत एक अनजाने मिस कॉल से हुई थी. जिसमें युवक ने लड़की को अनजाने में ही कॉल कर दिया था. नाबालिग ने रॉन्ग नम्बर कहकर काट दिया था. लेकिन साहिल लगातार फोन करता रहा. आखिरकार उसने उससे दोस्ती कर ली. साहिल ने अपना नाम विकास बताया था और कहा कि वह बहुत अमीर है. लड़की से शादी करना चाहता है. साहिल ने लड़की को पूरी तरह झांसे में ले रखा था. उसने कहा कि उसका मामा इरफान भी काफी पैसे वाला है, उसे भी शादी के लिए किसी गरीब लड़की की जरूरत है. साहिल के मामा इरफान का नाम आकाश बताया गया. दोनों लड़कियां मामा-भांजे से फोन पर लगातार बात करती रहीं और 2 फरवरी को दोनों उत्तर प्रदेश निकल गईं. जहां दोनों नाबालिग के साथ साहिल उर्फ आकाश व इरफान उर्फ विकास ने दुष्कर्म किया. दोनों लड़कियों की लोकेशन पुलिस ने मोबाइल के जरिए सायबर सेल से निकाल ली थी. दोनों लड़कियों को इरफान के घर से मंदसौर जिले कि सुवासरा पुलिस ने बरामद किया.

जिले का पहला मामला

बहरहाल पुलिस ने आरोपी साहिल को मंदसौर कोर्ट में पेश किया है. जहां पुलिस को 5 दिन की रिमांड मिली है. वहीं दूसरे आरोपी इरफान की पुलिस को तलाश है. बता दें कि धर्म स्वातंत्र्य कानून 2020 का यह जिले में पहला मामला है.

पढ़ें: नोएडा: कलमलनाथ के भाई के हत्यारों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

क्या है धर्म स्वातंत्र्य कानून ?

  • धर्मांतरण और बहला-फुसलाकर शादी करने पर गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया जाता है. साथ ही 10 साल की सजा का प्रावधान है.
  • धर्मांतरण कर शादी करने के 2 महीने पहले कलेक्टर को दोनों पक्षों की ओर से लिखित में आवेदन देना होता है.
  • धर्मांतरण कर शादी करवाने वाले धर्मगुरुओं को भी सह आरोपी बनाया जाएगा और 5 साल की सजा का प्रावधान है.
  • धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं के खिलाफ भी की जाएगी सख्त कार्रवाई.

राज्यपाल ने दी थी मंजूरी

लव जिहाद को लेकर मध्य प्रदेश सरकार के धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश को सात जनवरी को मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंजूरी दी थी. मंत्री परिषद से अनुमोदन के बाद स्वीकृति के लिए अध्यादेश के मसौदे को लखनऊ राजभवन भेजा गया था. जहां राज्यपाल ने स्वीकृति दी थी. मध्यप्रदेश में लव जिहाद के मामलों को रोकने के लिए शिवराज सरकार ने ये कानून बनाया है.

इसलिए पड़ी कानून की जरूरत

मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर कई मामले लगातार सामने आ रहे थे. इसके अलावा कई शिकायतें भी अलग-अलग थानों में इस तरह की दर्ज की जा रही थी. जिसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने एलान किया था कि झूठ और षड़यंत्र के जरिए जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कड़ा कानून बनेगा और अब ये अस्तित्व में है.

बड़वानी में दर्ज हुई थी पहली FIR

बता दें धर्म स्वातंत्र्य कानून बनने के बाद प्रदेश में पहला केस बड़वानी से सामने आया था. जहां धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत पहली FIR दर्ज की गई थी. पुलिस के मुताबिक पिछले 4 सालों से आरोपी शादी का झांसा देकर युवती के साथ दुष्कर्म कर रहा था. जब युवती को युवक के असली धर्म की जानकारी मिली, तो उसने रिश्ते से इनकार कर दिया, जिसके बाद आरोपी सोहेल युवती को बदनाम करने की धमकी देने लगा. जैसे ही इस पूरे मामले की जानकारी युवती के परिजनों को मिली, उन्होंने पुलिस से शिकायत की, जिसके बाद पुलिस ने कई धाराओं के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.

Last Updated : Feb 10, 2021, 1:48 PM IST
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