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ढाई हजार लोगों से 900 करोड़ के फ्रॉड में टीटीडी बोर्ड सदस्य गिरफ्तार - हैदराबाद में टीटीडी बोर्ड सदस्य गिरफ्तार

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के सदस्य बूदाती लक्ष्मी नारायण को शुक्रवार को हैदराबाद सेंट्रल क्राइम स्टेशन (सीसीएस) ने हाई-राइज प्रोजेक्ट में प्री-लॉन्च ऑफर के बहाने ग्राहकों को धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किया. वह नारायण साहिती इंफ्राटेक वेंचर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के एमडी हैं. हालांकि गिरफ्तारी के बाद उन्होंने टीटीडी सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया है. पढ़ें पूरी खबर.

900 crore fraud in the name of prelaunch
बूदती लक्ष्मीनारायण
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Published : Dec 3, 2022, 5:30 PM IST

हैदराबाद: तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड के सदस्य और साहित्य इंफ्राटेक वेंचर्स इंडिया प्राइवेट लि. के प्रबंध निदेशक बूदती लक्ष्मीनारायण (Boodati Lakshminarayana) को शुक्रवार को हैदराबाद सेंट्रल क्राइम स्टेशन पुलिस (सीसीएस) ने गिरफ्तार कर लिया. आरोप है कि उसने प्री-लॉन्च प्रोजेक्ट्स के नाम पर 2,500 लोगों से 900 करोड़ रुपये वसूले. वित्तीय अपराध विभाग के अधिकारियों ने खुलासा किया कि करीब ढाई हजार लोगों के साथ धोखा हुआ है.

पुलिस के अनुसार, साहित्य इंफ्रा टेक के एमडी लक्ष्मीनारायण ने 2019 में घोषणा की थी कि सांगारेड्डी जिले के अमीनपुर गांव में साहित्य सरवानी एलीट नाम की एक परियोजना शुरू की जाएगी. 23 एकड़ में 38 मंजिल के साथ दस अपार्टमेंट बनाए जाएंगे.

इसे लेकर उसने 1700 लोगों से 539 करोड़ रुपये एकत्र किए. हालांकि इस परियोजना के लिए एचएमडीए से कोई अनुमति नहीं ली गई. शुरुआत में उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण, अनुमति और परियोजना के निर्माण में कुछ समय लगेगा.

चूंकि परियोजना तीन साल बाद भी पूरी नहीं हुई है इस पर कुछ लोगों ने बुकिंग रद्द करने और पैसे वापस करने पर जोर दिया. इस पर लक्ष्मीनारायण ने एकत्रित धन को 15-18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ लौटाने का वादा किया. उसके बाद कुछ चेक बाउंस हो गए. इस पर पीड़ितों ने पुलिस से संपर्क किया.

और भी कई प्रोजेक्ट : पुलिस ने कहा कि लक्ष्मीनारायण ने अमीनपुर परियोजना और अन्य प्री-लॉन्च योजनाओं के नाम पर धोखाधड़ी की. साहित्य सरावनी एलीट के नाम से यह घोषणा की गई है कि प्रगतिनगर, बंगलौर, काकतीय हिल्स, अय्यप्पा सोसाइटी, कोमपल्ली, समीरपेट और हैदराबाद के बाहरी इलाके के अन्य क्षेत्रों में परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं.

उन्होंने कम लागत वाले घरों के लिए 2,500 लोगों से 900 करोड़ रुपये एकत्र किए. सितंबर 2021 में अमीनपुर परियोजना के नाम पर एकत्रित धन देने की घोषणा की गई, लेकिन भुगतान नहीं किया गया. इस पर पीड़ित एकजुट हुए और सैकड़ों लोग धरने पर बैठ गए. माधापुर, जुबली हिल्स, पाटे बशीराबाद और बचुपल्ली थाने में मामले दर्ज किए गए हैं. चूंकि यह एक गंभीर वित्तीय अपराध है, इसलिए हैदराबाद सीसीएस में भी मामला दर्ज किया गया. इस साल अगस्त में लक्ष्मीनारायण इस मामले में पूछताछ के लिए सीसीएस पुलिस के सामने पेश हुए थे.

अमरावती में निवेश : पुलिस ने शुरू में जांच में पाया कि लक्ष्मीनारायण ने पीड़ितों से करोड़ों रुपये एकत्र किए. इस पैसे को आंध्र प्रदेश के अमरावती में विभिन्न परियोजनाओं में निवेश किया. इसके अलावा, उसने एक परियोजना में एकत्रित धन का उपयोग दूसरी परियोजना में निवेश के लिए किया. प्राप्त धन को अलग-अलग जरूरतों के लिए किया. मालूम हो कि धन के डायवर्जन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने लक्ष्मीनारायण पर भी ध्यान केंद्रित किया है. लक्ष्मीनारायण के संबंध प्रमुख राजनीतिक नेताओं से भी हैं. उनके पीड़ितों में प्रवासी, आईटी कर्मचारी और पुलिसकर्मी हैं.

TTD शासी निकाय से इस्तीफा दिया : वहीं, लक्ष्मीनारायण ने शुक्रवार को टीटीडी गवर्निंग बॉडी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. यह बताया गया है कि उनके खिलाफ मामला दर्ज होने के मद्देनजर उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी के रूप में अपना नाम वापस ले लिया. उनका त्याग पत्र टीटीडी और राज्य सरकार को भेज दिया गया है. लक्ष्मीनारायण ने सितंबर 2021 में टीटीडी बोर्ड के सदस्य के रूप में शपथ ली थी. कहा जाता है कि विशाखा शारदा अध्यक्ष के आशीर्वाद से ही उन्हें यह पद मिला था. वह गुंटूर जिले के मंगलागिरी इलाके से हैं और हैदराबाद में बस गए हैं.

पढ़ें- Bank Loan Fraud: ईडी ने हैदराबाद स्थित आभूषण फर्म के प्रमोटर को गिरफ्तार किया

हैदराबाद: तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) बोर्ड के सदस्य और साहित्य इंफ्राटेक वेंचर्स इंडिया प्राइवेट लि. के प्रबंध निदेशक बूदती लक्ष्मीनारायण (Boodati Lakshminarayana) को शुक्रवार को हैदराबाद सेंट्रल क्राइम स्टेशन पुलिस (सीसीएस) ने गिरफ्तार कर लिया. आरोप है कि उसने प्री-लॉन्च प्रोजेक्ट्स के नाम पर 2,500 लोगों से 900 करोड़ रुपये वसूले. वित्तीय अपराध विभाग के अधिकारियों ने खुलासा किया कि करीब ढाई हजार लोगों के साथ धोखा हुआ है.

पुलिस के अनुसार, साहित्य इंफ्रा टेक के एमडी लक्ष्मीनारायण ने 2019 में घोषणा की थी कि सांगारेड्डी जिले के अमीनपुर गांव में साहित्य सरवानी एलीट नाम की एक परियोजना शुरू की जाएगी. 23 एकड़ में 38 मंजिल के साथ दस अपार्टमेंट बनाए जाएंगे.

इसे लेकर उसने 1700 लोगों से 539 करोड़ रुपये एकत्र किए. हालांकि इस परियोजना के लिए एचएमडीए से कोई अनुमति नहीं ली गई. शुरुआत में उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण, अनुमति और परियोजना के निर्माण में कुछ समय लगेगा.

चूंकि परियोजना तीन साल बाद भी पूरी नहीं हुई है इस पर कुछ लोगों ने बुकिंग रद्द करने और पैसे वापस करने पर जोर दिया. इस पर लक्ष्मीनारायण ने एकत्रित धन को 15-18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ लौटाने का वादा किया. उसके बाद कुछ चेक बाउंस हो गए. इस पर पीड़ितों ने पुलिस से संपर्क किया.

और भी कई प्रोजेक्ट : पुलिस ने कहा कि लक्ष्मीनारायण ने अमीनपुर परियोजना और अन्य प्री-लॉन्च योजनाओं के नाम पर धोखाधड़ी की. साहित्य सरावनी एलीट के नाम से यह घोषणा की गई है कि प्रगतिनगर, बंगलौर, काकतीय हिल्स, अय्यप्पा सोसाइटी, कोमपल्ली, समीरपेट और हैदराबाद के बाहरी इलाके के अन्य क्षेत्रों में परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं.

उन्होंने कम लागत वाले घरों के लिए 2,500 लोगों से 900 करोड़ रुपये एकत्र किए. सितंबर 2021 में अमीनपुर परियोजना के नाम पर एकत्रित धन देने की घोषणा की गई, लेकिन भुगतान नहीं किया गया. इस पर पीड़ित एकजुट हुए और सैकड़ों लोग धरने पर बैठ गए. माधापुर, जुबली हिल्स, पाटे बशीराबाद और बचुपल्ली थाने में मामले दर्ज किए गए हैं. चूंकि यह एक गंभीर वित्तीय अपराध है, इसलिए हैदराबाद सीसीएस में भी मामला दर्ज किया गया. इस साल अगस्त में लक्ष्मीनारायण इस मामले में पूछताछ के लिए सीसीएस पुलिस के सामने पेश हुए थे.

अमरावती में निवेश : पुलिस ने शुरू में जांच में पाया कि लक्ष्मीनारायण ने पीड़ितों से करोड़ों रुपये एकत्र किए. इस पैसे को आंध्र प्रदेश के अमरावती में विभिन्न परियोजनाओं में निवेश किया. इसके अलावा, उसने एक परियोजना में एकत्रित धन का उपयोग दूसरी परियोजना में निवेश के लिए किया. प्राप्त धन को अलग-अलग जरूरतों के लिए किया. मालूम हो कि धन के डायवर्जन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने लक्ष्मीनारायण पर भी ध्यान केंद्रित किया है. लक्ष्मीनारायण के संबंध प्रमुख राजनीतिक नेताओं से भी हैं. उनके पीड़ितों में प्रवासी, आईटी कर्मचारी और पुलिसकर्मी हैं.

TTD शासी निकाय से इस्तीफा दिया : वहीं, लक्ष्मीनारायण ने शुक्रवार को टीटीडी गवर्निंग बॉडी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. यह बताया गया है कि उनके खिलाफ मामला दर्ज होने के मद्देनजर उन्होंने नैतिक जिम्मेदारी के रूप में अपना नाम वापस ले लिया. उनका त्याग पत्र टीटीडी और राज्य सरकार को भेज दिया गया है. लक्ष्मीनारायण ने सितंबर 2021 में टीटीडी बोर्ड के सदस्य के रूप में शपथ ली थी. कहा जाता है कि विशाखा शारदा अध्यक्ष के आशीर्वाद से ही उन्हें यह पद मिला था. वह गुंटूर जिले के मंगलागिरी इलाके से हैं और हैदराबाद में बस गए हैं.

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