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84 प्रतिशत कर्मचारियों का अनुभव, कोविड के बाद कार्य संस्कृति में हुआ सुधार: सर्वे - 84 प्रतिशत कर्मचारियों का अनुभव

वैश्विक स्तर पर 84 प्रतिशत कर्मचारियों का मानना है कि कोविड-19 महामारी शुरू होने के बाद उनके संगठन की संस्कृति में सुधार आया है. ईवाई के एक सर्वे में यह निष्कर्ष निकाला गया है.

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Published : May 15, 2022, 5:34 PM IST

नई दिल्ली: ईवी के 2022 के वर्क रिइमेजिंड सर्वे में 36 प्रतिशत नियोक्ताओं ने कहा कि वे चाहते हैं कि उनके कर्मचारी सप्ताह में पांच दिन दफ्तर आकर काम करें. सर्वे में कंपनियों में नेतृत्व वाली भूमिका वाले 1500 से अधिक अधिकारियों तथा 17000 कर्मचारियों की राय शामिल की गई है.

यह सर्वे 22 देशों के 26 उद्योग क्षेत्रों में किया गया. भारत में सर्वे में 100 अधिकारियों और 500 से अधिक कर्मचारियों के विचार लिए गए. सर्वे के अनुसार कई देशों के महामारी से उबरने के बाद कर्मचारियों का अपने नियोक्ताओं पर प्रभाव बढ़ा है. अपने संभावित नियोक्ताओं को लेकर वे क्या चाहते हैं इस बारे में भी उनकी इच्छा सूची में बदलाव हो रहा है. सर्वे के अनुसार भारत में कर्मचारियों का रोजगार बाजार पर अब अधिक नियंत्रण है. करीब आधे कर्मचारियों ने कहा कि वे अगले 12 माह में नौकरी बदलेंगे. इसके पीछे वजह उनकी अधिक वेतन पाने की चाह है.

यह भी पढ़ें- भारत ने अप्रैल में रोजगार के 88 लाख अवसर जोड़े: रिपोर्ट

ईवाई इंडिया के भागीदार और भारत में लीडर-श्रमबल सलाहकार सेवाएं अनुराग मलिक ने कहा कि पिछले साल की तुलना में श्रम बाजार में बदलाव आया है और सत्ता का संतुलन कर्मचारियों के पक्ष में झुका है. मलिक ने कहा कि कंपनियां या नियोक्ता अधिक लचीले कार्य घंटे उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन उन्हें ऊंचा वेतन देने और संगठन के कुल ब्रांड निर्माण में निवेश करने की जरूरत है.

(एजेंसी)

नई दिल्ली: ईवी के 2022 के वर्क रिइमेजिंड सर्वे में 36 प्रतिशत नियोक्ताओं ने कहा कि वे चाहते हैं कि उनके कर्मचारी सप्ताह में पांच दिन दफ्तर आकर काम करें. सर्वे में कंपनियों में नेतृत्व वाली भूमिका वाले 1500 से अधिक अधिकारियों तथा 17000 कर्मचारियों की राय शामिल की गई है.

यह सर्वे 22 देशों के 26 उद्योग क्षेत्रों में किया गया. भारत में सर्वे में 100 अधिकारियों और 500 से अधिक कर्मचारियों के विचार लिए गए. सर्वे के अनुसार कई देशों के महामारी से उबरने के बाद कर्मचारियों का अपने नियोक्ताओं पर प्रभाव बढ़ा है. अपने संभावित नियोक्ताओं को लेकर वे क्या चाहते हैं इस बारे में भी उनकी इच्छा सूची में बदलाव हो रहा है. सर्वे के अनुसार भारत में कर्मचारियों का रोजगार बाजार पर अब अधिक नियंत्रण है. करीब आधे कर्मचारियों ने कहा कि वे अगले 12 माह में नौकरी बदलेंगे. इसके पीछे वजह उनकी अधिक वेतन पाने की चाह है.

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ईवाई इंडिया के भागीदार और भारत में लीडर-श्रमबल सलाहकार सेवाएं अनुराग मलिक ने कहा कि पिछले साल की तुलना में श्रम बाजार में बदलाव आया है और सत्ता का संतुलन कर्मचारियों के पक्ष में झुका है. मलिक ने कहा कि कंपनियां या नियोक्ता अधिक लचीले कार्य घंटे उपलब्ध कराने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन उन्हें ऊंचा वेतन देने और संगठन के कुल ब्रांड निर्माण में निवेश करने की जरूरत है.

(एजेंसी)

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