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त्रिपुरा में माकपा के 8 कार्यालयों पर हमला, कई वाहन जले

त्रिपुरा में माकपा के कम से कम आठ पार्टी कार्यालयों को या तो जला दिया गया या क्षतिग्रस्त कर दिया गया, जबकि अगरतला और राज्य के तीन अन्य जिलों में कई वाहनों और अन्य संपत्तियों को तोड़ दिया गया. पढ़िए पूरी खबर.

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Published : Sep 9, 2021, 2:47 AM IST

अगरतला : त्रिपुरा में मुख्य विपक्षी मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कम से कम आठ पार्टी कार्यालयों को या तो जला दिया गया या क्षतिग्रस्त कर दिया गया, जबकि अगरतला और राज्य के तीन अन्य जिलों में बुधवार को कई वाहनों और अन्य संपत्तियों को तोड़ दिया गया. पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी.

पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार सहित माकपा नेताओं ने कहा कि अगरतला में पार्टी कार्यालयों पर हमलों के लिए भाजपा नेताओं के नेतृत्व में सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता जिम्मेदार हैं. हमले दक्षिणी त्रिपुरा के उदयपुर, संतिर बाजार, पश्चिमी त्रिपुरा का दुकली और सिपाहीजला जिले के बोक्सानगर, विशालगढ़ और खतालिया में किए गए.

हालांकि भाजपा नेताओं ने इन आरोपों का खंडन किया है.

त्रिपुरा वाम मोर्चा के संयोजक बिजन धर ने कहा कि बिशालगढ़ में माकपा के जिला कार्यालय को पहले एक बुलडोजर से क्षतिग्रस्त किया गया और फिर आग लगा दी गई, जिससे अधिकांश संपत्ति और कागजात जलकर राख हो गए. उन्होंने यह भी कहा कि अगरतला और राज्य के अन्य स्थानों में छह वाहन और एक दर्जन से अधिक दोपहिया वाहन जला दिए गए.

धर ने मीडिया से कहा कि मंत्रियों, राज्य विधानसभा के उपाध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता अपने पार्टी कार्यकर्ताओं और सदस्यों से विपक्षी पार्टी के सदस्यों और उनके कार्यालयों पर हमले जारी रखने का आग्रह कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बुधवार को हुए सिलसिलेवार हमलों में नेता नानी पॉल और पार्थ प्रतिम मजूमदार समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए.

माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य धर ने कहा कि 'भाजपा के गुंडों' ने पार्टी कार्यालयों में पूर्व मुख्यमंत्री दशरथ देब और अन्य दिवंगत पार्टी नेताओं की प्रतिमा और तस्वीरों को नुकसान पहुंचाया है. वाम नेता ने कहा कि भाजपा समर्थित गुंडों और उनके कार्यकर्ताओं ने पार्टी के मुखपत्र 'दैनिक देशेर कथा' के कार्यालय पर भी हमला किया.

20 साल (1998-2018) तक मुख्यमंत्री रहे सरकार ने कहा कि त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में माकपा के पार्टी कार्यालयों में आगजनी और अभूतपूर्व हमलों के दौरान उन्होंने मुख्य सचिव कुमार आलोक और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से बात की और उनसे इस पूर्व नियोजित राजनीतिक हिंसा को रोकने का अनुरोध किया.

उन्होंने मीडिया से कहा कि ज्यादातर जगहों पर पुलिस मूकदर्शक बनी रही, क्योंकि भाजपा के लोगों ने लगभग एक साथ 8 से 10 स्थानों पर आतंक का राज फैलाया. इस बीच, भाजपा प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्जी ने कहा कि माणिक सरकार खुद त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में, शांतिपूर्ण राज्य में अराजकता पैदा करने के लिए हिंसा भड़का रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सोमवार (6 सितंबर) को माणिक सरकार ने धनपुर में अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा करते हुए, माकपा कार्यकर्ताओं को भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले करने के लिए उकसाया. राज्य के लोग राजनीतिक हिंसा को दोहराना नहीं चाहते हैं जो माकपा शासन के 25 साल की एक नियमित विशेषता थी.

भट्टाचार्जी ने दावा किया कि आज (बुधवार), जब भाजपा सदस्य और नेता अगरतला और राज्य के अन्य हिस्सों में रैलियां कर रहे थे, तो माकपा कार्यकर्ताओं ने उन पर पथराव किया.

(आईएएनएस)

अगरतला : त्रिपुरा में मुख्य विपक्षी मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के कम से कम आठ पार्टी कार्यालयों को या तो जला दिया गया या क्षतिग्रस्त कर दिया गया, जबकि अगरतला और राज्य के तीन अन्य जिलों में बुधवार को कई वाहनों और अन्य संपत्तियों को तोड़ दिया गया. पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी.

पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार सहित माकपा नेताओं ने कहा कि अगरतला में पार्टी कार्यालयों पर हमलों के लिए भाजपा नेताओं के नेतृत्व में सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता जिम्मेदार हैं. हमले दक्षिणी त्रिपुरा के उदयपुर, संतिर बाजार, पश्चिमी त्रिपुरा का दुकली और सिपाहीजला जिले के बोक्सानगर, विशालगढ़ और खतालिया में किए गए.

हालांकि भाजपा नेताओं ने इन आरोपों का खंडन किया है.

त्रिपुरा वाम मोर्चा के संयोजक बिजन धर ने कहा कि बिशालगढ़ में माकपा के जिला कार्यालय को पहले एक बुलडोजर से क्षतिग्रस्त किया गया और फिर आग लगा दी गई, जिससे अधिकांश संपत्ति और कागजात जलकर राख हो गए. उन्होंने यह भी कहा कि अगरतला और राज्य के अन्य स्थानों में छह वाहन और एक दर्जन से अधिक दोपहिया वाहन जला दिए गए.

धर ने मीडिया से कहा कि मंत्रियों, राज्य विधानसभा के उपाध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता अपने पार्टी कार्यकर्ताओं और सदस्यों से विपक्षी पार्टी के सदस्यों और उनके कार्यालयों पर हमले जारी रखने का आग्रह कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बुधवार को हुए सिलसिलेवार हमलों में नेता नानी पॉल और पार्थ प्रतिम मजूमदार समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए.

माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य धर ने कहा कि 'भाजपा के गुंडों' ने पार्टी कार्यालयों में पूर्व मुख्यमंत्री दशरथ देब और अन्य दिवंगत पार्टी नेताओं की प्रतिमा और तस्वीरों को नुकसान पहुंचाया है. वाम नेता ने कहा कि भाजपा समर्थित गुंडों और उनके कार्यकर्ताओं ने पार्टी के मुखपत्र 'दैनिक देशेर कथा' के कार्यालय पर भी हमला किया.

20 साल (1998-2018) तक मुख्यमंत्री रहे सरकार ने कहा कि त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में माकपा के पार्टी कार्यालयों में आगजनी और अभूतपूर्व हमलों के दौरान उन्होंने मुख्य सचिव कुमार आलोक और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से बात की और उनसे इस पूर्व नियोजित राजनीतिक हिंसा को रोकने का अनुरोध किया.

उन्होंने मीडिया से कहा कि ज्यादातर जगहों पर पुलिस मूकदर्शक बनी रही, क्योंकि भाजपा के लोगों ने लगभग एक साथ 8 से 10 स्थानों पर आतंक का राज फैलाया. इस बीच, भाजपा प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्जी ने कहा कि माणिक सरकार खुद त्रिपुरा के विभिन्न हिस्सों में, शांतिपूर्ण राज्य में अराजकता पैदा करने के लिए हिंसा भड़का रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सोमवार (6 सितंबर) को माणिक सरकार ने धनपुर में अपने विधानसभा क्षेत्र का दौरा करते हुए, माकपा कार्यकर्ताओं को भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले करने के लिए उकसाया. राज्य के लोग राजनीतिक हिंसा को दोहराना नहीं चाहते हैं जो माकपा शासन के 25 साल की एक नियमित विशेषता थी.

भट्टाचार्जी ने दावा किया कि आज (बुधवार), जब भाजपा सदस्य और नेता अगरतला और राज्य के अन्य हिस्सों में रैलियां कर रहे थे, तो माकपा कार्यकर्ताओं ने उन पर पथराव किया.

(आईएएनएस)

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