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रामनवमी पर अयोध्या में राम जन्मोत्सव का उल्लास, 50 लाख श्रद्धालु पहुंचे रामनगरी

रामनगरी अयोध्या में रविवार को रामनवमी की धूम रही. रामजन्म भूमि परिसर के मंदिर में भी श्रद्धालुओं ने रामलला का जन्मोत्सव मनाया. अनुमान है कि रामनवमी के दिन अयोध्या में 50 लाख श्रद्धालुओं का आगमन हुआ है.

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Published : Mar 30, 2023, 9:13 PM IST

रामनवमी पर अयोध्या में राम जन्मोत्सव का उल्लास
रामनवमी पर अयोध्या में राम जन्मोत्सव का उल्लास
अयोध्या में राम जन्मोत्सव का उल्लास.

अयोध्या : भए प्रगट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी...धर्म नगरी अयोध्या में गुरुवार को रामनवमी पर उत्साह का माहौल रहा. राम जन्मोत्सव पर भक्त आस्था और भक्ति में भाव विभोर रहे. श्री राम जन्मभूमि परिसर में जैसे ही दोपहर के 12:00 बजे घंटे घड़ियाल की मंगल ध्वनि के बीच प्रतीकात्मक रूप से भगवान रामलला का जन्म हुआ, भक्तों ने जय श्री राम के जयकारे लगाए. इस बार भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव इसलिए भी खास है क्योंकि अगले वर्ष भगवान रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे.

माना जाता है कि रामनवमी के दिन सरयू में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं.
माना जाता है कि रामनवमी के दिन सरयू में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं.
ब्रह्ममुहूर्त में ही सरयू में डुबकी लगाने लगे श्रद्धालु : गुरुवार को अयोध्या के राम जन्मभूमि कनक भवन सहित लगभग 5000 मंदिरों में भगवान राम का जन्मोत्सव भव्य रूप से मनाया गया. इस मौके पर ब्रह्म मुहूर्त से ही पवित्र सरयू नदी में श्रद्धालुओं ने डुबकियां लगानी शुरू कर दी और अयोध्या के मठ मंदिरों में पहुंचने लगे. कई मंदिरों में श्रद्धालु झूमते-नाचते और गाते दिखे. पौराणिक मान्यता के अनुसार, पूरी दुनिया का पाप धोते-धोते जब तीर्थराज प्रयाग का रंग बिल्कुल काला हो गया.रामनवमी के मौके पर अपने पाप धोने के लिए तीर्थराज प्रयाग भी अपने घोड़े सहित सरयू नदी में स्नान करने के लिए आए थे. सरयू नदी में स्नान करने के बाद उनका रंग काला से सफेद हो गया था. पौराणिक मान्यता है कि रामनवमी के दिन पवित्र सरयू नदी में स्नान करने से जन्म जन्मांतर के पाप मिट जाते हैं. इसी मान्यता के चलते लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गुरुवार को सरयू नदी में डुबकियां लगाईं.
रामजन्मभूमि परिसर में श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तोरण द्वार बनाए गए हैं.
रामजन्मभूमि परिसर में श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तोरण द्वार बनाए गए हैं.

राम मंदिर में भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था : रामनवमी के मौके पर राम जन्मभूमि परिसर में राम भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की गई. दोपहर के 12:00 बजे भगवान राम का जन्म उत्सव भव्य रूप से मनाया गया. इस मौके पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा पूरे परिसर को भव्य रूप से सजाया गया . राम मंदिर निर्माण कार्यस्थल को भी फूलों से सजाया गया . इसके अलावा मुख्य प्रवेश द्वार पर भी राम भक्तों के स्वागत के लिए द्वार बनाए गए. रामनवमी के मौके पर राम लला की भव्य आरती उतारी गई है और उन्हें पंजीरी का भोग लगाया गया है. बताते चलें कि रामनवमी के मौके पर अयोध्या में लगभग 50 लाख श्रद्धालु पहुंचे.

रामजन्मभूमि परिसर के हर कण में राम का नाम नजर आया.
रामजन्मभूमि परिसर के हर कण में राम का नाम नजर आया.

पढ़ें : Varanasi News : रामनवमी पर गंगा में दिखा अद्भुत संगम, बोट यात्रा के जरिये जवानों ने की यह अपील

अयोध्या में राम जन्मोत्सव का उल्लास.

अयोध्या : भए प्रगट कृपाला दीन दयाला कौशल्या हितकारी...धर्म नगरी अयोध्या में गुरुवार को रामनवमी पर उत्साह का माहौल रहा. राम जन्मोत्सव पर भक्त आस्था और भक्ति में भाव विभोर रहे. श्री राम जन्मभूमि परिसर में जैसे ही दोपहर के 12:00 बजे घंटे घड़ियाल की मंगल ध्वनि के बीच प्रतीकात्मक रूप से भगवान रामलला का जन्म हुआ, भक्तों ने जय श्री राम के जयकारे लगाए. इस बार भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव इसलिए भी खास है क्योंकि अगले वर्ष भगवान रामलला अपने भव्य मंदिर में विराजमान हो जाएंगे.

माना जाता है कि रामनवमी के दिन सरयू में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं.
माना जाता है कि रामनवमी के दिन सरयू में स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं.
ब्रह्ममुहूर्त में ही सरयू में डुबकी लगाने लगे श्रद्धालु : गुरुवार को अयोध्या के राम जन्मभूमि कनक भवन सहित लगभग 5000 मंदिरों में भगवान राम का जन्मोत्सव भव्य रूप से मनाया गया. इस मौके पर ब्रह्म मुहूर्त से ही पवित्र सरयू नदी में श्रद्धालुओं ने डुबकियां लगानी शुरू कर दी और अयोध्या के मठ मंदिरों में पहुंचने लगे. कई मंदिरों में श्रद्धालु झूमते-नाचते और गाते दिखे. पौराणिक मान्यता के अनुसार, पूरी दुनिया का पाप धोते-धोते जब तीर्थराज प्रयाग का रंग बिल्कुल काला हो गया.रामनवमी के मौके पर अपने पाप धोने के लिए तीर्थराज प्रयाग भी अपने घोड़े सहित सरयू नदी में स्नान करने के लिए आए थे. सरयू नदी में स्नान करने के बाद उनका रंग काला से सफेद हो गया था. पौराणिक मान्यता है कि रामनवमी के दिन पवित्र सरयू नदी में स्नान करने से जन्म जन्मांतर के पाप मिट जाते हैं. इसी मान्यता के चलते लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गुरुवार को सरयू नदी में डुबकियां लगाईं.
रामजन्मभूमि परिसर में श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तोरण द्वार बनाए गए हैं.
रामजन्मभूमि परिसर में श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तोरण द्वार बनाए गए हैं.

राम मंदिर में भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था : रामनवमी के मौके पर राम जन्मभूमि परिसर में राम भक्तों के लिए विशेष व्यवस्था की गई. दोपहर के 12:00 बजे भगवान राम का जन्म उत्सव भव्य रूप से मनाया गया. इस मौके पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा पूरे परिसर को भव्य रूप से सजाया गया . राम मंदिर निर्माण कार्यस्थल को भी फूलों से सजाया गया . इसके अलावा मुख्य प्रवेश द्वार पर भी राम भक्तों के स्वागत के लिए द्वार बनाए गए. रामनवमी के मौके पर राम लला की भव्य आरती उतारी गई है और उन्हें पंजीरी का भोग लगाया गया है. बताते चलें कि रामनवमी के मौके पर अयोध्या में लगभग 50 लाख श्रद्धालु पहुंचे.

रामजन्मभूमि परिसर के हर कण में राम का नाम नजर आया.
रामजन्मभूमि परिसर के हर कण में राम का नाम नजर आया.

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