इम्फाल: मणिपुर में हाल में हुई हिंसक घटनाओं और अमन चैन बहाली के दौरान सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 40 से अधिक उग्रवादी मारे गए. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को इस संबंध में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि हिंसक घटनाओं और नागरिकों को हमलों से बचाने के दौरान सुरक्षा बलों की कार्रवाई में अब तक 40 से अधिक उग्रवादियों मारे गए हैं. वहीं, आज से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का राज्य के दौरे का कार्यक्रम है. बताया जा रहा है कि वह राज्य में हुई हिंसा को लेकर स्थिति का जायजा लेंगे.
एन बीरेन सिंह ने कहा, 'हमने उग्रवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है. अब करीब 40 उग्रवादी मारे गए हैं. इससे पहले सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने सिंह से मुलाकात की और मणिपुर में मौजूदा सुरक्षा स्थिति और शांति बहाल करने के लिए सेना द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा की. सीएम ने कहा, 'उग्रवादी समूहों के खिलाफ जवाबी और रक्षात्मक अभियानों के दौरान वे मारे गए. वहीं कुछ उग्रवादियों को गिरफ्तार भी किया है. ये उग्रवादी नागरिक जनता के खिलाफ अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल करते हैं. पिछले एक या दो दिनों में घाटी के आसपास के क्षेत्रों में नागरिक घरों पर हिंसक हमलों में तेजी आई है. ऐसा प्रतीत होता है कि ये एक सुनियोजित हमले हैं.
एक अधिकारी ने कहा, 'काकचिंग में सुगनू, चुराचंदपुर में कांगवी, इंफाल पश्चिम में कांगचुप, इंफाल पूर्व में सगोलमंग, बिशेनपुर में नुंगोईपोकपी, इंफाल पश्चिम में खुरखुल और कांगपोकपी में वाईकेपीआई से गोलीबारी की सूचना मिली. इंफाल पश्चिम के उरीपोक में भाजपा विधायक ख्वाइरकपम रघुमणि सिंह के घर में कथित रूप से तोड़फोड़ की गई और उनके दो वाहनों में आग लगा दी गई.
सीएम ने कहा कि राज्य का विभाजन और राज्य में शांति भंग करने की कोशिश करने वाले यहां के लोगों के दुश्मन हैं. सरकार ऐसी हर चुनौती का सामना करती रहेगी. गोलीबारी सशस्त्र उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच है न कि समुदायों के बीच. इसलिए लोगों से शांति बनाए रखने और एकजुट रहने का आग्रह करता हूं.
एन बीरेन सिंह ने यह भी कहा कि सरकार मणिपुर के विभाजन को किसी भी शर्त पर स्वीकर नहीं करेगी. हर हाल में राज्य की अखंडता की रक्षा करेगी. इन सशस्त्र उग्रवादियों को राज्य से उखाड़ फेंकेगी. सीएम ने आश्वासन दिया सरकार राज्य की क्षेत्रीय अखंडता और लोगों के जीवन और संपत्ति पर हमलों के खिलाफ हर चुनौती का सामना करेगी.
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लोगों से कमांडो और सुरक्षा बलों के लिए समर्थन और प्रार्थना करने और उन्हें प्रोत्साहित करने की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य बल सीधे राज्य के गृह विभाग के अधीन है और उन पर किसी की ओर से कोई प्रतिबंध नहीं है.' मणिपुर में तीन मई को पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद लगभग 75 लोगों की जान लेने वाली जातीय झड़पें हुईं.
(एएनआई)