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महिलाओं को लोक सभा और विधानसभाओं में मिले 33 फीसदी आरक्षण : अठावले

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले ने राजनीति में महिलाओं के लिए आरक्षण का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि लोक सभा, राज्य सभा और विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई यानी 33 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए.

Ramdas Athawale
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Published : Mar 8, 2021, 8:40 PM IST

नई दिल्ली : रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सोमवार को लोक सभा, राज्य सभा और विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई यानी 33 फीसदी आरक्षण देने की आवाज उठाई है.

उन्होंने कहा है कि महिलाओं को बराबरी का मौका मिलना चाहिए. इस नाते उन्हें 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना जरूरी है. केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि, 'रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) महिलाओं को लोक सभा, राज्य सभा और सभी विधानसभाओं में एक तिहाई यानी 33 फीसदी आरक्षण की मांग का समर्थन करती है.

संविधान निर्माता बाबा डॉ. भीमराव आंबेडकर ने महिलाओं के कल्याण के लिए बहुत कार्य किए. महिला कोड बिल भी लेकर आए, लेकिन महिला कोड बिल नामंजूर होने पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) की भी ऐसी मांग है कि महिलाओं को राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने के लिए, लोक सभा, राज्य सभा और विधानसभा में आरक्षण दिया जाए. महिलाओं को बराबरी का हिस्सा होना चाहिए.'

पढ़ेंः महिला दिवस पर महिलाओं ने संभाला किसान आंदोलन का मंच, भगत सिंह के परिजन भी हुए शामिल

नई दिल्ली : रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सोमवार को लोक सभा, राज्य सभा और विधानसभाओं में महिलाओं को एक तिहाई यानी 33 फीसदी आरक्षण देने की आवाज उठाई है.

उन्होंने कहा है कि महिलाओं को बराबरी का मौका मिलना चाहिए. इस नाते उन्हें 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना जरूरी है. केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा है कि, 'रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) महिलाओं को लोक सभा, राज्य सभा और सभी विधानसभाओं में एक तिहाई यानी 33 फीसदी आरक्षण की मांग का समर्थन करती है.

संविधान निर्माता बाबा डॉ. भीमराव आंबेडकर ने महिलाओं के कल्याण के लिए बहुत कार्य किए. महिला कोड बिल भी लेकर आए, लेकिन महिला कोड बिल नामंजूर होने पर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) की भी ऐसी मांग है कि महिलाओं को राजनीतिक भागीदारी बढ़ाने के लिए, लोक सभा, राज्य सभा और विधानसभा में आरक्षण दिया जाए. महिलाओं को बराबरी का हिस्सा होना चाहिए.'

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