चेन्नई : तमिलनाडु से चोरी हुई 300 साल पुरानी तमिल भाषा में लिखी बाइबिल के लंदन में होने का पता चला है. इस बाइबिल का तमिलनाडु की मूर्ति शाखा सीआईडी ने पता लगाया है. जिसमें पता चला है कि यह बाइबिल लंदन में किंग्स कलेक्शंस में दिखी है. इसका अनुवाद 1715 में एक जर्मन मिशनरी, बार्थोलोमियस ज़िजेनबाल्ग (Bartholomaeus Ziegenbalg) द्वारा किया गया था.
बताया जाता है कि बार्थोलोमियस 1706 में तमिलनाडु के नागपट्टिनम जिले में आया और उसने प्रिंटिंग प्रेस की स्थापना की. इस दौरान उसने भारतीय धर्म और संस्कृति पर तमिल भाषा में 1715 में बाइबिल का अनुवाद किया और प्रकाशित भी किया था. 1719 में बार्थोलोमियस के निधन के बाद, अनुवाद बाइबिल की पहली प्रति तंजावुर राजा राजा सरफोजी को दी गई थी. बाद में तंजावुर में सरस्वती महल संग्रहालय में इसे प्रदर्शन के लिए रखा गया था. वहीं 10 अक्टूबर 2005 को सरस्वती महल संग्रहालय के प्रशासनिक अधिकारी ने तंजावुर पश्चिम पुलिस स्टेशन में प्राचीन बाइबिल की चोरी का आरोप लगाते हुए एक शिकायत दर्ज कराई थी. लेकिन यह कहते हुए मामला बंद कर दिया गया था कि यह पता लगाने योग्य नहीं था.
हालांकि 2017 में, आइडल विंग सीआईडी को ई. राजेंद्रन से सरस्वती महल से एक पुरातात्विक बाइबिल के गायब होने की शिकायत मिली और इस पर चोरी का मामला दर्ज किया गया. मामले की जांच में पाया गया कि तंजावुर के राजा सरफोजी के हस्ताक्षर वाली बाइबिल सरस्वती महल संग्रहालय से गायब है, और यह 2005 में उस समय गायब हुई थी जब विदेशियों के समूह ने सरफोजी के शताब्दी समारोह के लिए परिसर का दौरा किया था. जांच के दौरान पता चला कि यह बाइबिल लंदन में है.
ये भी पढ़ें - 23 अगस्त : छापाखाने में दुनिया की पहली बाइबिल छपी